पाकिस्तान ने एक बार फिर कहा है कि एजंडे में कश्मीर मुद्दा रखे बिना भारत से कोई बातचीत नहीं होगी। राष्ट्रीय सुरक्षा और विदेशी मामलों पर पाकिस्तानी प्रधानमंत्री के सलाहकार सरताज अजीज ने सोमवार को कहा, ‘जब तक कश्मीर मुद्दा एजंडे में शामिल नहीं किया जाएगा, भारत के साथ कोई वार्ता नहीं होगी।’ पाकिस्तान ने मुंबई हमला मामले में भारत से ज्यादा सबूत और सूचना मांगी है।
पिछले हफ्ते रूस के उफा में पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मुलाकात के दौरान मौजूद रहे अजीज ने यहां पत्रकारों के समक्ष दो पन्ने का एक बयान पेश किया और उनके कुछ सवालों का जवाब दिया। उन्होंने कहा कि पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपने वार्षिक संबोधन में साफ तौर पर हमारे उसूल की पुष्टि की है। हम अपने कश्मीरी भाइयों को राजनीतिक, नैतिक और कूटनीतिक समर्थन देना जारी रखेंगे।
उफा में मुलाकात के बाद जारी संयुक्त बयान में कश्मीर का जिक्र नहीं होने पर पाकिस्तानी प्रधानमंत्री को देश में तीखे हमलों का सामना करना पड़ रहा है। अजीज का यह बयान लोगों की भावनाओं को शांत करने के संदर्भ में देखा जा रहा है। उन्होंने समझौता विस्फोट और बलुचिस्तान के मुद्दे भी उठाए जिसपर भारत दृढ़ता से खंडन कर चुका है। अजीज ने कहा कि शरीफ और मोदी ने एक दूसरे की चिंताओं पर बेबाक बात की है। उन्होंने कहा, ‘पाकिस्तान ना सिर्फ भारतीय मंत्रियों के द्वेषपूर्ण बयानों पर, बल्कि बलुचिस्तान में छापेमारी को जारी समर्थन समेत पाकिस्तान में भारतीय हस्तक्षेप पर भी बहुत चिंतित है।’
अजीज ने कहा कि इन कटु चिंताओं के समाधान के लिए दोनों पक्ष सहमत हुए हैं कि उनके राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार पहले नई दिल्ली में और फिर इस्लामाबाद में मिलेंगे। उन्होंने कहा कि संयुक्त बयान साफ तौर पर स्वीकार करता है कि भारत और पाकिस्तान पर शांति सुनिश्चित करने और विकास को बढ़ावा देने की सामूहिक जिम्मेदारी है। ऐसा करने के लिए, वे सभी लंबित मुद्दों पर चर्चा के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा, ‘और हम सभी जानते हैं कि वे कौन से लंबित मुद्दे हैं। बेशक, कश्मीर इन लंबित मुद्दों की फेहरिस्त में शीर्ष पर है। लेकिन सियाचिन, सर क्रीक, हस्तक्षेप और पानी जैसे दीगर अहम मुद्दे भी हैं।
शरीफ और मोदी की मुलाकात के बाद जारी संयुक्त बयान में कहा गया था कि दोनों पक्ष मुंबई हमला मामले की सुनवाई की रफ्तार तेज करने के तौर-तरीके खोजेंगे। अजीज ने इसकी जिम्मेदारी भारत पर डालते हुए कहा कि इसमें कुछ समय लगेगा। उन्होंने कहा, ‘हमें मुंबई की सुनवाई पूरी करने में और सूचना एवं सबूत चाहिए। उफा बयान में ‘अतिरिक्त सूचना’ का जिक्र इस जरूरत की स्वीकारोक्ति है कि सुनवाई तेज करने के लिए ज्यादा सूचना की जरूरत है।’
भारत इससे नाराज है कि 2008 के मुंबई हमला मामले में मुकदमा लगभग नहीं चला है। यहां तक कि इस हमले का सरगना जकी-उर-रहमान लखवी को अदालत ने बरी कर दिया क्योंकि पाकिस्तान सरकार आतंकवाद निरोधी अदालत को आवश्यक सबूत मुहैया कराने में नाकाम रही। भारत अपने इस रुख पर कायम है कि उसने 2008 के मुंबई हमले के आरोपितों को इंसाफ के कठघरे में ले जाने के लिए पाकिस्तान को पर्याप्त सूचना और सबूत उपलब्ध करा चुका है। इस हमले में 166 लोगों की मौत हुई थी।
* पाकिस्तान ना सिर्फ भारतीय मंत्रियों के द्वेषपूर्ण बयानों पर, बल्कि बलुचिस्तान में छापेमारी को जारी समर्थन समेत पाकिस्तान में भारतीय हस्तक्षेप पर भी बहुत चिंतित है।’
*सरताज अजीज, राष्ट्रीय सुरक्षा और विदेशी मामलों पर पाकिस्तानी प्रधानमंत्री के सलाहकार