पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने संयुक्त राष्ट्र में एक बार फिर से कश्मीर राग अलापा है और भारत की आलोचना की है। शहबाज शरीफ ने आरोप लगाया कि भारत की ओर से हमेशा पाकिस्तान को धमकी मिलती रहती है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के बयान के बाद यूएन में भारतीय राजनयिक भाविका मंगलानंदन ने राइट ऑफ रिप्लाई के तहत पाकिस्तान को करारा जवाब दिया। उन्होंने पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय मंच पर बेनकाब कर दिया। भाविका ने कहा कि जिस देश के फिंगरप्रिंट आतंकी घटनाओं में शामिल हैं, जिसने बांग्लादेश में नरसंहार कराया, वह यूएन के मंच से मजाक कैसे कर सकता है।
भारत ने पाकिस्तान को फटकारा
भाविका मंगलानंदन ने कहा, “सच्चाई यह है कि पाकिस्तान हमारे क्षेत्र का लालच करता है और उसने भारत के अविभाज्य और अभिन्न अंग जम्मू-कश्मीर में चुनावों को बाधित करने के लिए लगातार आतंकवाद का इस्तेमाल किया है। आज अफसोस की बात है। सेना द्वारा संचालित एक देश, जो आतंकवाद, नशीले पदार्थों, व्यापार और अंतरराष्ट्रीय अपराध के लिए प्रसिद्ध है, उसने दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र पर हमला करने का दुस्साहस किया है। मैं भारत के संदर्भ में पाकिस्तानी पीएम के भाषण का जिक्र कर रही हूं।”
भारत ने उठाया मुंबई हमले का मुद्दा
भारतीय राजनयिक ने 2008 के मुंबई हमलों और 2001 में भारतीय संसद पर हुए हमले का मुद्दा उठाया। भाविका मंगलानंदन ने कहा, “पाकिस्तान ने लंबे समय से अपने पड़ोसियों के खिलाफ सीमा पार आतंकवाद को एक हथियार के रूप में इस्तेमाल किया है। इसने हमारी संसद, हमारी वित्तीय राजधानी मुंबई, बाज़ारों और तीर्थ मार्गों पर हमला किया है। सूची लंबी है। ऐसे देश के लिए कहीं भी हिंसा के बारे में बोलना सबसे खराब पाखंड है। धांधली वाले चुनावों के इतिहास वाले देश के लिए राजनीतिक विकल्पों के बारे में बात करना और भी असाधारण है, वह भी एक लोकतांत्रिक देश के लिए।”
बांग्लादेश नरसंहार का भारत ने किया जिक्र
1971 के बांग्लादेश नरसंहार का जिक्र करते हुए भारत ने कहा, “यह हास्यास्पद है कि एक देश जिसने 1971 में नरसंहार किया और जिसने अब भी अपने अल्पसंख्यकों पर लगातार अत्याचार किया, वह असहिष्णुता और भय के बारे में बोलने की हिम्मत कर रहा है। दुनिया खुद देख सकती है कि पाकिस्तान वास्तव में क्या है। हम उस देश के बारे में बात कर रहे हैं, जिसने लंबे समय तक ओसामा बिन लादेन की मेजबानी की थी।”
भारत ने कहा कि आतंकवाद के साथ किसी भी प्रकार का समझौता नहीं किया जा सकता है। पाकिस्तान को समझ जाना चाहिए कि भारत के खिलाफ आतंकवाद का इस्तेमाल उसके लिए घातक साबित होगा।