जम्मू और कश्मीर मामले पर बौखलाए पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरेशी के सुर अचानक से बदल गए हैं। उन्होंने कहा है कि कश्मीर के लिए जंग कोई विकल्प नहीं है। पाक इस मसले को सुलझाने के लिए बातचीत के लिए राजी है। शनिवार (31 अगस्त, 2019) को बीबीसी उर्दू को दिए इंटरव्यू में पाक विदेश मंत्री बोले- पाकिस्तान ने कभी भी आक्रामक नीति नहीं अपनाई है। हमारी ओर से हमेशा शांति को प्राथमिकता दी गई है।

उन्होंने इसके अलावा बताया, “इमरान खान के नेतृत्व वाली सरकार ने बार-बार भारत से बातचीत की शुरुआत को लेकर ऑफर किया, क्योंकि दोनों परमाणु हथियार संपन्न पड़ोसी देश भविष्य में होने वाली जंग का जोखिम नहीं ले सकते हैं।”

हालांकि, कश्मीर पर भारत के दावे से इतर वह बोले कि यह अंतर्राष्ट्रीय मुद्दा है, जबकि देश इसे द्विपक्षीय मसला मान रहा है। बता दें कि भारत ने आंतरिक मुद्दों पर ‘‘गैर जिम्मेदाराना बयान” देने और उकसाने वाली भारत विरोधी बयानबाजी के लिए पाकिस्तान की कड़ी आलोचना की है। साथ ही कहा था कि अनुच्छेद 370 के ज्यादातर प्रावधान खत्म करना उसका आंतरिक मामला है।

वैसे, पाक विदेश मंत्री ने भारत से बातचीत की जो पेशकश की है, उसमें उन्होंने अपने मुल्क की शर्तों का भी जिक्र किया है। उनके मुताबिक, “फिलहाल भारत का मौजूदा बातचीत के लिए लिहाज से ठीक नहीं लगता है। पर वहां प्रशासित कश्मीर में कर्फ्यू खत्म करने, बुनियादी अधिकार बहाल करने, हिरासत में लिए गए कश्मीरी नेताओं को छोड़ने व हमसे (शाह महमूद क़ुरैशी को) उन्हें मिलने की मंजूरी देने पर बात शुरू हो सकती है।”

कुरेशी का बयान तब आया है, जब एक दिन पहले पाक पीएम इमरान खान ने प्रत्यक्ष सैन्य दखल को लेकर गीदड़भभकी भरी थी। ‘द न्यू यॉर्क टाइम्स’ में प्रकाशित ओपिनियन-पेज पर एक लेख में उन्होंने चेताया था कि अगर दुनिया ने कश्मीर मुद्दे को नजरअंदाज किया और भारत ने इस दौरान ‘आगे बढ़ने की कोशिश की’, तब सीधे सैन्य दखल देंगे।