पाकिस्तान में मंगलवार को पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की गिरफ्तारी और पाकिस्तानी सेना मुख्यालय पर तोड़फोड़ और हिंसा की घटनाओं के बाद भारतीय सेना वहां की स्थिति पर कड़ी नजर रख रही है। रक्षा सूत्रों के मुताबिक नियंत्रण रेखा (LOC) और अंतरराष्ट्रीय सीमा पर चौकसी बढ़ा दी गई है। पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को मंगलवार को अर्धसैनिक बलों ने उस समय गिरफ्तार कर लिया, जब वह भ्रष्टाचार के एक मामले में सुनवाई के लिए इस्लामाबाद उच्च न्यायालय में मौजूद थे। पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) ने ट्वीट कर कहा, “पाकिस्तान रेंजर्स ने पीटीआई के अध्यक्ष इमरान खान का अपहरण कर लिया।”

आईएसआई के वरिष्ठ अधिकारी के खिलाफ आरोप को बताया गलत

पाकिस्तान रेजर्स खान को गिरफ्तार करने के बाद एक वैन में वहां से ले गए। इसके बाद खान के समर्थकों ने रावलपिंडी में सेना के मुख्यालय और लाहौर में कोर कमांडर के आवास पर धावा बोल दिया। इससे एक दिन पहले ही 70 वर्षीय खान ने देश की सेना पर कथित तौर पर उनकी हत्या की साजिश रचने का आरोप लगाया था। पाकिस्तान की सेना ने एक दिन पहले ही आरोप लगाया था कि खान खुफिया एजेंसी आईएसआई के एक वरिष्ठ अधिकारी के खिलाफ निराधार आरोप लगा रहे हैं।

पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी की वरिष्ठ नेता शिरीन मजारी के अनुसार, लाहौर से संघीय राजधानी इस्लामाबाद आए पार्टी अध्यक्ष खान अदालत में एक बायोमेट्रिक प्रक्रिया से गुजर रहे थे, तभी रेंजर्स ने कांच की खिड़की को तोड़ दिया और वकीलों एवं खान के सुरक्षा कर्मचारियों की पिटाई करने के बाद उन्हें (खान को) गिरफ्तार कर लिया।

टीवी फुटेज में रेंजर्स खान को कॉलर से पकड़कर ले जाते और उन्हें एक जेल वाहन में बैठाते हुए दिखे। रेंजर्स, गृह मंत्रालय के तहत काम करते हैं और आमतौर पर सेना से प्रतिनियुक्ति पर आये अधिकारियों द्वारा निर्देशित होते हैं। 

खान की गिरफ्तारी की खबर फैलते ही पाकिस्तान के कई शहरों में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए। कई जगहों पर प्रदर्शनकारी हिंसक हो गए और पुलिस वाहनों को आग के हवाले कर दिया और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाया। पहली बार, खान के समर्थकों ने रावलपिंडी में सेना के विशाल मुख्यालय के मुख्य द्वार को तोड़ दिया, जहां सैनिकों ने संयम बरता। प्रदर्शनकारियों ने प्रतिष्ठान के खिलाफ नारेबाजी की।

लाहौर में, बड़ी संख्या में पीटीआई कार्यकर्ताओं ने कोर कमांडर के लाहौर आवास पर धावा बोल दिया और गेट और खिड़की के शीशे तोड़ दिए। वहां ड्यूटी पर मौजूद सैन्यकर्मियों ने, हालांकि, क्रोधित प्रदर्शनकारियों को रोकने की कोशिश नहीं की, जिन्होंने उन्हें घेर लिया और सेना में पीएमएल-एन के नेतृत्व वाली सरकार के ‘आकाओं’ के खिलाफ नारे लगाए।