मुंबई आतंकी हमलों के मास्टरमाइंड और कुख्यात आतंकी संगठन जमात-उद-दावा के चीफ हाफिज सईद को बुधवार (सात अगस्त, 2019) को पाकिस्तान के आतंकवाद रोधी विभाग (सीटीडी) ने एक अदालत में “आतंकवाद के लिए फंडिंग” का दोषी ठहराया है। सईद का मुकदमा इसके साथ गुजरात शिफ्ट कर दिया गया है।

इससे पहले, कड़ी सुरक्षा में उसकी लाहौर से 80 किमी दूर गुजरांवाला में आतंकवाद रोधी कोर्ट (एटीसी) में पेशी हुई, जहां पंजाब (प्रांत) पुलिस के आतंकवाद रोधी विभाग ने उसके खिलाफ आतंकवाद की फंडिंग के लिए चार्जशीट दाखिल की। विभाग के एक अधिकारी ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा कि उसने एटीसी में चालान पेश कर सईद को आतंकवाद की फंडिंग का दोषी करार दिया है।

उन्होंने आगे बताया, “चूंकि, मामला पंजाब के मंडी बहाउद्दीन जिले से जुड़ा है, लिहाजा अभियोजन पक्ष ने अदालत से इस मामले को गुजरात एटीसी अदालत (लाहौर से लगभग 200 किलोमीटर दूर) ट्रांसफर करने का अनुरोध किया।” उनके अनुसार, अभियोजन पक्ष की गुजारिश पर एटीसी गुजरांवाला ने मामले को गुजरात एटीसी ट्रांसफर कर दिया है।

अधिकारी ने कहा कि मामले की अगली सुनवाई गुजरात एटीसी में होगी। लश्कर-ए-तैयबा के संस्थापक हाफिज सईद को 17 जुलाई को गिरफ्तार किया गया था। सईद को कड़ी सुरक्षा के बीच लाहौर की कोट लखपत जेल में रखा गया है। बता दें कि संयुक्त राष्ट्र (यूएन) द्वारा घोषित आतंकी सईद पर अमेरिका ने 10 लाख अमेरिकी डॉलर का ईनाम रख रखा है।

PAK को भारत से राजनयिक रिश्ते खत्म कर देने चाहिए- चौधरीः जम्मू कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 के ज्यादातर प्रावधानों को भारत सरकार द्वारा समाप्त किये जाने बाद पाकिस्तान के विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री ने बुधवार को कहा कि उनके देश को भारत के साथ अपना राजनयिक संबंध समाप्त कर देना चाहिए। कश्मीर की स्थिति पर चर्चा के लिए बुलाए गए संसद के संयुक्त सत्र में चौधरी ने कहा, ‘‘ भारतीय उच्चायुक्त यहां क्यों हैं, हम राजनयिक संबंध समाप्त क्यों नहीं कर रहे हैं। जब दोनों देशों के बीच कोई राजनयिक संबंध नहीं है तो हमारे राजदूत वहां (भारत में) क्या कर रहे हैं।’’

उन्होंने आगे कहा, ‘‘पाकिस्तान को कश्मीर को दूसरा फलस्तीन नहीं बनने देना चाहिए। पाकिस्तान को युद्ध से नहीं घबराना चाहिए क्योंकि सम्मान किसी भी अन्य चीज से अधिक महत्वपूर्ण है। हमें अपमान और युद्ध में से एक को चुनना होगा। युद्ध सम्मान के लिए लड़े जाते हैं, न कि हारने या जीतने के लिए लड़े जाते हैं। इसलिए हमें युद्धों से डरना नहीं चाहिए।’’ (पीटीआई-भाषा इनपुट्स के साथ)