पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने कोरोना विषाणु से संक्रमित होने के बावजूद अपनी मीडिया टीम के सामने उपस्थित होकर बैठक की। इस बैठक के बाद से उन्हें जनता और विपक्ष की आलोचना का शिकार होना पड़ रहा है। सोशल में मीडिया पर भी इसकी चर्चा हो रही है। इमरान खान (68) और उनकी पत्नी बुशरा बीबी की जांच में पिछले शनिवार को संक्रमण की पुष्टि हुई थी। संक्रमित होने से कुछ दिन पहले ही प्रधानमंत्री ने कोविड-19 रोधी टीका लगवाया था।

पाकिस्तान में अभी चीनी टीका ‘सिनोफार्म’ ही उपलब्ध है। इसकी पहली खुराक खान ने पिछले गुरुवार को ली थी। सूचना एवं प्रसारण मंत्री शिबली फराज और एक अन्य सांसद फैसल जावेद ने प्रधानमंत्री के साथ एक बैठक में हिस्सा लिया था, जिसका चित्र उन्होंने सोशल मीडिया पर डाला। तस्वीर में खान को अपनी टीम से बात करते हुए देखा जा सकता है जिसमें फराज, जावेद, यूसुफ बेग मिर्जा और जुल्फिकार अब्बास बुखारी शामिल हैं। डॉन अखबार के मुताबिक इमरान खान ने बनिगाला स्थित आवास पर बैठक की थी। विपक्ष का कहना है कि प्रधानमंत्री ने खुद कोविड-19 नियमों का उल्लंघन किया, इसलिए उन पर प्राथमिकी दर्ज होनी चाहिए।

खबर में कहा गया, ‘दिलचस्प बात है कि प्रधानमंत्री द्वारा एकांतवास में रहने के बावजूद बैठक करने की घटना का कोई भी सरकारी प्रवक्ता बचाव नहीं कर सका और उनमें से बहुत से लोग इस मुद्दे पर मीडिया के सामने आने से कतराते रहे।’

सोशल मीडिया मंचों पर लोगों ने आश्चर्य जताया कि संक्रमित होने के बावजूद प्रधानमंत्री को खुद उपस्थित होकर बैठक करने की क्या जरूरत थी। लोगों ने यह सवाल भी पूछा कि खान ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए बैठक क्यों नहीं की।

पाकिस्तान में महामारी को नियंत्रित करने के लिए बनाई गई संस्था ‘नेशनल कमांड एंड आपरेशन सेंटर’ की ओर से जारी की गई मानक संचालन प्रक्रिया के अनुसार कोरोना मरीज को 14 दिन के लिए एकांतवास में रहना होता है लेकिन प्रधानमंत्री खान ने संक्रमित होने के चार दिन बाद ही बैठक की।