जैसे-जैसे महिलाएं 35 की उम्र पार करती हैं, उनके शरीर में कई तरह के बदलाव देखने को मिल सकते हैं। जिसमें आंखों की रोशनी या आंखों की हेल्थ में बदलाव आदि। महिलाएं घर के काम और परिवार की देखभाल सबसे पहले करती है और अपनी केयर या जरूरतों को भूल जाती है। लेकिन, बढ़ती उम्र के साथ-साथ महिलाओं को आंखों की देखभाल पर ध्यान देना जरूरी है।

नेत्रा आई सेंटर, कंसल्टेंट और आई सर्जन, नई दिल्ली, डॉ. प्रियंका सिंह ने बताया कि महिलाओं को बढ़ती उम्र के साथ अपने स्वास्थ्य और लाइफस्टाइल का ध्यान रखना बहुत ही आवश्यक है। 35 और 40 साल के बाद से महिलाओं की आंखों पर तनाव और ग्लूकोमा की समस्या होने लगती है। ग्लूकोमा एक ऐसी आंखों की बीमारी है, जिसमें ऑप्टिक नर्व (दृष्टि तंत्रिका) धीरे-धीरे क्षतिग्रस्त हो जाती है। यह अक्सर आंखों के भीतर बढ़ते प्रेशर के कारण होता है। 40 की उम्र के बाद खासकर महिलाओं में इसका खतरा बढ़ जाता है, क्योंकि इस उम्र में हार्मोनल बदलाव, एस्ट्रोजन की कमी और कुछ मेडिकल स्थितियां जैसे डायबिटीज, हाई बीपी आदि ग्लूकोमा के रिस्क फैक्टर होते हैं।

ग्लूकोमा के शुरुआती लक्षण

ग्लूकोमा का पहला स्टेज अक्सर साइलेंट यानी बिना किसी लक्षण के शुरू होता है, लेकिन धीरे-धीरे जब ये बढ़ता है तो इसके संकेत दिखाई दे सकते हैं।

  • पेरीफेरल विजन का कम होना यानी किनारे से दिखना कम हो जाना
  • धुंधला दिखना
  • रात में लाइट के चारों ओर हाले दिखना
  • आंखों में हल्का दबाव या दर्द
  • अचानक सिरदर्द या मतली

स्क्रीन अधिक देखना

आज के मल्टीटास्किंग लाइफस्टाइल में व्यक्तिगत और व्यावसायिक दोनों कारणों से स्मार्टफोन, लैपटॉप और टेलीविजन स्क्रीन पर अधिक समय बीत रहा है। यह डिजिटल एक्सपोजर अक्सर आंखों में तनाव पैदा करता है, जिसमें सूखापन, धुंधली दृष्टि और थकान शामिल है। इसके अलावा हार्मोनल परिवर्तन, विशेष रूप से रजोनिवृत्ति के दौरान, सूखी आंख सिंड्रोम और डिजिटल आंख तनाव में भी योगदान दे सकते हैं।

कैसे रखें आंखों का ख्याल

स्वस्थ आहार आंखों के स्वास्थ्य को बनाए रखने में बहुत मददगार हो सकता है। पत्तेदार सब्जियों, खट्टे फलों, मेवों और मछली में पाए जाने वाले विटामिन ए, सी और ई, जिंक और ओमेगा-3 फैटी एसिड जैसे पोषक तत्व उम्र से संबंधित आंखों की बीमारियों से सुरक्षा प्रदान करते हैं।

नियमित आई चेकअप कराएं

40 की उम्र के बाद हर 1-2 साल में आंखों का विस्तृत परीक्षण (IOP और ऑप्टिक नर्व की जांच) जरूरी है। इससे आंखों की सेहत का समय रहते पता चल सकता है और किसी भी समस्या से बचाव किया जा सकता हैय़

शुगर और बीपी कंट्रोल में रखें

ब्लड प्रेशर और ब्लड शुगर कंट्रोल में रखें। क्योंकि, डायबिटीज और हाई बीपी ग्लूकोमा के खतरे को बढ़ाते हैं। ऐसे में ध्यान रखने की शुगर और बीपी आपका सही बना रहे।

वहीं, NCBI में प्रकाशित एक शोध के मुताबिक, लिवर को हेल्दी रखने के लिए विटामिन ए और विटामिन डी की पर्याप्त मात्रा शरीर में जरूर होनी चाहिए।