Taliban News: जब से अफगानिस्तान में तालिबान राज आया है, तब से महिलाओं से लेकर पुरुषों और बच्चों तक पर अनेक तरह के प्रतिबंध लग गए हैं। शिक्षा, स्वास्थ्य और खान-पान सभी को लेकर गाइडलाइंस हैं। वहीं अब विश्व स्वास्थ्य संगठन की एक रिपोर्ट सामने आई है, जो बताती है कि अफगानिस्तान और पाकिस्तान ही ऐसे देश बचें हैं, जो अभी तक पोलियो जैसी गंभीर बीमारी से पूरी तरह मुक्त नहीं है। संगठन ने यह भी बताया है कि अफगानिस्तान में तालिबान सरकार ने पोलियो टीकाकरण कैंपेन रोक दिया है।
दरअसल, AP की रिपोर्ट के मुताबिक संयुक्त राष्ट्र के तहत आने वाले संगठन WHO ने बताया है कि तालिबान ने अफगानिस्तान में पोलियो टीकाकरण अभियान रोक दिया है। हालांकि अभी तक यह नहीं पता चल पाया है कि आखिर इसका क्या कारण है। तालिबान सरकार की तरफ से इस बारे में तत्काल कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है।
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मस्जिदों में ही किया जा रहा टीकाकरण
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा कि उन्हें घर-घर जाकर टीकाकरण करने के बजाय मस्जिदों जैसे स्थानों पर टीकाकरण करने की चर्चाओं की जानकारी मिली है। डब्ल्यूएचओ ने इस वर्ष अफगानिस्तान में पोलियो के 18 मामलों की पुष्टि की है, जो कि मुल्क के लिए पोलियो को खत्म करने के लिहाज से एक खतरा है।
पाकिस्तान में पोलियों टीकाकरण के दौरान 17 की मौत
न्यूज एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान में पिछले साल पोलियो कैंपेन को झटका लगा था और इसके चलते 17 हेल्थ वर्कर्स की मौत हो गई थी। हैरानी की बात यह है कि एक तरफ जहां बच्चों को इस खतरनाक बीमारी से बचाने के लिए हेल्थवर्कर्स अपनी जान जोखिम में डालकर टीकाकरण करने के लिए निकलते हैं लेकिन उन्हें आतंकी निशाना बना देते हैं, जिसके चलते पिछले साल भर में 17 की जान जा चुकी है।
पोलियो का टीकाकरण कैंपेन चलाने वाले हेल्थ वर्कर्स पर हमले के सबसे ज्यादा मामले पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वां और बलूचिस्तान से सामने आए हैं, जिसकी पुष्टि खुद पाकिस्तानी मीडिया संस्थान डॉन ने भी की है। बताया जाता है कि साल 2012 से अब तक इस कैंपेन के करीब 121 हेल्थ वर्कर्स को आतंकियों और उपद्रवियों ने निशाना बनाया है।