कुछ अरसे तक शांत रहने के बाद कोरोना फिर से अपना रंग दिखाने लगा है। दुनिया के कई देशों में इन दिनों कोरोना वायरस के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। चीन में तो हाहाकार मचा है। इसके चलते कई शहरों में लॉकडाउन तक लगाया गया है। ऐसे में कोरोना वायरस के एक नए वेरिएंट XE ने दस्तक दी है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने कहा है कि ये नया वेरिएंट ओमिक्रॉन से भी 10 फीसदी ज्यादा संक्रामक है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन की तरफ से ये जानकारी ऐसे समय में दी गई है, जब चीन के साथ यूरोप के कई देशों में कोरोना वायरस के मामले बढ़ रहे हैं। ब्रिटेन और फ्रांस में बढ़ते मामले चिंता का सबब बन रहे हैं। हालांकि, भारत में स्थिति नियंत्रण में है। देश के कई राज्यों में कोविड प्रोटोकॉल में छूट भी दी गई है। कई जगहों पर मास्क ना लगाने पर लगने वाले जुर्माने को हटा दिया गया है। सोशल डिस्टेंसिंग को लेकर भी लोग बेपरवाह ही हैं।
एक रिपोर्ट के मुताबिक ब्रिटिश हेल्थ सिक्योरिटी एजेंसी का कहना है कि फिलहाल 3 हाइब्रिड कोविड वेरिएंट मौजूद हैं। इसमें डेल्टा और BA.1 के मिलने से दो वेरिएंट XD और XF पैदा हुए हैं। तीसरा वेरिएंट XE है। विश्व स्वास्थ्य संगठन XE वेरिएंट को ओमिक्रॉन वेरिएंट से ही जोड़कर देख रहा है।
XE स्ट्रेन का पता पहली बार ब्रिटेन में 19 जनवरी को चला था। उसके बाद से इसके 500 से ज्यादा मामलों की पुष्टि हो चुकी है। ब्रिटिश एजेंसी का कहना है कि अभी नए वेरिएंटके बारे में ज्यादा कुछ नहीं कहा जा सकता है। किसी निष्कर्स पर पहुंचने के लिए पर्याप्त सबूत नहीं हैं। इस पर वैक्सीन काम करेंगी या नहीं यह भी पता नहीं है।
भारत में कोरोना की तीन लहरें आ चुकी हैं। हालांकि पहली और तीसरी लहर उतनी भयावह नहीं रही थी। लेकिन दूसरी लहर में जानमाल का नुकसान देखने को मिला था। डेल्टा वेरिएंट की वजह से देश के कई हिस्सों में तबाही देखने को मिली थी। फिलहाल यहां कोरोना का असर नहीं है।
डीडीएमए ने शनिवार को कहा कि वह अब दिल्ली में कोविड-19 की रोकथाम के संबंध में आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 के तहत कोई औपचारिक आदेश जारी नहीं करेगा। डीडीएमए ने एनडीएमए के एक हालिया फैसले का हवाला दिया, जिसमें कहा गया है कि स्थिति में समग्र सुधार को देखते हुए कोविड की रोकथाम के लिए आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 के प्रावधानों को लागू करने की कोई आवश्यकता नहीं है।