गिरती अर्थव्यस्था के बीच पाकिस्तान में भी महंगाई चरम पर है। जिससे आम जनता को रोजमर्रा की जरूरी चीजों के लिए भारी कीमत चुकानी पड़ रही है। गौरतलब है कि पिछले लगभग 70 साल में पाकिस्तान में महंगाई अपने रिकॉर्ड स्तर पर है। पड़ोसी देश में महंगाई की दर 13.4% चल रही है। दरअसल पाक में पेट्रोल और डीजल के दामों अप्रत्याशित वृद्धि हुई है तो वहीं 10 किलोग्राम आटे का दाम लगभग 900 रुपए हो गया है। लोगों को एक लीटर दूध 150 रुपए में मिल रहा है।

पाकिस्तान में खाने की चीजों की मंहगाई दर 17% से अधिक है। पेट्रो पदार्थों के दामों में पिछले 6 महीने के दौरान लगभग 28.6% का इजाफा हुआ है। बता दें कि पाकिस्तान में गिरती अर्थव्यवस्था के बीच अप्रैल के महीने में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) द्वारा मापी गई दो साल की उच्च मुद्रास्फीति 13.37 प्रतिशत दर्ज की गई।

चीन का इनकार: इस हालत में पाकिस्तान श्रीलंका में बनी हालत पर निकल पड़ा है। वहीं ऐसी स्थिति में उसे अमेरिका और चीन से भी मदद नहीं मिल पा रही। बता दें कि पाकिस्तान चीन को अपना सबसे खास मानता है। लेकिन पाकिस्तान में बने हालात को देखते हुए चीन ने 19 हजार करोड़ रुपए की मदद का वादा भी किया लेकिन यह राशि अभी तक पाक को नहीं मिली है। खबर है कि चीन ने अब मदद देने से इनकार कर दिया है।

सऊदी अरब से गुहार: कर्ज मोहलत को लेकर पाकिस्तान के नए प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ सऊदी अरब के सामने गुहार लगा चुके हैं। दरअसल अपनी पहली विदेश यात्रा पर शहबाद ने कर्ज की मोहलत बढ़ाने और नए कर्ज की गुहार लेकर गए सउदी अरब से अपील की थी। बता दें कि नवंबर 2021 में पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार 50 हजार करोड़ रहने के दौरान तत्कालीन इमरान खान सरकार को सऊदी अरब ने पाकिस्तान को 6 महीने के लिए आर्थिक मदद दी थी।

पाकिस्तान के अखबार डॉन की रिपोर्ट के हवाले से न्यूज एजेंसी ANI ने जानकारी दी है कि पाकिस्तान सांख्यिकी ब्यूरो (पीबीएस) द्वारा साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार, शहरी क्षेत्रों में मुद्रास्फीति 1.6 प्रतिशत तक बढ़ गई, जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में मुद्रास्फीति बढ़कर 1.63 प्रतिशत हो गई। शहरी क्षेत्रों में खाद्य मुद्रास्फीति में 15.98 प्रतिशत और ग्रामीण क्षेत्रों में 18.23 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई।

पाक वित्त मंत्रालय के अनुसार, अन्य देशों से आयातित वस्तुओं जैसे कच्चे तेल, खाद्य तेल और दालों की दर में वृद्धि के परिणामस्वरूप पाकिस्तान में समग्र मुद्रास्फीति हुई है। वहीं पाकिस्तान के गृह मंत्री राणा सनाउल्लाह ने देश की इस हालत के लिए पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की सरकार को दोषी ठहराया। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) सरकार ने देश के चार साल बर्बाद किए हैं।

श्रीलंका में हालात: बता दें कि श्रीलंका में भी आर्थिक संकट के चलते पेट्रोल, डीजल और खाद्य पदार्थों के लिए लोगों को काफी किल्लत का सामना करना पड़ रहा है। यहां मार्च में मुद्रास्फीति 18.7 फीसदी रही थी लेकिन अप्रैल में यह लगभग 30 फीसदी पर पहुंच गई।