दो महिलाओं का ऑडियो क्लिप लीक होने के बाद पाकिस्तान की सियासत में नया तूफान आ गया है। ऑडियो क्लिप में दोनों महिलाएं किटी पार्टी, शॉपिंग या गॉसिप नहीं कर रहीं, बल्कि देश की सियासत, हालातों और चुनाव को लेकर चर्चा करती सुनाई दे रही हैं। यह कॉल रिकॉर्डिंग लीक होने के बाद पाकिस्तान के रानेताओं ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए चिंता जताई है। दावा किया जा रहा है कि लीक ऑडियो में जो दो महिलाएं बातें कर रही हैं उनमें से एक पाकिस्तान के चीफ जस्टिस उमर अता बंदियाल की सास महजबीन नून और दूसरी इमरान खान की पार्टी पीटीआई के वकील ख्वाजा तारिक रहीम की पत्नी राफिया तारिक हैं।

यह ऑडियो कॉल लीक होने के बाद पूरे पाकिस्तान में घमासान मच गया है। सोशल मीडिया पर भी वीडियो की खूब चर्चा की जा रही है। दोनों महिलाएं चीफ जस्टिस के समर्थन में बातें कर रही हैं और देश में मध्यावधि चुनाव को लेकर भी चर्चा कर रही हैं। चीफ जस्टिस की सास नून कहती सुनाई दे रही हैं कि वह जस्टिस उमर की सुरक्षा को लेकर काफी चिंतित हैं और उनके लिए प्रार्थन कर रही हैं। वहीं, राफिया तारिक ने भी नून का समर्थन किया और कहा कि देश के बहुत सारे लोग चीफ जस्टिस के समर्थन में हैं और उनके लिए प्रार्थना कर रहे हैं। देश में सुप्रीम कोर्ट और पाकिस्तान सरकार के बीच चल रही तनातनी के बीच यह ऑडियो कॉल लीक हुआ है। राफिया ने आगे कहा कि चीफ जस्टिस की सुरक्षा सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है।

इस दौरान, राफिया तारिक ऑडियो में अल्लाह से चीफ जस्टिस को हिम्मत देने के लिए प्रार्थना कर रही हैं और विरोधियों को देशद्रोही कहते भी सुनाई दे रही हैं। वह कहती हैं, “वे इस देश के गद्दार हैं। देखें कि वे इसे कैसे कर रहे हैं।” कॉल के आखिर में उन्होंने दोनों इस बारे में बात करते हुए सुनाई दे रहे हैं कि चुनाव जल्द से जल्द कैसे होने चाहिए। पाकिस्तानी समाचार आउटलेट, द न्यूज के मुताबिक, राफिया का कहना है कि अगर चुनाव नहीं हुए तो मार्शल लॉ होगा और पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट (पीडीएम) सरकार नहीं रहेगी। इस पर नून ने जवाब दिया कि वे मार्शल लॉ लगाने के लिए भी तैयार नहीं थे और राफिया का कहना है कि वे तैयार थे। पाकिस्तान सरकार और सुप्रीम कोर्ट के बीच पिछले कुछ हफ्तों से लगातार अंदरूनी कलह चल रही है।

राजनेताओं ने भी दी प्रतिक्रिया

अब इस ऑडियो के वायरल होने के बाद कई मंत्रियों और राजनेताओं ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। प्रधानमंत्री के विशेष सहायक (संघीय मंत्री) अताउल्लाह तरार ने क्लिप को ट्विटर पर पोस्ट करते हुए कहा, “जब मैंने सोशल मीडिया पर यह ऑडियो सुना, तो मुझे यकीन हो गया कि साजिश गहरी है। परिवारों की खातिर संविधान और कानून को रौंदा गया है। मुखिया साहब के परिवार और दो साथियों की बैठक में शामिल होने के साथ-साथ समय से पहले चुनाव कराकर इमरान नियाजी को सत्ता में लाने की कोशिश कर रहे हैं।” पाकिस्तान के गृह मंत्री राणा सना उल्लाह खान ने ऑडियो क्लिप को लेकर अपनी चिंता जताते हुए कहा कि इसमें चल रही बातचीत से हर पाकिस्तानी चिंतित है। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से स्वत: संज्ञान लेने और ऑडियो के लिए तत्काल फोरेंसिक ऑडिट करने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि गृहिणियां आमतौर पर गैर-राजनीतिक होती हैं जबकि विशेष रूप से इस ऑडियो में राष्ट्रीय मुद्दे, न्यायपालिका में चल रहे चुनाव मामलों को लेकर चर्चा कर रही हैं, जो कि गंभीर बात है।

सुप्रीम कोर्ट और सरकार के बीच क्या है विवाद


अप्रैल के पहले हफ्ते में देश के सुप्रीम की तीन-न्यायाधीशों की पीठ ने घोषणा की थी कि पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में अक्टूबर तक चुनाव टालने का पाकिस्तान चुनाव आयोग (ईसीपी) का निर्णय असंवैधानिक है और मतदान के लिए 14 मई की तारीख निर्धारित की थी। इसके बाद पाकिस्तान की नेशनल असेंबली ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले को खारिज करते हुए एक प्रस्ताव पारित किया था। शहबाज शरीफ ने यह भी कहा था कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला संविधान और कानून का मजाक है और इसे लागू नहीं किया जा सकता।