आज के समय में लोगों में ब्लड प्रेशर की शिकायत होना आम हो गया है। भागदौड़ भरी जिंदगी और तनाव के कारण अक्सर लोगों का ब्लड प्रेशर लो हो जाता है। लो ब्लड प्रेशर को निम्न रक्तचाप भी कहा जाता है। इसके कारण आंखों के आगे अंधेरा छाना, हाथ-पैर ठंडे पड़ जाना, बेहोशी आना, उठने, बैठने और खड़े होने में परेशानी, दिल की बीमारी, मल्टीपल ऑर्गन फेलियर और खून की कमी जैसी समस्याएं होने लगती हैं। उच्च रक्त चाप की तरह ही निम्न रक्त चाप भी जानलेवा होता है।

बता दें, एक स्वस्थ व्यक्ति के शरीर में नॉर्मल ब्लड प्रेशर 120/80 mmhg होता है। हालांकि, अगर ब्लड प्रेशर की रीडिंग 90/60 mmhg से कम है, तो यह लो माना जाता है। बाबा रामदेव बताते हैं कि ज्यादा एक्सरसाइज करने और ज्यादा पसीना आने से भी कभी-कभी ब्लड प्रेशर लो जाता है। उन्होंने यह भी बताया कि दूध में हल्दी, शिलाजीत या केसर का सेवन करने से लो बीपी तुरंत सामान्य हो जाता है। इसके अलावा अश्वशिला की दो बूंद चाटने से भी तुरंत रक्तचाप सामान्य आ जाता है।

बाबा रामदेव ने बताएं निम्न रक्तचाप को कंट्रोल करने के लिए योगासन:

सूर्य नमस्कार: सूर्य नमस्कार निम्न रक्तचाप को संतुलित करने में काफी लाभदायक होता है। यह फेफड़ों में ऑक्सीजन पहुंचाकर, पूरे शरीर को स्वस्थ रखता है। इसी के साथ यह शरीर को एनर्जी देकर इम्यूनिटी को भी मजबूत करता है। रोजाना सूर्य नमस्कार करने से तनाव और डिप्रेशन से छुटकारा मिलता है। यह शरीर से विषैले पदार्थों को निकालकर पाचन तंत्र को बेहतर करता है।

ताड़ासन: ताड़ासन रोजाना करने से निम्न रक्तचाप तो संतुलित होता ही है, साथ ही यह शरीर को लचीला बनाकर लंबाई को भी बढ़ाता है। इससे कमर की चर्बी पूरी तरह खत्म हो जाती है। रोजाना ताड़ासन करने से वजन को भी घटाया जा सकता है। साथ ही यह मन को शांत रखने में भी सहायक है।

तिर्यक ताड़ासन: यह योगासन भी लो ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करके कई बीमारियों से बचाता है। साथ ही लंबाई बढ़ाने और वजन घटाने में भी सहायक है।  तिर्यक ताड़ासन से भूलने की बीमारी को भी खत्म हो किया जा सकता है।

कोणासन: कोणासन करने से दिल से जुड़ी बीमारियों से छुटकारा मिल सकता है। साथ ही यह मोटापे को कम कर निम्न रक्तचाप को संतुलित बनाए रखता है। कोणासन तनाव और चिंता से मुक्त दिलाता है। शरीर में ब्लड सर्कुलेशन को ठीक करता है। कमर और साइटिका के दर्द से राहत दिलाता है।

शशकासन: शशकासन के जरिए जहां रक्तचाप नियंत्रित होता है। वहीं, यह मानसिक रोगों से भी मुक्ति दिला सकता है। रोजाना शशकासन करने से लिवर और किडनी की बीमारी से भी निजात पाया जा सकता है।