Zelenskyy Urges PM Modi: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शंघाई सहयोग संगठन शिखर सम्मेलन के लिए तियानजिन पहुंच चुके हैं। जहां वे अन्य नेताओं के अलावा रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात भी करेंगे। रूस के राष्ट्रपति से मुलाकात से पहले यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की ने मोदी से बात की है। बातचीत के दौरान जेलेंस्की ने कहा कि इस (यूक्रेन) युद्ध का अंत तत्काल युद्ध विराम के साथ होना चाहिए और इसके लिए भारत को जरूरी कदम उठाने चाहिए। उन्होंने कहा कि मोदी पुतिन को उचित संकेत देने के लिए तैयार लग रहे हैं।

वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक्स पर एक पोस्ट में ज़ेलेंस्की को फ़ोन कॉल के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि हमने चल रहे संघर्ष, उसके मानवीय पहलू और शांति एवं स्थिरता बहाल करने के प्रयासों पर विचारों का आदान-प्रदान किया। भारत इस दिशा में सभी प्रयासों को पूर्ण समर्थन देता है।

प्रधानमंत्री कार्यालय ने एक बयान में कहा कि प्रधानमंत्री (मोदी) ने राष्ट्रपति जेलेंस्की को धन्यवाद दिया और संघर्ष के शांतिपूर्ण समाधान के लिए भारत के दृढ़ और सतत रुख तथा शांति की शीघ्र बहाली के प्रयासों के प्रति समर्थन की पुष्टि की।

बयान में कहा गया है कि राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की ने यूक्रेन से संबंधित हालिया घटनाक्रम पर अपना दृष्टिकोण साझा किया, जो पुतिन और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की 15 अगस्त को अलास्का में हुई बैठक और उसके बाद वाशिंगटन में ज़ेलेंस्की और अन्य यूरोपीय नेताओं के साथ ट्रम्प की बैठक के मद्देनजर हुआ।

बता दें, अलास्का में ट्रंप से मुलाकात के तीन दिन बाद, 18 अगस्त को पुतिन ने मोदी को फोन किया और मुलाक़ात के बारे में अपनी राय साझा की थी। यह ट्रंप की ज़ेलेंस्की और यूरोपीय नेताओं से मुलाक़ात से कुछ घंटे पहले हुआ था। पीएमओ ने कहा कि पुतिन ने ट्रंप के साथ अपनी मुलाक़ात के बारे में मोदी के साथ अपने विचार साझा किए थे।

इससे पहले, 9 अगस्त को रूसी तेल की खरीद को लेकर भारत पर टैरिफ दोगुना करने के बाद वाशिंगटन के साथ दिल्ली के संबंधों में तनाव के बीच अलास्का वार्ता के दौरान , मोदी और पुतिन ने फोन पर बातचीत की थी, जिसके दौरान उन्होंने यूक्रेन पर नवीनतम घटनाक्रम पर चर्चा की और भारत-रूस विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी को और गहरा करने की अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि की। रूस ने ट्रम्प की टैरिफ कार्रवाई की आलोचना की थी और भारत के अपने व्यापारिक साझेदार चुनने के अधिकार का समर्थन किया था।

इस सप्ताह के शुरू में, ट्रम्प के व्यापार सलाहकार पीटर नवारो ने रूस-यूक्रेन युद्ध को मोदी का युद्ध बताया था, और कहा था कि शांति का रास्ता, कम से कम आंशिक रूप से, नई दिल्ली से होकर गुजरता है और आगे कहा था कि “भारत जो कर रहा है, उसके कारण अमेरिका में हर कोई हार रहा है।

भारत ने अपनी रणनीतिक स्वायत्तता पर कड़ा रुख अपनाया है। रूस में भारतीय राजदूत विनय कुमार ने TASS समाचार एजेंसी को बताया कि भारतीय कंपनियां जहां भी उन्हें सबसे अच्छा सौदा मिलेगा, वहां से (तेल) खरीदना जारी रखेंगी। क्रेमलिन द्वारा शुक्रवार को जारी एक बयान के अनुसार, पुतिन इस वर्ष दिसंबर में भारत की यात्रा पर आएंगे।

शनिवार को अपनी बातचीत में मोदी और जेलेंस्की ने भारत-यूक्रेन द्विपक्षीय साझेदारी में प्रगति की समीक्षा की और आपसी हित के सभी क्षेत्रों में सहयोग को और बढ़ाने के तरीकों पर चर्चा की।

एक्स पर एक विस्तृत पोस्ट में, ज़ेलेंस्की ने कहा कि उन्होंने यूक्रेन की रूस के प्रमुख के साथ बैठक के लिए तत्परता की पुष्टि की। उन्होंने कहा कि मैंने (मोदी को) वाशिंगटन में राष्ट्रपति ट्रंप के साथ हुई बातचीत के बारे में बताया, जिसमें यूरोपीय नेताओं ने भी हिस्सा लिया था। यह एक उपयोगी और महत्वपूर्ण बातचीत थी, और वास्तविक शांति कैसे प्राप्त की जाए, इस पर साझेदारों के बीच एक साझा दृष्टिकोण था।

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अलास्का वार्ता के लगभग दो सप्ताह बीत चुके हैं, और जबकि उन्होंने कहा कि रूस की ओर से हमले जारी हैं, उन्होंने मोदी को “पीड़ितों के परिवारों और प्रियजनों के प्रति उनकी संवेदना के शब्दों” के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि हमने शंघाई सहयोग संगठन शिखर सम्मेलन से पहले अपनी स्थिति को समन्वित किया।’

ज़ेलेंस्की ने कहा कि इस युद्ध का अंत तत्काल युद्ध विराम और आवश्यक शांति के साथ होना चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि भारत आवश्यक प्रयास करने और शिखर सम्मेलन के दौरान होने वाली बैठकों के दौरान रूस और अन्य नेताओं को उचित संकेत देने के लिए तैयार है। उन्होंने निकट भविष्य में अपने और मोदी के बीच संभावित बैठक का भी संकेत दिया। पिछले साल, मोदी ने मॉस्को और कीव की यात्रा की थी और घोषणा की थी कि युद्ध के मैदान में समाधान नहीं निकल सकते और भारत शांति प्रयासों का समर्थन करने के लिए तैयार है। उन्होंने ज़ेलेंस्की को भारत आने का निमंत्रण भी दिया था।

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