अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) भारत पहुंच गए हैं। ट्रंप की इस यात्रा को लेकर सियासी हलकों में चर्चा का बाजार गर्म है। व्‍यापार समझौते करने से अमेर‍िका द्वारा मना कर देने के बाद भारत सरकार इस कोश‍िश में लगी है क‍ि कैसे ट्रंप के दौरे को फायदेमंद बनाया जाए। बताया जा रहा है क‍ि अब ट्रंप को एलआईसी की पॉल‍िसी बेचे जाने और अमेर‍िकी राष्‍ट्रपत‍ि चुनाव के ल‍िए कुछ समर्प‍ित नेताओं की सप्‍लाई करने का ठेका हास‍िल करने पर जोर है।

बग्गा और कपिल मिश्रा भी मिलेंगे: अमित शाह के घर के बाहर शकरकंदी बेचने वाले एक ‘विश्वसनीय’ सूत्र ने बताया कि एक दिन पहले तजिंदर पाल बग्गा और कपिल मिश्रा ने पार्टी के पूर्व अध्यक्ष और गृह मंत्री से गुपचुप मुलाकात की है। दोनों के हाथ में मोटी-मोटी फाइलें भी थीं। जानकारी के मुताबिक, बग्गा और कपिल मिश्रा दिल्ली चुनाव से ‘फारिग’ हो चुके हैं और अब दोनों ने ट्रंप के लिए अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव में काम करने की इच्छा जताई है और अमित शाह से इसकी इजाजत मांगी है।

कपिल मिश्रा का कहना है कि उनकी स्टैटेजी तैयार है। उनके पास एक ऐसा हथियार है, जिससे ट्रंप की जीत निश्चित है। वे अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव को ‘अमेरिका बनाम रूस’ करार दे देंगे और ट्रंप आसानी से जीत जाएंगे। दोनों नेताओं ने गृह मंत्री से उनकी मुलाकात ‘ट्रंप अभिनंदन समारोह समिति’ के संस्थापक से कराने की मांग की है, ताकि उनके जरिये वे ट्रंप तक पहुंच सकें। खबर है कि ट्रंप अभ‍िनंदन समारोह सम‍िति‍ के गुमनाम कार्यकर्ता और अध‍िकारी भी अमेर‍िका जाकर ट्रंप को चुनाव में मदद करने के ल‍िए तैयार हैं।

एलआईसी की पॉल‍िसी बेचने की योजना भारत के ल‍िहाज से एक अच्‍छी खबर है। व्हाइट हाउस के सूत्रों से जो खबर सामने आई है, वह भारत की उम्‍मीदें बढ़ाने वाली है। पता चला है क‍ि ट्रंप के घर में एलआईसी को लेकर पहले से चर्चा चल रही थी। व्हाइट हाउस के सूत्रों का दावा है कि मोदी सरकार ने जैसे ही एलआईसी का एक हिस्सा बेचने का ऐलान किया, ट्रंप के घर में कलह मच गई थी।

दरअसल, ट्रंप की पत्नी मेलानिया पिछले कई महीनों से एलआईसी की पॉलिसी लेने की जिद कर रही थीं, लेकिन ट्रंप पर महाभियोग की कार्यवाही के चलते मामला लटका पड़ा था। इस बीच मोदी सरकार ने अचानक एलआईसी का एक हिस्सा बेचने का ऐलान कर दिया। इससे मेलानिया ट्रंप को झटका लगा। व्हाइट हाउस के सूत्रों ने बताया कि मोदी सरकार के ऐलान के बाद से ही मेलानिया, डोनाल्ड ट्रंप से काफी खफ़ा थीं। इसके बाद अमेरिकी राष्ट्रपति ने आनन-फानन में बिकने से पहले, एलआईसी की पॉलिसी खरीदने के लिए भारत आने का फैसला लिया।