Who is Kash Patel: अमेरिकी प्रशासन में भारतीय या भारतीय मूल के लोगों को अक्सर उच्च पदों पर देखा गया है। पिछले कुछ सालों में कई राष्ट्रपतियों ने अपने प्रशासन में भारतीय मूल के लोगों को उच्च पदों पर नियुक्त किया है। अब चर्चा है कि पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, देश की सबसे बड़ी खुफिया एजेंसी, सेंट्रल इंटेलिजेंस एजेंसी (CIA) के प्रमुख के पद पर भारतीय मूल के काश पटेल को नियुक्त कर सकते हैं। काश पटेल ट्रंप के काफी करीबी माने जाते हैं। ऐसे में ट्रंप की सत्ता में वापसी काश पटेल के लिए काफी फायदेमंद साबित हो सकती है। फिलहाल काश इस पद के लिए शीर्ष दावेदार माने जा रहे हैं। कई मीडिया रिपोर्टों में दावा किया गया है कि ट्रंप ने चुनाव जीतने से पहले ही यह निर्णय कर लिया था कि अगर वे जीतते हैं, तो अपनी नई सरकार में वह काश पटेल को ही इस पद की जिम्मेदारी देंगे।
70 के दशक में माता-पिता युगांडा से अमेरिका आ गए थे
काश पटेल एक भारतीय-अमेरिकी वकील और सरकारी अधिकारी हैं, जो डोनाल्ड ट्रंप के करीबी माने जाते हैं और उनके प्रशासन में महत्वपूर्ण पदों पर रह चुके हैं। उनका पूरा नाम कश्यप काश पटेल (Kashyap Kash Patel) है। उनका जन्म 1980 में गार्डन सिटी, न्यूयॉर्क (Garden City, New York) में हुआ था। उनके माता-पिता गुजराती भारतीय हैं, जो पूर्वी अफ्रीकी देश युगांडा से कनाडा के रास्ते अमेरिका आए थे। उनके माता-पिता ने 1970 के दशक में राजनीतिक अस्थिरता के कारण युगांडा छोड़कर अमेरिका में बसने का फैसला किया। 1988 में उनके पिता को अमेरिकी नागरिकता मिली थी। उनके पिता एक विमानन कंपनी (aviation company) में वित्तीय अधिकारी (financial officer) के रूप में कार्य करते थे। पटेल ने लॉन्ग आइलैंड (Long Island) के गार्डन सिटी हाई स्कूल (Garden City High School) से अपनी स्कूली पढ़ाई पूरी की।
पटेल ने 2002 में यूनिवर्सिटी ऑफ रिचमंड से अपराध न्याय (criminal justice) और इतिहास में डिग्री प्राप्त की। इसके बाद, 2004 में उन्होंने यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन से अंतरराष्ट्रीय कानून का प्रमाण पत्र प्राप्त किया और 2005 में पेस यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ लॉ (Pace University School of Law) से विधि में डॉक्टरेट (Juris Doctor) की डिग्री हासिल की। काश ने कानून की पढ़ाई पूरी करने के बाद एक वकील के रूप में अपना करियर शुरू किया और जल्द ही सरकारी अभियोजन में अपनी जगह बना ली।
खुफिया विभाग में आने के बाद कैरियर में आया था बड़ा बदलाव
काश पटेल ने कुछ समय तक एक लॉ फर्म में काम किया, लेकिन बाद में उन्हें सरकारी क्षेत्र में काम करने का अवसर मिला। 2013 में वह न्याय विभाग (Department of Justice) से जुड़े और राष्ट्रीय सुरक्षा मामलों में योगदान देने लगे। तीन साल बाद उन्हें खुफिया मामलों की स्थायी समिति में एक कर्मचारी के रूप में नियुक्त किया गया, जहां से उनके करियर में बड़ा बदलाव आया। इस दौरान, वह हाउस इंटेलिजेंस कमेटी में रिपब्लिकन सदस्य डेविन नून्स के नेतृत्व में काम कर रहे थे, जो ट्रंप के समर्थक थे।
2016 के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के दौरान काश पटेल ने रूस की हस्तक्षेप की जांच में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिससे वह ट्रंप की नजर में आए और उनके काफी करीब हो गए। इस समिति में रहते हुए उन्होंने रूसी हस्तक्षेप से संबंधित रिपोर्ट तैयार की, जिसे ट्रंप प्रशासन ने काफी सराहा। इसके बाद, 2019 में ट्रंप ने उन्हें अपनी टीम में शामिल किया, जो निवर्तमान राष्ट्रपति जो बाइडेन के बेटे हंटर बाइडेन के बारे में जानकारी जुटाने के लिए यूक्रेन पर दबाव बना रही थी। इस मामले ने काश को ट्रंप के विश्वासपात्रों में से एक बना दिया।
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2020 में ट्रंप ने उन्हें रक्षा विभाग में चीफ ऑफ स्टाफ के रूप में नियुक्त किया। इस पद पर रहते हुए उन्होंने कई संवेदनशील मुद्दों पर ट्रंप का समर्थन किया। कई रिपोर्टों के अनुसार, ट्रंप की सत्ता में वापसी की स्थिति में काश पटेल को CIA चीफ बनाए जाने की चर्चा भी है।
भारतीय मूल के होने के कारण काश पटेल हिंदू धर्म और भारतीय संस्कृति – परंपराओं से जुड़े हुए हैं। जब राम मंदिर का मुद्दा अंतरराष्ट्रीय मीडिया में आया, तो उन्होंने खुले तौर पर राम मंदिर के पक्ष में बयान दिए। उन्होंने अयोध्या में राम मंदिर के प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम का समर्थन किया और विदेशी मीडिया पर हिंदू विरोधी होने का आरोप लगाया। काश ने आलोचना की कि विदेशी मीडिया केवल विवाद को 50 साल पुराना बता रही थी, जबकि राम मंदिर का इतिहास 500 साल पुराना है। उन्होंने कहा कि विदेशी मीडिया सच्चाई को छिपाकर भारत और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ नकारात्मकता फैला रही है।
कई मीडिया रिपोर्टों में दावा किया गया है कि ट्रंप की सत्ता में वापसी के बाद काश पटेल CIA चीफ बनने के शीर्ष उम्मीदवार होंगे। ट्रंप प्रशासन में उनकी निष्ठा और कई मामलों में उनका दृढ़ समर्थन उन्हें इस पद के लिए योग्य बनाता है। काश पटेल का अमेरिकी खुफिया तंत्र में अनुभव, ट्रंप के प्रति उनकी वफादारी, और भारतीय पहचान के प्रति उनका प्रेम उन्हें इस क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण हस्ती बनाते हैं।