संकटग्रस्त अफगानिस्तान में काबुल हवाई अड्डे के पास गुरुवार (26 अगस्त, 2021) को दो आत्मघाती हमलावरों और बंदूकधारियों ने भीड़ को निशाना बनाकर हमला किया। इस अटैक में 13 अमेरिकी जवानों समेत कम से कम 73 लोगों (60 अफगानिस्तानी) की मौत हो गई, जबकि कई अन्य के घायल होने की खबर है। हमले के बाद अफरा-तफरी के माहौल के बीच हर तरफ चीख-पुकार मची थी। लोग घायल हुए अपने परिजन को हाथगाड़ी पर लेकर इधर उधर भाग रहे थे।

वहीं, यूएएस के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा है, “इस हमले को अंजाम देने वालों के साथ-साथ अमेरिका को नुकसान पहुंचाने वाले किसी भी व्यक्ति के लिए यह जान लें: हम माफ नहीं करेंगे। हमें नहीं भूलेगा। हम आपका शिकार करेंगे और आपको भुगतान करेंगे।” बदला लेने का संकल्प लेते हुए उन्होंने कहा, ‘‘हम तुम्हें (हमलावरों को) पकड़कर इसकी सजा देंगे।’’

व्हाइट हाउस से एक गंभीर संबोधन में उन्होंने मारे गए अमेरिकी सैनिकों की “नायक” के तौर पर तारीफ की। साथ ही कहा कि काबुल से निकासी मिशन 31 अगस्त की नियोजित अमेरिकी वापसी की तारीख तक जारी रहेगा। बाइडेन के मुताबिक, “हम आतंकवादियों से नहीं डरेंगे। हम उन्हें अपने मिशन को रोकने नहीं देंगे। हम निकासी जारी रखेंगे।”

बकौल बाइडन, ‘‘यह तालिबान के हित में है कि वह आईएसआईएस-के को अफगानिस्तान में और पैर ना पसारने दे।’’ उन्होंने साथ ही कहा कि हवाईअड्डे पर हमले को अंजाम देने में तालिबान और आईएसआईएस की मिलीभगत का अब तक कोई सबूत नहीं मिला है।

इस्लामक स्टेट से जुड़े ‘इस्लामिक स्टेट-खुरासान प्रांत’ (आईएसकेपी) ने काबुल हवाईअड्डे के बाहर हुए हमलों की जिम्मेदारी ली है। कहा है कि उसने अमेरिकी सैनिकों और उसके अफगान सहयोगियों को निशाना बनाया। बयान के साथ एक तस्वीर भी साझा की गई। आतंकवादी संगठन ने कहा कि यह वही हमलावर है, जिसने हमले को अंजाम दिया। तस्वीर में कथित हमलावर को काले आईएस झंडे के सामने विस्फोटक बेल्ट के साथ खड़ा देखा जा सकता है, जिसके चेहरे पर एक काला कपड़ा बंधा है और केवल उसकी आंखें दिख रही हैं।

इसी बीच, केंद्रीय विदेश मंत्रालय की ओर से कहा गया, “भारत काबुल बम धमाकों की कड़ी निंदा करता है। हम इस आतंकी हमले में जान गंवाने वालों के परिवारों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करते हैं। इन हमलों ने दुनिया के आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता के साथ खड़े होने की आवश्यकता पर बल दिया।”

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने काबुल हवाईअड्डे पर हुए आतंकवादी हमले की निंदा की है। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने हमले को बर्बर करार देते हुए कहा कि निकासी अभियान तेजी से जारी रखने की जरूरत है। जानकारी के मुताबिक, एक हमलावर उन लोगों से जा टकराया जोकि गर्मी से बचने के लिए घुटनों तक पानी वाली नहर में खड़े थे और इस दौरान शव पानी में बिखर गए। ऐसे लोग जोकि कुछ देर पहले तक विमान में सवार होकर निकलने की उम्मीद कर रहे थे वो घायलों को एंबुलेंस में ले जाते देखे गए। उनके कपड़े खून से सन गए थे।

यह विस्फोट ऐसे समय हुआ है, जब अफगानिस्तान पर तालिबान के नियंत्रण के बाद से हजारों अफगान देश से निकलने की कोशिश कर रहे हैं और पिछले कई दिनों से हवाई अड्डे पर जमा हैं। काबुल हवाई अड्डे से बड़े स्तर पर लोगों की निकासी अभियान के बीच पश्चिमी देशों ने हमले की आशंका जतायी थी। इससे पहले दिन में कई देशों ने लोगों से हवाईअड्डे से दूर रहने की अपील की थी क्योंकि वहां आत्मघाती हमले की आशंकर जतायी गई थी।

अमेरिका के एक अधिकारी का कहना है कि “निश्चित तौर पर माना जा रहा है कि” काबुल हवाई अड्डे के पास हुए हमले के पीछे आतंकी समूह इस्लामिक स्टेट का हाथ है। इस्लामिक स्टेट समूह तालिबान से अधिक चरमपंथी है और इसने असैन्य नागरिकों पर कई बार हमले किये हैं। काबुल हवाईअड्डे पर हुए हमले की पुष्टि अमेरिका के रक्षा विभाग पेंटागन ने भी की थी। हालांकि, रूस के विदेश मंत्रालय ने आधिकारिक तौर पर इस हमले में हताहतों के संबंध में जानकारी साझा की है। (पीटीआई-भाषा इनपुट्स के साथ)