नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’ ने रविवार को यहां कहा कि उन्हें नेपाल को राजनीतिक अस्थिरता से निकालने के लिए भारत की मदद की आवश्यकता है। स्वामी रामदेव ने पतंजलि योगपीठ पहुंचने पर नेपाल के प्रधानमंत्री प्रचंड व उनकी पत्नी सीता देवी दहल का जोरदार स्वागत किया। इस मौके पर रामदेव ने घोषणा की कि नेपाल में पतंजलि मेगा फूडपार्क, पतंजलि योगपीठ, पतंजलि विश्वविद्यालय, आयुर्वेदिक कॉलेज और आचार्य कूलम शिक्षण संस्थान खोले जाएंगे।
प्रचंड ने कहा कि नेपाल इस समय राजनीतिक अस्थिरता के दौर से गुजर रहा है। ऐसे वक्त में उनके कंधों पर नेपाल को राजनीतिक अस्थिरता से निकाल कर नेपाल में राजनीतिक स्थिरता लाने का महत्त्वपूर्ण कार्य करना है। इसके लिए उन्हें भारत का सहयोग चाहिए। भारत के सहयोग से नेपाल का आर्थिक विकास होगा और नेपाल में राजनीतिक स्थिरता कायम होगी। प्रचंड ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से उनकी बेहद अच्छे माहौल में सार्थक बातचीत हुई है। उन्हें नेपाल के आर्थिक विकास में भारत की ओर से उन्हें पूर्ण सहयोग का भरोसा मिला है। उन्होंने कहा कि वे भारत की जनता का अमन चैन का पैगाम लेकर नेपाल की जनता के पास जा रहे हैं। नेपाल और भारत के संबंध सदियों पुराने हैं। प्रचंड को उम्मीद है कि ये संबंध और भी मजबूत होंगे।
स्वामी रामदेव ने कहा कि नेपाल में नवंबर में पतंजलि योगपीठ और मेगा फूड एवं हर्बल पार्क की इकाई स्थापित कर दी जाएगी। स्वामी रामदेव और आचार्य बालकृष्ण नेपाल के प्रधानमंत्री के बुलावे पर नवंबर में नेपाल जाएंगे। स्वामी रामदेव ने कहा कि नेपाल में पतंजलि योगपीठ की जो इकाई स्थापित की जाएगी, उससे मिलने होने वाली आर्थिक आय को नेपाल की जनता के विकास के लिए लगाया जाएगा। नेपाल सरकार और पतंजलि योगपीठ के बीच नेपाल में शिक्षा को बढ़ावा देने, योगपीठ खोलने और मेगा फूडपार्क खोलने और जड़ी-बूटी शोध संस्थान खोलने को लेकर समझौता हुआ है।
पतंजलि योगपीठ के महामंत्री आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि पतंजलि योगपीठ नेपाल में गरीबी, बेरोजगारी और बीमारियों को दूर करने के लिए वृहत स्तर पर काम करेगी। नेपाल की औषधियों, जड़ी-बूटियों और अन्य प्राकृतिक उत्पादों से नेपाल को समृद्धशाली बनाने का अभियान पतंजलि योगपीठ चलाएगी। नेपाल के प्रधानमंत्री के साथ नेपाल के परिवहन मंत्री रमेश देखे, नेपाल के कई सांसद, भारत में नेपाल के राजदूत कृष्ण ढकाल, नेपाल के प्रशासनिक अधिकारी, नेपाल में भारत के राजदूत रंजीत रे भी आए थे।