World Digestive Health Day 2025: आजकल के समय में खानपान और लाइफस्टाइल के चलते कई स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं तेजी से बढ़ गई हैं, जिसमें सबसे आप पाचन संबंधी समस्या है। इसको लेकर ही हर साल 29 मई को विश्व पाचन स्वास्थ्य दिवस मनाया जाता है। इस दिन का उद्देश्य पाचन स्वास्थ्य के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाना है। इसका आयोजन विश्व गैस्ट्रोएंटरोलॉजी संगठन (WGO) द्वारा किया जाता है।

WGO द्वारा हर साल 29 मई को World Digestive Health Day मनाया जाता है, ताकि लोगों को पाचन स्वास्थ्य के महत्व के प्रति जागरूक किया जा सके। आज की भागदौड़ भरी जिंदगी, अनहेल्दी खानपान और स्ट्रेस की वजह से हमारा डाइजेस्टिव सिस्टम यानी पाचन तंत्र सबसे ज्यादा प्रभावित होता है। जिसके चलते कब्ज, एसिडिटी, गैस, पेट फूलना और अपच जैसी समस्याएं आम हो चुकी हैं। हॉलिस्टिक हेल्थ कोच और न्यूट्रिशनिस्ट निधि काकर ने कुछ आदतें बताई हैं, जिन्हें डेली रूटीन में शामिल करने से पाचन शक्ति न केवल बेहतर बनेगी, बल्कि लंबे समय तक पेट से जुड़ी बीमारियों से भी बचाव होगा।

फाइबर फूड्स का करें सेवन

हेल्दी और फिट डाइजेस्टिव सिस्टम के लिए फाइबर से भरपूर फूड्स का सेवन करना लाभकारी होता है। फल, सब्जियां, फलियां और साबुत अनाज जैसे फूड्स घुलनशील और अघुलनशील फाइबर से भरपूर होते हैं। फाइबर नियमित मल त्याग में मदद करता है, स्वस्थ आंत बैक्टीरिया को पोषण देता है। इसके अलावा कब्ज और सूजन को रोकने में मदद करता है।

प्रोबायोटिक्स और फर्मेंटेड फूड्स

दही, केफिर, किमची, सौकरकूट और कोम्बुचा आंत में अच्छे बैक्टीरिया बढ़ाने में मदद करते हैं। ये प्रोबायोटिक्स संतुलित आंत माइक्रोबायोम का समर्थन करते हैं। इसके साथ ही पाचन और प्रतिरक्षा यानी इम्यूनिटी को बूस्ट करने में असरदार होते हैं।

खाने को अच्छी तरह चबाएं

सही तरीके से चबाने से भोजन छोटे-छोटे टुकड़ों में टूट जाता है और लार में मौजूद पाचन एंजाइमों के साथ मिल जाता है। साथ ही धीरे-धीरे खाने से ज्यादा खाने, गैस और सूजन को कम करने में मदद मिलती है।

हाइड्रेटेड रहें

पर्याप्त पानी पीने से भोजन को पचाने, पोषक तत्वों को अवशोषित करने और पाचन तंत्र को स्वस्थ रखने में मदद मिलती है। दिन में कम से कम 8 गिलास पानी पीने का लक्ष्य रखें, खासकर अगर आप हाई फाइबर वाला आहार लेते हैं।

तनाव को दूर रखें

क्रोनिक तनाव आंत-मस्तिष्क अक्ष को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकता है, जिससे अपच, आईबीएस या एसिड रिफ्लक्स जैसी समस्याएं हो सकती हैं। तनाव को दूर करने के लिए ध्यान, गहरी सांस लेने या योग जैसी विश्राम तकनीकों का अभ्यास कर सकते हैं।

वहीं, NCBI में प्रकाशित एक शोध के मुताबिक, लिवर को हेल्दी रखने के लिए विटामिन ए और विटामिन डी की पर्याप्त मात्रा शरीर में जरूर होनी चाहिए।