Charles Sobhraj Release: नेपाल (Nepal) के सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने फ्रांस (France) के सीरियल किलर (Serial Killer) चार्ल्स शोभराज (Charles Sobhraj) को 19 साल जेल में बिताने के बाद उसकी उम्र के आधार पर रिहा करने का आदेश दिया है। समाचार एजेंसी एएनआई ने बताया कि चार्ल्स दो अमेरिकी पर्यटकों की हत्या के आरोप में 2003 से नेपाल की जेल में है। दुनिया के सबसे बड़ी शातिरों में से एक चार्ल्स शोभऱाज की जेल से 19 साल बाद रिहाई होने वाली है। अदालत का कहना है कि रिहाई के 15 दिनों भीतर चार्ल्स को देश से बाहर भेज दिया जाए।
जुर्म की दुनिया में ‘Bikini Killer’ and ‘Serial Killer’ के नाम से मशहूर
भारतीय पिता और वियतनामी मां की संतान शोभराज फ्रांस का नागरिक था। शोभराज पर साल 1975 में नेपाल आने के लिए एक नकली पासपोर्ट का उपयोग करने और दो पर्यटकों- अमेरिकी नागरिक कोनी जो बोरोनज़िच और उसकी प्रेमिका कनाडाई लॉरेंट कैरिएर की हत्या करने का आरोप लगाजुर्म की दुनिया में शोभराज ‘बिकनी किलर’ और ‘सीरियल किलर’ के नाम से मशहूर है। शोभराज पर भारत,तुर्की, ईरान, थाईलैंड देशों में 20 से भी ज्यादा लोगों की हत्या के आरोप हैं।
1975 में एक दंपति के Murder Case में जेल में बद
एक सितंबर साल 2003 को एक अखबार ने शोभराज की फोटो प्रकाशित की थी बाद में शोभराज को एक कैसीनो के बाहर देखा गया था। शोभराज की गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने उनके खिलाफ 1975 में काठमांडू और भक्तपुर में एक दंपति की हत्या के आरोप में हत्या के दो अलग-अलग मामले दर्ज किए। वह काठमांडू की सेंट्रल जेल में 21 साल की कैद अमेरिकी नागरिक की हत्या के लिए 20 साल की सजा और फर्जी पासपोर्ट का इस्तेमाल करने के लिए एक साल और ₹2,000 के जुर्माने की सजा काट रहा था।
फर्जी Station Master बना शोभराज
बताया जाता है कि साल 1968 से 1974 के बीच वो फर्जी डॉक्यूमेंट के आधार पर स्टेशन मास्टर बन गया और कई दिनों तक नौकरी की। पुलिस ने बताया था कि इसी दौरान वो फर्जी ड्राइविंग लाइसेंस और फर्जी रजिस्ट्रेशन पेपर भी बनाने लगा था। करीब 6 दशक तक धनी राम मित्तल कई बार जेल गया और बाहर आया। वो दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, चंडीगढ़ और पंजाब में 1000 से ज्यादा कारें चुरा चुका है। बताया जाता है कि इस महाठग को रूप बदलने में महारत हासिल है और रूप बदल-बदल कर उसने कई बार लोगों को चूना लगाया।
महाठग ने हासिल की LLB की डिग्री
बताया जाता है कि धनी राम मित्तल ने चोरी और फर्जीगीरी करते-करते एलएलबी की डिग्री भी हासिल की थी। उसने हैंडराइटिंग एक्सपर्ट और ग्राफोलॉजी की डिग्री भी ली थी। बताया जाता है कि 25 साल के उम्र में उसने जुर्म की दुनिया में कदम रखा था और फिर साल 1964 में वो पहली बार गिरफ्तार भी हुआ था।
फर्जी Judge बन संभाली कुर्सी
बताया जाता है कि फर्जी कागजातों के दम पर उसने झज्जर कोर्ट के एडिशनल सेशल जज को तकरीबन दो महीने की छुट्टी पर भेज दिया था। उनके बाद वो खुद फर्जी जज बनकर उनकी कुर्सी पर विराजमान हो गया। बताया जाता है कि इन 40 दिनों में उसने कुल 2 हजार सात सौ चालीस लोगों को बेल दे दी जिसमें कई क्रिमिनल भी थे। कहा जाता है कि एलएलबी की डिग्री मिलने के बाद वो अपने दोस्तों की मदद कानूनी तौर से करता था।