अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने बुधवार को अपने कार्यकाल में पहली बार किसी अमेरिकी मस्जिद का दौरा किया। इस यात्रा का मकसद चुनाव प्रचार में दिये जा रहे मुस्लिम विरोधी भाषणों के बीच मुसलमानों को उनके धार्मिक स्वतंत्रता का भरोसा दिलाना था। ओबामा ने मेरीलैंड में ‘इस्लामिक सोसाइटी ऑफ बाल्टीमोर’ में मुसलमान विरोधी बयानबाजी की निंदा करते हुए मुसलमानों के प्रति सहिष्णुता का रुख अपनाने का आह्वान किया।

बाल्टीमोर की एक मस्जिद में मुस्लिम समुदाय को संबोधित करते हुए ओबामा ने कहा, ‘ जब तक मैं अमेरिका का राष्ट्रपति हूं आप यहां पूरी तरह सुरक्षित हैं।” 47 साल पुरानी इस मस्जिद में ओबामा को सुनने हजारों लोग इक्ट्ठा हुए थे। उन्होंने कहा,” आप लोग दूसरो की तरह ही अमेरिका के अंग हैं। आप मुस्लिम या अमेरिकन नहीं बल्कि आप अमेरिकन और मुस्लिम हैं। अमेरिका किसी एक धर्म के बढ़ती कट्टरता के खिलाफ है। एक साथ खड़े होकर हम दिखा सकते हैं कि अमेरिका वास्तव में सभी धर्मों को सम्मान करता है। अगर हम आतंकवाद से अपने देश की रक्षा करना चाहते हैं तो अमेरिका दिखा दे कि वह इस्लाम को दबाता नहीं है और इसके खिलाफ फैलाये जा रहे झूठ को खारिज करता है।”

इस दौरे को लेकर वाइट हाऊस के प्रवक्ता जोश इयरनेस्ट ने कहा कि ,” राष्ट्रपति मुसलमानों के धार्मिक अधिकारों, उनकी धार्मिक स्वतंत्रता और अमेरिकी समाज में उनकी महत्वपूर्ण किरदार की रक्षा को लेकर वचनबद्ध हैं।”

मस्जिद में अपने भाषण में उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार की तरफ से अमेरिकी मुसलमानों के खिलाफ कट्टर भाषण देने को वो गलत मानते हैं। साथ ही उन्होंने अमेरिकी समाज के तानेबाने के लिए मुसलमानों को आवश्यक बताते हुए कहा कि इस्लाम को खराब इमेज को बदलने के लिए आवश्यक है कि मुसलमान आतंकवाद की खुलकर आलोचना करें।

ओबामा ने कहा कि किसी एक मत पर हमला हमारे सभी मतों पर हमला है। इसी के साथ उन्होंने अमेरिकी सिखों की भी बात की और आह्वान किया कि अमेरिकियों को किसी समुदाय को निशाना बनाया जाने के समय आवाज उठानी चाहिए। उन्होंने कहा कि हमें इस बात का सम्मान करना चाहिए कि उनके पास धर्म की स्वतंत्रता है।

उन्होंने आगे कहा कि आपने अक्सर देखा होगा कि आतंकवाद के घिनौने कारनामों के लिए एक ही समुदाय के लोगों पर शक किया जाता है। 9/11 हमले के बाद मुसलमानों के खिलाफ बयानबाजी शुरू हुई और पेरिस और कैलिफोर्निया के सैन बर्नार्डिनो में आतंकवादी हमलों के बाद इसमें तेजी आई है।
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