अमेरिका की उपराष्ट्रपति कमला हैरिस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ अपनी पहली मुलाकात में आतंकवाद में पाकिस्तान की भूमिका का ‘स्वत: संज्ञान लेते हुए’ जिक्र किया और कहा कि इस देश में कई आतंकवादी संगठन हैं। उन्होंने पाकिस्तान को इस संबंध में कार्रवाई करने को कहा ताकि इससे अमेरिका और भारत की सुरक्षा पर असर नहीं पड़े। साथ ही, उन्होंने दुनिया भर में लोकतंत्र पर मंडरा रहे खतरे के प्रति चिंता व्यक्त करते हुए भारत और अमेरिका में लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा और संस्थानों को बचाने की जरूरत पर जोर दिया।

प्रधानमंत्री मोदी ने गुरुवार (अमेरिकी समयानुसार) को वाइट हाउस में अमेरिका की उपराष्ट्रपति हैरिस के साथ बैठक की। इस दौरान दोनों नेताओं ने भारत-अमेरिका रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने का फैसला किया और लोकतंत्र, अफगानिस्तान व हिंद-प्रशांत के लिए खतरों सहित साझा हित के वैश्विक मुद्दों पर चर्चा की। दोनों नेताओं ने वाशिंगटन में संयुक्त संवाददाता सम्मेलन को संबोधित किया। इस मौके पर मोदी ने हैरिस को दुनिया भर में कई लोगों के लिए प्रेरणा स्रोत बताया।

इस बैठक को लेकर विदेश सचिव हर्षवर्धन शृंगला ने कहा, ‘हैरिस ने कहा कि पाकिस्तान में आतंकवादी संगठन सक्रिय हैं।’ शृंगला ने कहा, ‘हैरिस ने पाकिस्तान से कार्रवाई करने को कहा ताकि इससे (आतंकवाद संगठनों से) अमेरिका और भारत की सुरक्षा पर कोई असर न पड़े। शृंगला के मुताबिक, उन्होंने इस तथ्य को भी स्वीकारा कि भारत कई दशकों से आतंकवाद का पीड़ित रहा है और ऐसे आतंकवादी समूहों के लिए पाकिस्तान के समर्थन पर लगाम लगाने और बारीकी से निगरानी करने की जरूरत है।’

लोकतंत्र की बात उठाते हुए हैरिस ने कहा कि लोकतंत्र की रक्षा करना दोनों देशों का दायित्व है और यह दोनों देशों के लोगों के सर्वोत्तम हित में है। शृंगला ने कहा कि उपराष्ट्रपति ने इस तथ्य की प्रशंसा की कि दोनों देश बड़े व सफल लोकतंत्र हैं और ‘हमें न केवल अपने देश के अंदर काम करने की जरूरत है बल्कि दूसरे देशों के साथ भी काम करने की जरूरत है ताकि लोकतंत्र के ब्रांड को बढ़ावा दिया जा सके।’ दोनों नेताओं ने विभिन्न वैश्विक मुद्दों पर भी चर्चा की।