लश्करे तैयबा ऑपरेशंस कमांडर और मास्टरमाइंड जकीउर रहमान लखवी सहित मुंबई आतंकी हमले के सात आरोपियों पर मुकदमा चला रही पाकिस्तान की आतंकवाद रोधी अदालत ने गुरुवार को वकीलों की हड़ताल के कारण बिना किसी कार्यवाही के लगातार तीसरी बार सुनवाई स्थगित कर दी।
अदालत के एक अधिकारी ने बताया कि रावलपिंडी में एक अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश की हत्या को लेकर वकीलों की हड़ताल के कारण कार्यवाही नहीं हुयी। हमले की जिम्मेदारी तहरीक ए तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) ने ली है।
टीटीपी प्रवक्ता मुहम्मद खोरसानी ने ई-मेल से भेजे एक बयान में कहा, ‘‘हमारे खास कार्यबल ने रावलपिंडी में सफलतापूर्वक न्यायाधीश नियाजी को निशाना बनाया।’’
टीटीपी ने यह नहीं बताया कि न्यायाधीश को क्यों निशाना बनाया गया। न्यायाधीश के गर्मियों की छुट्टी पर जाने के कारण मुंबई मामले में सुनवाई एक महीने से ज्यादा समय तक स्थगित रही।
अधिकारी ने बताया, ‘‘अदालत में मुंबई मामले की कार्यवाही नौ सितंबर तक स्थगित कर दी गयी क्योंकि न्यायाधीश गर्मी की छुट्टी पर चले गए हैं।’’
एक या अन्य कारणों से पिछली तीन कार्यवाही में सुनवाई नहीं हुयी। मुंबई हमले के मास्टरमाइंड जकीउर रहमान लखवी को उसकी जान पर ‘खतरे’ के कारण अदालत में सुनवाई में पेशी से छूट मिली हुयी है।
55 वर्षीय लखवी 10 अप्रैल से जमानत पर बाहर है। सुरक्षा कारणों से उसे हिरासत में लेने के सरकार के आदेश को लाहौर हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया था। छह अन्य आरोपी हैं – अब्दुल वाजिद, मजहर इकबाल, हमाद अमीन सादिक, शाहिद जमील रियाज, जमील अहमद और यूनिस अंजुम। नवंबर 2008 में मुंबई हमले की साजिश रचने और उसे अंजाम देने के मामले ये सभी तकरीबन छह साल से अदियाला जेल में हैं। हमले में 166 लोगों की मौत हो गयी थी।