Pakistan Economic Crisis: आर्थिक संकट से घिरे पाकिस्तान ने अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के कर्ज को आसान बनाने के लिए अमेरिका से अपील की है। दरअसल, पाकिस्तान (Pakistan) को इस बात की फिक्र है कि अगर वह IMF से कर्ज लेता है, तो पहले ही महंगाई की मार झेल रहे मुल्क में चीजों के दाम बढ़ जाएंगे।
Pakistan ने America से की मदद की मांग
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के लोन (Loan) की शर्तों को नरम करने के लिए पाकिस्तान ने अमेरिका से मदद की मांग की है। पाकिस्तान ने अमेरिकी अधिकारियों से गुजारिश की है कि वो अपने प्रभाव से वैश्विक संगठन की शर्तो को नरम करवाएं क्योंकि देश आर्थिक और राजनीतिक दोनों रूप से एक महत्वपूर्ण मोड़ पर खड़ा है।
पाकिस्तान के वित्तमंत्री ने अमेरिका से IMF को मनाने को कहा
रिपोर्ट के अनुसार, बुधवार को एक बैठक के दौरान, पाकिस्तान के वित्तमंत्री इशाक डार ने एक अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल से आईएमएफ़ को पाकिस्तान के प्रति उदार होने के लिए मनाने में मदद करने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि प्रतिनिधिमंडल को देश में बाढ़ और अन्य बाहरी कारकों से उत्पन्न चुनौतियों को भी समझना चाहिए। स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, डार ने आगंतुकों से कहा कि पाकिस्तान अपनी सभी अंतरराष्ट्रीय प्रतिबद्धताओं का सम्मान करेगा और देश में आर्थिक स्थिरता लाने के लिए कड़े फैसले लेगा।
रिपोर्ट के मुताबिक, फाइनेंस मिनिस्टर इशाक डार ने एशिया के अमेरिकी ट्रेजरी विभाग के विजिटिंग डिप्टी असिस्टेंट सेक्रेटरी रॉबर्ट कैप्रोथ के साथ मुलाकात के दौरान यह गुजारिश की। दरअसल, लोन का कार्यक्रम महीनों से रुका हुआ है और आने वाले चुनाव के साथ देश में तनावपूर्ण राजनीतिक माहौल के बीच पीएम शहबाज शरीफ (Shehbaz Sharif) सरकार को ऋणदाताओं की शर्तों को लागू करने में मुश्किल हो रही है।
क्या है Pakistan का प्लान?
प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की तरफ से गठित नेशनल ऑस्टेरिटी कमेटी की सिफारिशों के बाद पाकिस्तान कई उपायों पर विचार कर रहा है। इनमें नेचुरल गैस और इलेक्ट्रिसिटी की कीमतों में इजाफा, सैन्य और नौकरशाहों को दिए गए प्लाटों की वसूली, सांसदों की सैलरी में 15 फीसदी की कमी, प्रीपेड गैस और इलेक्ट्रिसिटी मीटर का इस्तेमाल करना शामिल है। इसके साथ ही सांसदों को सैलरी के साथ मिलने वाले भत्तों को खत्म करना, पेट्रोल का इस्तेमाल 30 प्रतिशत कम करना, विदेश यात्राओं पर प्रतिबंध, लग्जरी वाहन खरीदने पर रोक शामिल हैं।
फिलहाल, इस्लामाबाद आईएमएफ ऋण समझौते की नौवीं समीक्षा के परिणामों की प्रतीक्षा कर रहा है, जिस पर पिछले प्रशासन द्वारा हस्ताक्षर किए गए थे। मूल्यांकन के परिणामस्वरूप पाकिस्तान को फंडिंग की अगली किस्त की पेंडिंग राशि जारी की जाएगी, जो सितंबर 2022 से रुकी हुई है।
डॉन ने बताया कि अगस्त 2022 में आईएमएफ ने पाकिस्तान के बेलआउट कार्यक्रम की सातवीं और आठवीं समीक्षा को मंजूरी दी, जिस पर 2019 में सहमति बनी थी। आईएमएफ के अधिकारियों ने संकेत दिया है कि वे पाकिस्तान के साथ काम करना जारी रखने के इच्छुक हैं लेकिन देश को पहले उन बुनियादी आवश्यकताओं का ध्यान रखना चाहिए जो आईएमएफ ने रखी हैं।