पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में एक मस्जिद से पीने का पानी लेने के कारण एक गरीब हिंदू किसान परिवार मुश्किल में पड़ गया। कुछ लोगों ने धार्मिक स्थल की पवित्रता का उल्लंघन करने के लिए उसे बंधक बनाकर प्रताड़ित किया। एसपी असद सरफराज ने कहा कि वह मामले पर गौर कर रहे हैं। उपायुक्त डॉ खुर्रम शहजाद ने कहा कि वह कोई भी कार्रवाई करने से पहले सोमवार को हिंदू समुदाय के बुजुर्गों से मिलेंगे।
न्यूज एजेंसी PTI के मुताबिक पंजाब के रहीमयार खान शहर के रहने वाले आलम राम भील अपने परिवार के अन्य सदस्यों के साथ खेत में काम कर रहे थे। भील ने कहा कि जब परिवार एक नल से पानी लेने के लिए पास की एक मस्जिद के बाहर गया तो कुछ लोगों ने उन्हें पीटा। परिवार काम के बाद घर लौट रहा था तो जमींदारों ने उन्हें उनके डेरा में बंधक बना लिया। इसके बाद मस्जिद की पवित्रता का उल्लंघन करने के लिए उन्हें प्रताड़ित किया।
भील ने कहा कि पुलिस ने मामला दर्ज नहीं किया क्योंकि हमलावर प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के सांसद से जुड़े हैं। पुलिस की निष्क्रियता का विरोध करते हुए भील ने थाने के बाहर धरना दिया। जिला शांति समिति के सदस्य पीटर ने कहा कि उन्होंने सत्तारूढ़ दल के विधायक जावेद वारियाच से संपर्क किया। उन्होंने शुक्रवार को मामला दर्ज कराने में उनकी मदद की।
उधर, डॉन अखबार के मुताबिक पीटर ने जिला शांति समिति के अन्य सदस्यों से इस मुद्दे पर एक आपात बैठक बुलाने का अनुरोध किया लेकिन उन्होंने मामले को गंभीरता से नहीं लिया। पीटीआई पार्टी के दक्षिण पंजाब अल्पसंख्यक विंग के महासचिव युधिष्ठिर चौहान ने कहा कि घटना उनके संज्ञान में आई है लेकिन सत्तारूढ़ पार्टी के सांसद के प्रभाव के कारण उन्होंने हस्तक्षेप नहीं किया।
पूर्व जिला बार अध्यक्ष फारूक रिंद ने शिकायतकर्ता परिवार को मुफ्त कानूनी सहायता का वादा किया। उन्होंने कहा कि वह भी बस्ती कहूर इलाके से ताल्लुक रखते हैं, जहां भील एक सदी से अधिक समय से रह रहे हैं। उन्होंने कहा कि समुदाय के ज्यादातर सदस्य खेत में काम करने वाले और बेहद गरीब लोग हैं। रिंद ने कहा कि आरोपी जमींदार छोटे-मोटे मुद्दों पर अन्य ग्रामीणों के साथ लड़ाई करने के लिए कुख्यात है। पाकिस्तान में हिंदू सबसे बड़ा अल्पसंख्यक समुदाय है। आधिकारिक अनुमान के मुताबिक पाकिस्तान में 75 लाख हिंदू रहते हैं।