उच्च रक्तचाप यानी हाई ब्लड प्रेशर एक गंभीर समस्या है, जो तेजी से लोगों को प्रभावित कर रही है। पहले के समय में ये समस्या उम्र बढ़ने के साथ होती थी लेकिन वर्तमान समय में कम उम्र के लोग भी इसकी चपेट में आ रहे हैं। एक्सपर्ट्स इसे ‘साइलेंट किलर’ स्थिति बताते हैं। यानी समय के साथ हाई बीपी की परेशानी बेहद खतरनाक हो सकती है। खासकर ब्लड प्रेशर का हाई रहना हार्ट पर बेहद खराब असर डालता है और एक समय पर हार्ट अटैक, स्ट्रोक या हार्ट फेलियर जैसी जानलेवा स्थिति का कारण भी बन सकता है। इसी कड़ी में इस खतरनाक स्थिति से बचाव और इसे लेकर लोगों में जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से हर साल 17 मई को विश्व हाइपरटेंशन दिवस (World Hypertension Day) मनाया जाता है। ऐसे में आइए जानते हैं हाई ब्लड प्रेशर किस तरह की समस्याएं बढ़ाता है और किस तरह से आपको इससे बचना चाहिए-

डेंजर बीपी लेवल क्या है?

मामले को लेकर नारायणा हॉस्पिटल, गुरुग्राम के सीनियर डायरेक्टर और प्रोग्राम हेड कार्डियक साइंसेज डॉ. हेमंत मदान बताते हैं, ‘सामान्य रूप से एक स्वस्थ व्यक्ति का ब्लड प्रेशर 80/120 होता है। ब्लड प्रेशर और कुछ नहीं बल्कि वह प्रेशर है, जिसकी मदद से ब्लड धमनियों (आर्टरीज) तक पहुंचता है। हाई ब्लड प्रेशर की स्थिति में व्यक्ति का ब्लड प्रेशर 90/140 या इसके ऊपर पहुंच जाता है और ऐसा होने पर शरीर की धमनियों में रक्त का दबाव अधिक बढ़ जाता है।

कब बढ़ जाता है खतरा?

डॉ. मदान बताते हैं, ‘हर व्यक्ति का ब्लड प्रेशर दिनभर में कई बार बढ़ता और कम होता रहता है लेकिन अगर हाई ब्लड प्रेशर की स्थिति लंबे समय तक बनी रहे तो ये सेहत के लिए हानिकारक हो सकती है और इसके कई दुष्प्रभाव सामने आ सकते हैं। इस समस्या के कारण हृदय रोग, हार्ट फेलियर और स्ट्रोक जैसी अनेक बीमारियां होने का खतरा रहता है।

क्यों बढ़ जाता है ब्लड प्रेशर?

इस सवाल का जवाब देते हुए डॉ अविनाश बंसल, इंटरवेंशनल, क्लिनिकल एंड क्रिटिकल कार्डियोलॉजी एंड इलेक्ट्रोफिजियोलॉजी, श्री बालाजी एक्शन मेडिकल इंस्टीट्यूट ने बताया, ‘ज्यादातर हाई ब्लड प्रेशर के मामलों में कोई एक कारण जिम्मेदार नहीं होता है। व्यक्ति की खराब लाइफस्टाइल, खराब खानपान, आनुवांशिक कारण और प्रदूषण से जुड़े हुए कारण जब सामूहिक रूप से लंबे समय तक किसी व्यक्ति को प्रभावित करते हैं, तो हाई ब्लड प्रेशर की समस्या बढ़ने लगती है।’

‘शारीरिक गतिविधि की कमी, जंक फूड और प्रोसेस्ड फूड का अधिक सेवन, अनियमित लाइफस्टाइल, अधिक सिगरेट और शराब का सेवन व्यक्ति को हाइपरटेंशन का शिकार बना देता है। इसके अलावा तनाव भी मुख्य रूप से हाई ब्लड प्रेशर के लिए जिम्मेदार होता है क्योंकि अधिक तनाव के कारण ऐसे हार्मोन्स निकलते हैं, जो रक्त वाहिकाओं पर दबाव डालते हैं और ब्लड प्रेशर बढ़ने लगता है। ऐसे में इन कारणों को समझकर लाइफस्टाइल में आवश्यक परिवर्तन करना जरूरी है।’

कैसे पता चलेगा ब्लड प्रेशर बढ़ रहा है?

इसे लेकर आरएन टैगोर हॉस्पिटल, मुकुंदपुर की सीनियर कंसल्टेंट कार्डिएक सर्जरी (वयस्क), डॉ ललित कपूर बताते हैं, ‘हाई ब्लड प्रेशर के मरीजों में आमतौर पर कोई लक्षण या किसी भी तरह के संकेत जल्दी देखने को नहीं मिलते हैं लेकिन इसके कुछ सामान्य लक्षण हैं जिनका पता लगने के बाद आप ब्लड प्रेशर की जांच करा सकते हैं।’

‘इन लक्षणों में चक्कर आना, सांस लेने में मुश्किल होना, थकान, नाक से खून आना, अक्सर सिर दर्द रहना, नजर में परिवर्तन आना, सीने में दर्द महसूस होना और यूरिन के साथ ब्लड आना जैसी परेशानियां शामिल हैं। ऐसे में भूलकर भी ऐसे लक्षणों के प्रति लापरवाही ना बरतें और तुरंत डॉक्टर से संपर्क करके आवश्यक जांच कराएं।’

क्या है बचाव का तरीका?

हाई ब्लड प्रेशर से बचाव को लेकर धर्मशिला नारायणा सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल, दिल्ली के डायरेक्टर-कार्डियोलॉजी डॉ. समीर कुब्बा ने बताया कि लंबे समय तक हाई ब्लड प्रेशर की स्थिति शरीर में कई गंभीर बीमारियां उत्पन्न कर सकती है इसलिए बचाव के तौर पर आपको कुछ सावधानी बरतने की आवश्यकता है।

इसके लिए सबसे पहले तो आप नमक का सेवन सीमित करें, शराब और धूम्रपान का सेवन बिल्कुल भी ना करें, अपने तनाव को कम करने के लिए व्यायाम और योग को प्राथमिकता दें, फास्ट फूड के सेवन से बचें, सिर्फ पोषक तत्वों से भरपूर खाद्य पदार्थों का ही सेवन करें और चाय एवं कॉफी का सेवन भी कम करें। इसके अलावा नियमित रूप से अपने ब्लड प्रेशर की जांच कराते रहें और डॉक्टर के संपर्क में बने रहें।

Disclaimer: आर्टिकल में लिखी गई सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य जानकारी है। किसी भी प्रकार की समस्या या सवाल के लिए डॉक्टर से जरूर परामर्श करें।