अयोध्या के राम मंदिर में 22 जनवरी को होने वाली प्राण प्रतिष्ठा के लिए रामलला (राम का बाल रूप) की मूर्ति गर्भगृह में पहुंचाई जा चुकी है। प्राण प्रतिष्ठा समारोह को भाजपा का राजनीतिक कार्यक्रम बताकर कांग्रेस समेत कई दलों और शंकराचार्यों ने इसका विरोध किया है।

कांग्रेस ने प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल न होने का फैसला किया है, इस वजह से भाजपा देश की सबसे पुरानी पार्टी की ‘राम भक्ति’ पर सवाल उठा रहा है। एक वक्त था, जब भारत के छठे प्रधानमंत्री राजीव गांधी (1984-1989) ने सरकारी टीवी चैनल दूरदर्शन पर रामायण चलवाने के लिए अपने सूचना और प्रसारण मंत्री तक को बदल दिया था।

25, जनवरी 1987 को रामायण का पहला एपिसोड डीडी पर प्रसारित किया गया था। शुरुआत में ही शो ब्लॉकबस्टर हो गया। रामानंद सागर के रामायण का प्रसारण रविवार की सुबह होता था। मीडिया रिपोर्ट्स से पता चलता है कि इसे देखने के लिए उत्तर भारत की सड़कें सूनी हो जाती थीं।

शो की लोकप्रियता के साथ-साथ कलाकारों के प्रति श्रद्धा भी बढ़ती गई। टीवी पर नजर आने वाले राम-सीता की लोग पूजा करने लगे। राम का किरदार निभाने वाले अरुण गोविल की लोकप्रियता आसमान छूने लगी। आम लोगों की नजर में वह राम की प्रतिमूर्ति बन चुके थे।

टीवी के राम ने कांग्रेस का किया प्रचार

उनकी लोकप्रियता को देखते हुए तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने उन्हें कांग्रेस में शामिल होने के लिए कहा। इससे पहले वह ‘हिंदू भावनाओं’ का सम्मान करते हुए बाबरी मस्जिद का ताला खुलवा चुके थे!

आउटलुक की एक रिपोर्ट के मुताबिक, गोविल को कई मौकों पर राजीव गांधी के साथ प्रचार करते हुए भी देखा गया था। इंडिया टुडे की एक रिपोर्ट से पता चलता है कि साल 1988 में कांग्रेस ने गोविल को पार्टी की सदस्यता दी और चुनाव लड़ने को भी कहा। हालांकि उन्होंने इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया।

2021 में पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव से ठीक पहले अरुण गोविल बीजेपी में शामिल हुए थे। अब टीवी के राम भाजपा के लिए काम करते हैं। आए दिन भाजपा के सोशल मीडिया हैंडल पर अरुण गोविल का वीडियो शेयर किया जाता है।

‘सीता’ ने भाजपा से लड़ा था चुनाव

राम की तरह ही रामानंद सागर के अन्य किरदार भी खूब लोकप्रिय हुए थे। धारावाहिक में सीता का किरदार दीपिका चिखलिया ने निभाया था। 1991 के लोकसभा चुनाव से पहले की बात है। तब शंकर सिंह वाघेला गुजरात भाजपा के वरिष्ठ नेता हुआ करते थे। वह मंदिर आंदोलन में भी सक्रिय थे। वह दीपिका चिखलिया चुनाव में उतारना चाहते थे। लेकिन पेंच यह था कि उन्हें वड़ोदरा से उतारा जाए या पंचमहल से। अंत में वडोदरा का नाम फाइनल हुआ।

दीपिका चिखलिया ने वरिष्ठ भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी और मौजूदा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में पर्चा भर दिया। हालांकि 26 साल की चिखलिया को राजनीति का कोई अनुभव नहीं था। लेकिन रामायण की सीता को चुनाव में देखकर जनता के आश्चर्य का ठिकाना न था। चुनावी रैलियों में ‘सीता’ की एक झलक पाने के लिए जमकर भीड़ उमरती। महिलाएं उनके पैर छून को आतुर रहतीं।

नतीजा यह रहा कि वडोदरा में कांग्रेस का किला ढह गया। इस सीट पर पहली बार भाजपा को जीत मिली। दो बार के सांसद रंजीत सिंह गायकवाड़ की बुरी हार हुई। दीपिका को 49.98 फीसदी वोट मिले और वह भाजपा सांसद बन गईं।

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भाजपा सांसद बनने के बाद दीपिका चिखलिया (Express archive photo)

साल 2020 में दीपिका ने अपने ट्विटर (अब एक्स) पर नामांकन वाले दिन की तस्वीर शेयर करते हुए लिखा था, “एक पुरानी तस्वीर जब मैं बड़ौदा से चुनाव के लिए खड़ी हुई थी, जिसे अब वड़ोदरा कहा जाता है। यह हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी हैं, बगल में लालकृष्ण आडवाणी जी हैं। मैं हूं और चुनाव प्रभारी नलिन भट्ट हैं।”

भाजपा में शामिल हुए थे ‘रावण’

जहां रामानंद सागर के रामायण के राम ने 1980 के दशक के अंत और 90 के दशक की शुरुआत में कांग्रेस का समर्थन किया। वहीं शो के रावण अरविंद त्रिवेदी ने भारतीय जनता पार्टी में शामिल होना पसंद किया। उन्होंने भाजपा से लोकसभा चुनाव भी लड़ा। 1991 में पार्टी के टिकट पर वह गुजरात के साबरकांठा से सांसद बने।

अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली पहली एनडीए सरकार के दौरान त्रिवेदी 2002-03 तक केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) के अध्यक्ष भी रहे। 2021 में जब अनुभवी अभिनेता अरविंद त्रिवेदी का निधन हुआ, तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट किया: “हमने श्री अरविंद त्रिवेदी को खो दिया है, जो न केवल एक असाधारण अभिनेता थे, बल्कि सार्वजनिक सेवा के प्रति भी जुनूनी थे। पीढ़ियों तक उन्हें रामायण टीवी धारावाहिक में उनके काम के लिए याद किया जाएगा।”

वाइन पीते हुए रामानंद सागर को आया था रामायण बनाने का आइडिया

रामानंद सागर को रामायण बनाने का आइडिया स्विट्जरलैंड में चरस फिल्म की शूटिंग के दौरान वाइन पीते हुए आया था। इस बारे में खुद रामानंद सागर के बेटे प्रेम सागर ने अपनी किताब ‘An Epic Life: Ramanand Sagar: From Barsaat to Ramayan’ में विस्तार से लिखा है। रामायण बनने और प्रसारित होने की पूरी कहानी पढ़ने के लिए नीचे दिए फोटो पर क्लिक करें:

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बाएं से- राम की भूमिका में अरुण गोविल और सीता की भूमिका में दीपिका चिखलिया