पाकिस्तान में निजाम भले ही बदल गया हो, लेकिन कश्मीर को लेकर उनका रवैया पुराना ही है। पाकिस्तान ने एक बार फिर से कश्मीर का राग अलापा है। संभावित पीएम शाहबाज शरीफ ने कहा कि कश्मीर मुद्दे के समाधान के बाद ही शांति संभव है।
पाकिस्तान के पीएम का पद संभालने से पहले शाहबाज शरीफ ने कहा कि वह देश में सद्भाव चाहते हैं। उन्होंने कहा- “हम भारत के साथ शांति चाहते हैं, लेकिन कश्मीर मुद्दे के समाधान के बिना शांति संभव नहीं है।”
इसी मुद्दे को लेकर चल रहे आजतक पर एक डिबेट में मेजर जनरल (रि.) ए के सिवाच ने कहा कि आज बात पीओके पर होनी चाहिए ना कि भारत के पास मौजूद कश्मीर पर। पाक के कब्जे वाली कश्मीर की हालात खराब है, वहां की आवाम भारत में मिलना चाहती, इसपर बात होनी चाहिए। उन्होंने कहा- “सच्चाई ये है कि हरेक देश के पास आर्मी होती है पर पाकिस्तान में आर्मी के पास देश है। पावर रावलपिंडी के पास है ना कि इस्लामाबाद के पास। अब ये जो बात कश्मीर की कर रहे हैं उस कश्मीर की करनी चाहिए जो पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर और गिलगित पाकिस्तान है…आज वो मिलना चाहते हैं भारत और जम्मू कश्मीर में।”
वहीं मेजर जनरल (रि.) संजय मेस्टन ने कहा कि कई पाकिस्तानी उन्हें मिले हैं जो कहते हैं कि हिन्दुस्तान का तो बंटवारा ही नहीं होना चाहिए था। हिन्दुस्तान और पाकिस्तान एक ही देश होने चाहिए थे। उन्होंने कहा कि हमें कश्मीर के बारे में बात नहीं करनी चाहिए, क्योंकि पाकिस्तान ही हिन्दुस्तान का भाग है।
बता दें कि पाकिस्तान में इमरान खान की सरकार शनिवार रात को गिर गई है और विपक्ष की ओर से शाहबाज शरीफ के पीएम बनने की उम्मीद है। इमरान जाते-जाते भारत की जमकर तारीफ कर चुके हैं। अब उनकी जगह आई नई सरकार शांति की बात तो कर रही है, लेकिन कश्मीर का राग भी अलाप रही है। जिससे पहले से ही दोनों देशों के बीच बिगड़े रिश्ते और खराब होने की उम्मीद जताई जा रही है।