Coronavirus in India: करीब 1.5 करोड़ व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण (PPE) (इसमें गाउन, मास्क, दस्ताने और काले चश्मे भी शामिल हैं।) की अपनी जरुरतों की पूरा करने के लिए भारत ने चीन को ऑर्डर दिया है। नई दिल्ली इसके अलावा चीन से 15 लाख टेस्टिंग किट भी खरीदने की प्रक्रिया में है, इसमें कुछ पहले ही भारत में आ चुकी हैं। चीन में भारतीय राजदूत विक्रम मिश्री ने मंगलवार को बीजिंग से एक ऑनलाइन ब्रीफिंग में यह जानकारी दी। दरअसल भारत पीपीई के लिए चीन पर निर्भर है क्योंकि देश में डॉक्टरों ने अस्पतालों में पीपीई की कमी की शिकायतें की हैं।

इंडियन एक्सप्रेस ने 6 अप्रैल को बताया था कि केंद्र सरकार ने हिसाब लगाया है कि देश को अगले दो महीनों में लगभग 150 लाख पीपीई और 16 लाख टेस्टिंग किट की जरुरत होगी। सूत्रों के मुताबिक 3 अप्रैल को एक बैठक के दौरान उद्योग प्रतिनिधियों को इस बाबत अवगत कराया गया। इस बैठक का नेतृत्व नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने किया था।

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सूत्रों ने एक अधिकारी के हवाले से कहा था कि बैठक के दौरान फिक्की के प्रतिनिधियों ने भी भाग लिया। इसमें कहा गया, ‘जून 2020 तक 2.7 करोड़ एन-95 मास्क, 16 लाख टेस्टिंग किट और 1.5 करोड़ पीपीई की मांग का अनुमान है और इनकी खरीद की दिशा में काम किया जा रहा है।’ मगर ये ऑर्डर ऐसे समय में दिए गए हैं जब चीन यूरोपीय देसों से कम गुणवत्ता वाले उपकरणों के निर्यात की शिकायतों का सामना करन रह रहा है।

हालांकि अपने उपकरणों के निर्यात में शिकायत मिलने के बाद चीन ने 11 श्रेणियों के चिकित्सा उपकरणों की गुणवत्ता जांच की है। इसमें मास्क, सुरक्षात्मक सूट, काले चश्मे और वेंटिलेटर शामिल हैं। इसी बीच विक्रम मिश्री ने कहा है कि दोनों देश फार्मास्यूटिकल्स, विशेष रूप से एक्टिव फार्मास्यूटिकल्स इंडीकेटर्स (API) पर सहयोग कर सकते हैं।

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बता दें कि सारे मेडिकल उपकरण भारत सरकार और निजी कंपनियों द्वारा चीन से खरीदे जा रहे हैं। इसके लिए चीन स्थित भारतीय दूतावास मदद कर रहा है। अधिकारी ने बताया कि चीन ने पूर्व में 1,70,000 पीपीई दान स्वरूप दिए थे। इसके अलावा चीन की तरफ से पांच लाख से ज्यादा टेस्टिंग किट विभिन्न संस्थानों को मुहैया कराई जा चुकी है, जबकि 10 लाख से 15 लाख तक टेस्टिंग किट की खरीद और उत्पादन की प्रक्रिया जारी है।