शाहबाज शरीफ सरकार और सुप्रीम कोर्ट ऑफ पाकिस्तान के बीच तनातनी चरम पर पहुंच चुकी है। शरीफ सरकार ने चीफ जस्टिस ऑफ पकिस्तान के पर कतरने वाले वाले सुप्रीम कोर्ट के प्रैक्टिस एंड प्रोसीजर बिल 2023 को लागू कराने के लिए पूरी ताकत झोंक दी है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ ने सोमवार रात कैबिनेट की मीटिंग बुलाकर चर्चा की और फिर राष्ट्रपति डॉ. आरिफ अल्वी से कहा कि वो तुरंत बिल पर दस्तखत करें।
पाकिस्तान की संसद के उच्च सदन ने चीफ जस्टिस के स्वत: संज्ञान लेने और संवैधानिक बेंच गठित करने वाले अधिकारों में कटौती के लिए पेश विधेयक को बृहस्पतिवार को मंजूरी दे दी थी। शरीफ सरकार के लॉ मिनिस्टर आजम नजीर तरार ने ‘सुप्रीम कोर्ट के प्रैक्टिस एंड प्रोसीजर बिल 2023 को सीनेट में पेश किया। यह विधेयक एक दिन पहले ही नेशनल असेंबली में पारित हुआ था।
सरकार ने अपनी तरफ से कानूनन चीफ जस्टिस के शक्तियों पर अंकुश लगाने का सारा इंतजाम कर दिया था। लेकिन राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने अभी तक बिल पर दस्तखत नहीं किए हैं। पाकिस्तान के कानून के मुताबिक कोई भी बिल तभी कानून बन सकता है जब राष्ट्रपति उस पर दस्तखत करें।
लॉ मिनिस्टर ने नेशनल असेंबली में राष्ट्रपति की भर्त्सना की
संसद के दोनों सदनों से बिल पास होने के पांच दिन बाद भी राष्ट्रपति के दस्तखत न होने से शरीफ इस कदर झल्ला गई कि सोमवार रात को आनन फानन में मीटिंग बुलाकर राष्ट्रपति के लिए चिट्ठी जारी की गई कि वो तत्काल इस बिल पर दस्तखत करें। इससे पहले सोमवार दोपहर में लॉ मिनिस्टर नेशनल असेंबली में राष्ट्रपति पर सार्वजनिक रूप से भड़के। उन्होंने इस बात के लिए राष्ट्रपति की भर्त्सना की कि वो संसद से पारित बिल पर साइन करने से गुरेज कर रहे हैं।
उधर शाहबाज शरीफ ने भी पीएमएल (एन) के सांसदों की बैठक में कहा कि उन्हें सुप्रीम कोर्ट के तीन जजों की बेंच पर बिलकुल भी भरोसा नहीं है। लॉ मिनिस्टर के तेवर, सोमवार देर रात कैबिनेट की बैठक और शाहबाज शरीफ के सांसदों के सामने वक्तव्य से साफ है कि सरकार सुप्रीम कोर्ट से कितनी नाखुश है।
खास बात है कि इमरान खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) के सांसदों ने विधेयक का विरोध करते हुए कहा था कि यह संविधान का उल्लंघन है क्योंकि सुप्रीम कोर्ट से जुड़े मामलों में बदलाव संविधान संशोधन के जरिये किया जाना चाहिए। उसे दो तिहाई बहुमत से पारित कराया जाना चाहिए।
नवाज शरीफ की बेटी पर दायर केसों को लेकर भड़के प्रधानमंत्री
शाहबाज शरीफ का अपने सासंदों से कहना था कि एक तरफ नवाज शरीफ की बेटी को करप्शन मामले में फंसाया जा रहा है। वहीं इमरान खान की बीवी को ये कहकर बचाया जा रहा है कि उनके पास सरकार का कोई पद नहीं था। उनका कहना था कि जब उन्होंने सत्ता संभाली तो पाकिस्तान के हालात बदतर थे। कोई भी मित्र देश हमारी मदद करने को तैयार नहीं था, क्योंकि इमरान खान से सभी से संबंध खराब कर लिए थे।