पुलवामा आतंकी हमले के बाद से भारत और पाकिस्तान के रिश्तों में तनाव बना हुआ है। मंगलवार को भारतीय वायुसेना के पाकिस्तान में घुसकर एअर स्ट्राइक करने के बाद से यह तनाव और ज्यादा बढ़ गया है। इस पूरे घटनाक्रम के दौरान एक चीज को गौर करने वाली है, वो ये है कि पाकिस्तान का सदाबहार दोस्त चीन, भारत-पाकिस्तान के बीच जारी तनाव से दूरी बनाए हुए हैं। बालाकोट में भारतीय वायुसेना की एअर स्ट्राइक के बाद भी चीनी विदेश मंत्रालय ने कोई बयान जारी कर पाकिस्तान के प्रति समर्थन नहीं जताया है। चीन का यह उदासीन रुख पाकिस्तान के लिए बड़ा झटका है।
टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार, चीन के इस रुख के पीछे एक बड़ी वजह है। दरअसल चीन भारत को अपने महत्वकांक्षी प्रोजेक्ट वन बेल्ट वन रोड में शामिल करने का इच्छुक है। आगामी अप्रैल में वन बेल्ट वन रोड फोरम की दूसरी बैठक होने वाली है। ऐसे में चीन की कोशिश है कि इस बार भारत का समर्थन हासिल किया जाए। उल्लेखनीय है कि बीते साल हुई वन बेल्ट वन रोड फोरम की बैठक का भारत ने बहिष्कार किया था। माना जा रहा है कि चीन फिलहाल भारत के साथ संतुलन स्थापित करने की कोशिश में जुटा है। गौरतलब है कि अमेरिका ने भी एक बयान जारी कर पाकिस्तान को संयम बरतने को कहा है।
कुछ पश्चिमी देशों के राजदूतों का मानना है कि अपने मतलब के चीन अपने रुख में बदलाव कर सकता है। माना जा रहा है कि बीजिंग, इस्लामाबाद को कह सकता है कि भारत के साथ किसी भी तनाव की स्थिति में वह उसका समर्थन नहीं कर सकेगा। पश्चिमी राजदूतों का मानना है कि चीन, पाकिस्तान को कुछ क्षेत्रों जैसे आर्थिक विकास में ही सहयोग करेगा। बता दें कि चीन, पाकिस्तान में CPEC के जरिए 60 अरब डॉलर का निवेश कर रहा है।