US Midterm Elections: भारतीय मूल की अरुणा मिलर ने अमेरिका में इतिहास रच दिया है। बुधवार (9 नवंबर) को मैरीलैंड राज्य में लेफ्टिनेंट गवर्नर का पद संभालने वाली पहली अप्रवासी बनी अरुणा। लाखों अमेरिकियों ने 8 नवंबर को गवर्नर, सेक्रेटरी ऑफ स्टेट और अन्य कार्यालयों की प्रमुख रेस में अपना वोट डाला था। 57 वर्षीय डेमोक्रेट वेस मूर से लेफ्टिनेंट गवर्नर के टिकट पर थीं, जिन्होंने मैरीलैंड का पहला अश्वेत गवर्नर बनकर एक रिकॉर्ड भी बनाया है।
मिलर ने अपनी जीत के तुरंत बाद ट्वीट किया, “वहां कोई जगह नहीं है बल्कि मैं मतदाताओं के साथ रहूंगी! हमारे समुदाय ने हमें इस अभियान में सर्वश्रेष्ठ बनने के लिए प्रेरित किया है और मैं आपकी प्रतिबद्धता और समर्थन के लिए अपना आभार शब्दों में व्यक्त भी नहीं कर सकती हूं।” इसके पहले साल 2010 से लेकर 2018 तक अरुणा मिलर ने मैरीलैंड हाउस ऑफ डेलीगेट्स में 15 जिलों का प्रतिनिधित्व किया था। 2018 में हुए संसदीय चुनाव में उन्हें शिकस्त झेलनी पड़ी थी। इसके बाद अरुणा को डेमोक्रेट ने गवर्नर पद का प्रत्याशी बनाया जहां उन्होंने जीत के साथ इतिहास रच दिया।
जानिए कौन हैं अरुणा मिलर?
अरुणा मिलर भारत के आंध्र प्रदेश से ताल्लुक रखतीं हैं उनका जन्म 6 नवंबर, 1964 को हैदराबाद में हुआ था। जब वो सात साल की थीं तभी उनका परिवार अमेरिका जाकर बस गया था। बचपन से ही वो अमेरिका के न्यूयॉर्क में पली-बढ़ी और मिसौरी यूनिवर्सिटी ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी से सिविल इंजीनियरिंग में बैचलर ऑफ साइंस की डिग्री हासिल की। मिलर 2000 में अमेरिकी नागरिक बनीं।
90 के दशक से शुरू किया था करियर
90 के दशक में मिलर ने अमेरिक में अपना करियर शुरू किया था सबसे पहले उन्होंने कैलिफोर्निया, हवाई और वर्जीनिया में स्थानीय सरकारों के लिए एक परिवहन इंजीनियर के रूप में काम किया। वह 1990 में मैरीलैंड चली गईं, जहां उन्होंने मोंटगोमरी काउंसिल डिपार्टमेंट ऑफ ट्रांसपोर्टेशन के साथ काम किया। इसके बाद उन्होंने कई विधायी पदों पर कार्य किया है। 2010 और 2018 के बीच, मिलर ने मैरीलैंड हाउस ऑफ डेलीगेट्स में जिला 15 का प्रतिनिधित्व किया। 2018 में, वह राज्य के 6 वें कांग्रेसी जिले में कांग्रेस के लिए लड़ीं, लेकिन डेमोक्रेटिक प्राइमरी में डेविड ट्रोन से हार गईं।
दोनों दलों से मिला मिलर को समर्थन
8 नवंबर की रात को, मूर और मिलर को विजयी घोषित किया गया। उनके अभियानों के दौरान राष्ट्रपति जो बिडेन और उपराष्ट्रपति कमला हैरिस ने उनका समर्थन किया था। मिलर ने चुनाव के दौरान दोनों दलों से समर्थन लिया, कई प्रमुख रिपब्लिकन ने उनके लिए धन जुटाया और उनके पक्ष में बात की। मिलर ने अपने विजय भाषण में कहा, “मैरीलैंड, आज रात आपने राष्ट्र को दिखाया कि एक छोटा लेकिन शक्तिशाली राज्य क्या कर सकता है जब लोकतंत्र मतदान पर हो तब आपने विभाजन पर एकता को चुना, अधिकारों को सीमित करने पर अधिकारों का विस्तार किया और भय पर आशा को चुना। आपने वेस मूर और मुझे अपना अगला गवर्नर और लेफ्टिनेंट गवर्नर चुना है।”