पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने संयुक्त राष्ट्र में एक बार फिर कश्मीर का मुद्दा उठाया है। शुक्रवार की रात संयुक्त राष्ट्र महासभा (United Nations General Assembly) में बोलते हुए पीएम शरीफ ने कहा कि युद्ध अब कोई विकल्प नहीं है। पाकिस्तान अपने सभी पड़ोसियों के साथ शांति चाहता है। हम भारत सहित अपने सभी पड़ोसियों के साथ शांति चाहते हैं। साउथ एशिया में स्थायी शांति और स्थिरता जम्मू-कश्मीर विवाद के न्यायसंगत और स्थायी समाधान पर निर्भर करता है।
भारत का जवाब
पाकिस्तान के इन आरोपों का जवाब देते हुए संयुक्त राष्ट्र में भारतीय मिशन के पहले सचिव मिजिटो विनिटो ने कहा , ”यह बहुत दुख की बात है कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने इस मंच का इस्तेमाल भारत पर झूठे आरोप लगाने के लिए किया है। उन्होंने ऐसा इसलिए किया ताकि वह अपने देश में हो रही घटनाओं को छिपा सकें, और भारत के खिलाफ अपने उन बर्तावों को सही ठहरा सकें, जो दुनिया को मंजूर नहीं है”
विनिटो ने इस्लामाबाद पर “सीमा पार आतंकवाद” में शामिल होने का आरोप लगाते हुए कहा, ”एक राजनीति जो दावा करती है कि वह अपने पड़ोसियों के साथ शांति चाहती है, वह कभी भी सीमा पार आतंकवाद को प्रायोजित नहीं करेगी। न ही मुंबई आतंकवादी हमले का प्लान बनाने वालों को अपने यहां आश्रय देगी।”
विनिटो ने पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचार का मुद्दा उठाते हुए कहा, ”पाकिस्तान में हिंदू, सिख और ईसाई परिवारों की लड़कियों का अपहरण फिर शादी उसके बाद धर्मांतरण किया जा रहा है। दुनिया के अन्य देशों को इसका संज्ञान लेना चाहिए।”
क्या होता है UNGA?
इन दिनों अमेरिका के न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा (United Nations General Assembly) का 77वां सत्र चल रहा है। इसमें भारत और पाकिस्तान समेत दुनिया के कई देश शामिल हो हुए हैं। शुक्रवार (23 सितंबर) को संयुक्त राष्ट्र महासभा के 77वें सत्र की आम बहस का चौथा दिन था। यूएनजीए की सामान्य बहस 20 सितंबर से 26 सितंबर तक न्यूयॉर्क में निर्धारित है। यह राष्ट्राध्यक्षों और सरकारों के लिए संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में एक साथ आने और विश्व मुद्दों पर चर्चा करने का अवसर होता है।
