सत्ता संग्राम से जूझ रहे पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने एक बार फिर से भारत की तारीफ की है। उन्होंने कहा है कि भारतीय एक खुद्दार कौम (बहुत ही सम्मानित लोग) है। आज कोई भी सुपरपावर उन्हें आंख नहीं दिखा सकती है।

हालांकि, खान ने यह भी बताया कि वह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की विचारधारा और कश्मीर में जो कुछ भी हो रहा है, उसकी वजह से निराश हैं। पीएम ने कहा- मुझे यह बात परेशान करती है कि हमारे उनसे (भारत से) अच्छे ताल्लुकात नहीं है।

शुक्रवार (आठ अप्रैल, 2022) को पीएम खान ने नेशनल असेंबली को भंग करने के विवादित फैसले को टॉप कोर्ट की ओर से निरस्त किए जाने को लेकर निराशा भी जाहिर की। साथ ही बोले- मैं देश में किसी भी ‘‘आयातित सरकार’’ को स्वीकार नहीं करूंगा।

69 साल के इमरान खान ने इसके अलावा समर्थकों से रविवार शाम को उनके साथ सड़क पर उतरने की अपील भी की। बकौल खान, ‘‘मैं टॉप कोर्ट और ज्यूडीशरी का सम्मान करता हूं, पर अदालत को अपना फैसला देने से पहले एक धमकी भरे पत्र पर गौर करना चाहिए था।’’

खान के पास 342-सदस्यों वाले सदन में एक तरह से बहुमत नहीं है। उन्होंने अपने इन आरोपों को दोहराया कि एक अमेरिकी राजनयिक ने पाकिस्तान में सत्ता परिवर्तन की धमकी दी थी।

उधर, पीएमएल-एन नेता मरियम नवाज ने इमरान की ओर से हिंदुस्तान की तारीफ पर उन्हें आड़े हाथ लिया। वह बोलीं- अगर पाकिस्तानी पीएम को इंडिया इतना ही अच्छा लगता है, तो उन्हें वहीं चले जाना चाहिए।

पाकिस्तान के पूर्व पीएम नवाज शरीफ की बेटी ने कहा- किसी को उन्हें (इमरान को) यह बताना चाहिए कि वह सत्ता को जाते देख पागल हो रहे हैं और उन्हें किसी और ने नहीं बल्कि अपनी ही पार्टी ने निकाल दिया है। अगर वह भारत को इतना पसंद करते हैं तो वहीं शिफ्ट हो जाएं और पाकिस्तान की जान छोड़ दें।

बकौल मरियम शरीफ नवाज, “जो लोग भारत की इतनी तारीफ करते रहे हैं, उन्हें पता होना चाहिए कि भारत के कई प्रधानमंत्रियों के खिलाफ 27 अविश्वास प्रस्ताव आए हैं। पर किसी ने भी संविधान, लोकतंत्र और नैतिकता के साथ खिलवाड़ नहीं किया है। वाजपेयी एक वोट से हारे, घर गए। उन्होंने आप जैसे देश, संविधान और राष्ट्र को बंधक नहीं बनाया!”

बता दें कि खान को सत्ता से हटाने के लिए विपक्षी दलों को 172 सदस्यों की जरूरत है। हालांकि, उन्होंने इससे अधिक संख्या का पहले ही समर्थन दिखा दिया था। वैसे, अब खान पाकिस्तान के इतिहास में पहले ऐसे प्रधानमंत्री हो सकते हैं, जिन्हें अविश्वास प्रस्ताव के माध्यम से सत्ता से बाहर कर दिया जाएगा।

क्रिकेटर से नेता बने खान 2018 में ‘नया पाकिस्तान’ बनाने के वादे के साथ सत्ता में आए थे। पर वह महंगाई को काबू करने में बुरी तरह विफल रहे। नेशनल असेंबली का मौजूदा कार्यकाल अगस्त, 2023 में समाप्त होना था। पाकिस्तान के इतिहास में कोई भी प्रधानमंत्री पांच साल का अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर सका है।