अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने भारतीय मूल के डॉक्टर आशीष झा को कोरोना वायरस महामारी पर अपना टॉप सलाहकार नियुक्त किया है। व्हाइट हाउस की ओर से इसके बाद कहा गया कि यूएसए में कोविड-19 प्रतिक्रिया के नए समन्वयक झा को महामारी से निपटने की अच्छी जानकारी है।
बाइडन ने डॉ झा की नियुक्ति का ऐलान करते हुए कहा कि वह कोविड-19 को लेकर व्हाइट हाउस के नये प्रतिक्रिया समन्वयक होंगे और वह अमेरिका के प्रमुख स्वास्थ्य विशेषज्ञ हैं।
व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव जेन साकी ने गुरुवार को एक प्रेस वार्ता में पत्रकारों से कहा कि डॉ झा के पास महामारी से निपटने की अच्छी जानकारी है। एक बयान में 51 वर्षीय झा ने कहा कि वह अमेरिकी लोगों के साथ एकदम स्पष्ट रहेंगे और कोविड-19 के बारे में स्पष्ट जानकारी साझा करेंगे।
भारतीय अमेरिकियों की आवाज़ को उठाने वाले संगठन ‘इम्पैक्ट’ के कार्यकारी निदेशक नील मखीजा ने कहा कि झा को नियुक्त करना जन सुरक्षा के लिए एकदम सही फैसला है। झा समझते हैं कि सरकार देश और दुनिया में कोविड से निपटने में कितनी अहम भूमिका निभाती है।
डॉ झा ने ट्विटर पर कहा कि महामारी को लेकर अबतक काफी प्रगति की गई है। उन्होंने कहा, “हमें अमेरिकियों की जिंदगी बचाने और सलामती के लिए अब भी महत्वपूर्ण कार्य करने हैं। मुझ से समन्वयक पद पर सेवा देने के लिए कहा गया है जो मेरे लिए सम्मान की बात है।”
साल 1970 में बिहार के पुरसौलिया में जन्मे झा नौ साल बाद अपने माता-पिता के साथ कनाडा और 1983 में संयुक्त राज्य अमेरिका चले गए थे। उन्होंने कोलंबिया विवि से अर्थशास्त्र में बीए किया और बाद में हार्वर्ड मेडिकल स्कूल से एमडी किया।
वह पहले हार्वर्ड ग्लोबल हेल्थ इंस्टीट्यूट का नेतृत्व कर चुके हैं और हार्वर्ड टीएच चैन स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ और हार्वर्ड मेडिकल स्कूल में पढ़ाया भी है। उनके नाम पर 200 से अधिक अनुभवजन्य पत्रों (Empirical Papers) के साथ, उनका काम काफी हद तक अमेरिका की स्वास्थ्य प्रणालियों में सुधार पर केंद्रित है। झा को इबोला पर अपने अभूतपूर्व शोध के लिए भी जाना जाता है।
झा मौजूदा समय में ब्राउन विश्वविद्यालय में स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ के डीन हैं। वह जेफरी ज़िएंट्स की जगह लेंगे। भारतीय मूल के अमेरिकी डॉक्टर का कार्यकाल पांच अप्रैल से शुरू होगा। बता दें कि अमेरिका में कोविड से अबतक 9.7 लाख से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है।