पाकिस्तान के इतिहास में पहली बार सेना ने दो हिंदू अधिकारियों को लेफ्टिनेंट कर्नल के पद पर पदोन्नत किया है। पाकिस्तान के अनुसार पदोन्नति पाने वाले दोनों अधिकारी सिंध से हैं। कैलाश कुमार सिंध के थारपारकर जिले से ताल्लुक रखते हैं। वह 2008 में सेना में शामिल हुए थे। अनिल कुमार सिंध के बदीन जिले के रहने वाले हैं। वो 2007 में सेना में शामिल हुए थे।
पाकिस्तान आर्मी प्रमोशन बोर्ड से अनुमति मिलने के बाद उन्हें पदोन्नत किया गया है। गुरुवार को सरकारी पाकिस्तान टेलीविजन ने कैलाश कुमार के प्रमोशन को लेकर ट्वीट किया। पीटीवी ने ट्वीट किया, कुमार लेफ्टिनेंट कर्नल के रूप में पदोन्नत होने वाले पहले हिंदू अधिकारी बन गए हैं। उधर, इमरान के मंत्री फवाद चौधरी ने दोनों अफसरों को अपना गौरव बताया है।
हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यक समुदायों के लोगों को 2000 तक पाकिस्तान सेना में शामिल होने की अनुमति नहीं थी। हिंदू पाकिस्तान में सबसे बड़ा अल्पसंख्यक समुदाय हैं। आधिकारिक अनुमान के मुताबिक देश में करीब 75 लाख हिंदू रहते हैं। पाकिस्तान की अधिकांश हिंदू आबादी सिंध प्रांत में बसी है जहां वे मुस्लिमों के साथ संस्कृति, परंपरा और भाषा साझा करते हैं।
द प्रिंट की खबर के मुताबिक अनिल कुमार को तमगा-ए-दफा से भी सम्मानित किया जा चुका है। उन्होंने विश्व की सबसे ऊंची पोस्ट Baltoro sector में 36 दिन बिताए थे। इसके लिए ही उन्हें ये अवार्ड दिया गया था। अनिल कैलाश से 1 साल छोटे हैं। कैलाश का जन्म 1981 में हुआ था। जबकि अनिल का उनसे एक साल बाद। सोशल मीडिया पर दोनों को प्रमोशन मिलने के बाद लोगों ने खुशी जताई। एक यूजर ने लिखा- ये जिन्ना का पाकिस्तान है, जहां अल्पसंख्यक बराबर होते हैं।