पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिंह राव को मरणोपरांत देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसकी जानकारी देते हुए एक्स पर एक लंबा पोस्ट लिखा है।

राव की प्रशंसा करते हुए पीएम मोदी ने लिखा है, “उनका दूरदर्शी नेतृत्व भारत को आर्थिक रूप से उन्नत बनाने, देश की समृद्धि और विकास के लिए एक ठोस नींव रखने में सहायक साबित हुआ। …उन्होंने न केवल महत्वपूर्ण परिवर्तनों के माध्यम से भारत को आगे बढ़ाया बल्कि इसकी सांस्कृतिक और बौद्धिक विरासत को भी समृद्ध किया।”

अपने पहले ही आम चुनाव में नरसिंह को किया था याद

साल 2014 में अपने पहले लोकसभा चुनाव के दौरान नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस पर निशाना साधने के लिए पीवी नरसिंह राव का जिक्र किया था। उन्होंने गांधी परिवार पर दिवंगत पूर्व प्रधानमंत्री को आम लोगों की यादों से खत्म करने का आरोप लगाते हुए कहा था, “इस परिवार ने नरसिंह राव को सार्वजनिक स्मृति से खत्म कर दिया। ये (कांग्रेस) आंध्र प्रदेश को नापसंद करते हैं और ‘फूट डालो राज करो’ की नीति में विश्वास करते हैं।” तब मोदी ने संकेत दिया था कि नरसिंह राव को ‘बाहरी’ होने की बड़ी कीमत चुकानी पड़ी।

सत्ता में आने के तुरंत बाद राव की याद में बनवाया स्मारक

सत्ता में आते ही एनडीए सरकार ने नरसिंह राव की याद में स्मारक बनाने का प्रस्ताव (2015) रखा था। तत्कालीन केंद्रीय शहरी विकास मंत्री एम वेंकैया नायडू ने इस पर तेजी से काम किया। उन्होंने साइट का दौरा भी किया था। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, नायडू ने इंजीनियरों से कार्य को शीघ्र पूरा करने को कहा था ताकि राव की जयंती तक पर लोग श्रद्धांजलि अर्पित करने आ सकें।

28 जून (नरसिंह राव जयंती) 2015 को स्मारक का काम पूरा हो गया था। इस तरह पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिंह राव के निधन के 10 साल बाद उनके नाम पर राष्ट्रीय राजधानी में एक स्मारक अस्तित्व में आया था।

लगातार नरसिंह राव की तारीफ करते रहे हैं पीएम मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने दोनों कार्यकाल में समय-समय पर नरसिंह राव के बहाने कांग्रेस पर निशाना साधते रहे हैं। साल 2022 में वरिष्ठ तेलुगु पत्रकार ए कृष्ण राव द्वारा नरसिंह राव पर लिखी किताब “द क्विंटेसेंशियल रिबेल” प्रकाशित हुई थी।

पत्रकार ने राव के कार्यकाल की उपलब्धियों और चुनौतियों पर प्रकाश डालने वाली अपनी किताब पीएम मोदी को भेंट की थी। ए कृष्ण राव से बातचीत के दौरान पीएम मोदी ने कहा था कि “नरसिंह राव ने आधुनिक भारत के निर्माण में महान योगदान दिया था। कांग्रेस पार्टी के हर फैसले में उनकी प्रमुख भूमिका रही। फिर भी पार्टी नेतृत्व ने राष्ट्र के प्रति उनकी सेवाओं को कम महत्व देने की कोशिश की। पार्टी केवल एक परिवार का महिमामंडन करने में विश्वास करती है।”

पत्रकार से बातचीत में पीएम मोदी ने नरसिंह राव की मौत के बाद कांग्रेस मुख्यालय में हुई एक घटना का भी जिक्र किया था। पीएम ने कहा था, “नरसिंह राव की मृत्यु के बाद कांग्रेस नेतृत्व ने उनके शव को अंतिम सम्मान के लिए AICC कार्यालय परिसर में रखने की अनुमति नहीं दी थी। ऐसा कर उनका अपमान किया गया।”

दो महीने पहले भी राव को किया था याद

27 नवंबर, 2023 के तेलंगाना के करीमनगर में एक चुनाव रैली को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा था, “तेलंगाना की धरती पर जन्म लेकर देश के पीएम बनने वाले पी.वी. नरसिंह राव का कांग्रेस पार्टी ने कदम-कदम पर अपमान किया।”

मणिशंकर अय्यर ने नरसिंह राव को बताया था भाजपा का पहला प्रधानमंत्री

23 अगस्त, 2023 को अपनी आत्मकथा मेमोयर्स ऑफ ए मेवरिक: द फर्स्ट फिफ्टी इयर्स (1941-1991) के लॉन्च पर द वायर से बात करते हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री और दिग्गज कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर ने कहा था कि भाजपा के पहले प्रधानमंत्री नरसिंह राव थे। उनके विचार पक्षपातपूर्ण और इतने सांप्रदायिक था कि वह देश को धर्मनिरपेक्ष रास्ते से सांप्रदायिक रास्ते पर ले गए।

उन्होंने एक घटना का उदाहरण देते हुए कहा, “जब मैं रामेश्वरम से अयोध्या तक राम रहीम यात्रा पर था, तो मुझे ओडिशा से दिल्ली बुलाया गया। नरसिंह राव ने मुझसे कहा, “मैं आपकी यात्रा से असहमत नहीं हूं, लेकिन मुझे धर्मनिरपेक्षता की आपकी परिभाषा से असहमति है।

अय्यर आगे बताते हैं, “तो मैंने उनसे पूछा, ‘सर, धर्मनिरपेक्षता की मेरी परिभाषा में क्या गलत है?’ और उनका उत्तर जो मेरे हृदय और मेरी आत्मा पर अंकित हो गया है वह था, ‘मणि तुम यह नहीं समझते कि यह एक हिंदू देश है।’ इतना सुन मैं अपनी कुर्सी पर बैठ गया और कहा, ‘भाजपा भी यही कहती है। लेकिन यह हिंदू देश नहीं है। हम एक धर्मनिरपेक्ष देश हैं और इस धर्मनिरपेक्ष देश में हमारे पास हिंदुओं का एक बड़ा बहुमत है। लेकिन यहां लगभग 20 करोड़ मुस्लिम और ईसाई, यहूदी, पारसी और सिख भी रहते हैं। तो हम हिंदू देश कैसे हो सकते हैं? हम केवल एक धर्मनिरपेक्ष देश बन सकते हैं।”

राम मंदिर बनाना चाहते थे राव, बाबरी विध्वंस के बाद कहा था- जो हुआ ठीक हुआ

वरिष्ठ पत्रकार नीरजा चौधरी ने अपनी किताब ‘हाउ प्राइम मिनिस्टर्स डिसाइड’ में लिखा है कि तत्कालीन प्रधानमंत्री नरसिंह राव चाहते थे कि बाबरी मस्जिद गिरा दी जाए। वह खुद अयोध्या में मंदिर बनाना चाहते थे।

किताब के मुताबिक, बाबरी विध्वंस के कुछ दिन बाद पत्रकार निखिल चक्रवर्ती ने PM राव की मुलाकात की थी। दोनों अच्छे दोस्त थे। बातचीत में राव ने अपने दोस्त से कहा था, “…मेरा जन्म राजनीति में हुआ है और मैं आज तक केवल राजनीति ही कर रहा हूं। जो हुआ वो ठीक हुआ ….मैंने यह होने दिया ताकि भाजपा की मंदिर राजनीति हमेशा के लिए खत्म हो जाए।” विस्तार से पढ़ने के लिए फोटो पर क्लिक करें:

PV Narasimha Rao
पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिंह राव