कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी रविवार को तीन दिवसीय अमेरिका यात्रा पर पहुंचे हैं। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष का पद संभालने के बाद यह राहुल गांधी की पहली विदेशी यात्रा है। राहुल गांधी रविवार को अमेरिका के टेक्सास पहुंचे। इसके बाद वह प्रवासी भारतीयों के एक कार्यक्रम में पहुंचे। राहुल गांधी के साथ इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के चेयरमैन सैम पित्रोदा भी थे। इस दौरान सैम ने कहा कि राहुल गांधी पप्पू नहीं हैं।

पप्पू नहीं हैं राहुल गांधी- सैम पित्रोदा

इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के चेयरमैन सैम पित्रोदा ने कहा, “राहुल गांधी का एजेंडा कुछ बड़े मुद्दों को संबोधित करना है। बीजेपी करोड़ों रुपये खर्च करके जो प्रचार करती है, उसके विपरीत राहुल का दृष्टिकोण है। मैं आपको बता दूं कि वह पप्पू नहीं हैं। राहुल गांधी काफी पढ़े लिखे हैं। राहुल किसी भी विषय पर गहरी सोच रखने वाले रणनीतिकार हैं।”

बीजेपी ने संविधान पर हमला किया- राहुल गांधी

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने कहा, “आरएसएस का मानना ​​है कि भारत एक विचार है और हमारा मानना ​​है कि भारत विचारों की बहुलता है। हमारा मानना ​​है कि हर किसी को उनकी जाति, भाषा, धर्म देखे बिना भाग लेने की अनुमति दी जानी चाहिए, सपने देखने की अनुमति दी जानी चाहिए और बिना किसी परवाह के जगह दी जानी चाहिए। परंपरा या इतिहास की यह लड़ाई है और यह लड़ाई चुनाव में स्पष्ट हो गई जब भारत के लाखों लोगों को स्पष्ट रूप से पता चला कि भारत के प्रधानमंत्री भारत के संविधान पर हमला कर रहे थे।”

‘भारत की राजनीति में नफरत का माहौल, रोजगार में चीन हमसे आगे’, अमेरिका में बोले राहुल गांधी

राहुल गांधी ने कहा, “जो बात मैंने आपसे कही, वह संविधान में है। आधुनिक भारत की नींव संविधान है। चुनाव में लोगों ने जो स्पष्ट रूप से समझा, और जब मैं संविधान को उठाता था, तो लोग समझते थे कि मैं क्या कह रहा हूं। भाजपा हमारी परंपरा पर हमला कर रही है, हमारी भाषा पर हमला कर रही है, हमारे राज्यों पर हमला कर रही है, हमारे इतिहास पर हमला कर रही है। जो कोई भी भारत के संविधान पर हमला कर रहा है वह हमारी धार्मिक परंपरा पर भी हमला कर रहा है।”

राहुल गांधी ने अपने लोकसभा भाषण का जिक्र करते हुए कहा, “संसद में मेरे पहले भाषण में जब मैंने अभयमुद्रा का वर्णन किया तो आपने देखा होगा कि यह निर्भयता का प्रतीक है। यह हर एक भारतीय धर्म में मौजूद है। जब मैं यह कह रहा था, तो भाजपा नहीं बोल सकी। वे नहीं समझते हैं और हम उन्हें समझाने जा रहे हैं। दूसरी बात यह हुई कि बीजेपी का डर ख़त्म हो गया। हमने देखा कि चुनाव परिणाम के तुरंत बाद कुछ ही मिनटों के भीतर भारत में कोई भी भाजपा या भारत के प्रधानमंत्री से नहीं डर रहा था। ये भारत के लोगों की बहुत बड़ी उपलब्धियां हैं, जिन्होंने लोकतंत्र को महसूस किया।”