सर्दियों के मौसम में बीमारियों का खतरा अधिक बढ़ जाता है, क्योंकि ठंड के मौसम में खानपान से लेकर डेली रूटीन में भी बदलाव हो जाता है। इसके साथ ही फिजिकल एक्टिविटी भी बहुत कम हो जाता है। ऐसे में कई स्वास्थ्य संबंधी बीमारियां शरीर में घर बनाने लगती हैं, जिसमें निमोनिया भी आम समस्या है। निमोनिया एक ऐसी सांस संबंधी संक्रमण है, जो फेफड़ों में सूजन और इन्फेक्शन का कारण बनता है। निमोनिया का समय रहते उपचार नहीं किया गया तो यह धीरे-धीरे गंभीर समस्या पैदा कर सकता है। निमोनिया किसी भी उम्र के लोगों को प्रभावित कर सकता है, लेकिन बुजुर्गों, बच्चों और जिनकी इम्यूनिटी कमजोर है वह लोग इसकी चपेट में जल्दी आते हैं। वैसे ही अब HMPV वायरस ने दुनिया भर की चिंता बढ़ा दी है। HMPV वायरस भी चीन से सामने आया है और ये तेजी से फैल भी रहा है। खास बात यह है कि HMPV वायरस भी बच्चों, बुजुर्गों और जिनकी इम्यूनिटी कमजोर है उन्हें अपना शिकार बना रहा है। इसमें भी निमोनिया की तरह ही फेफड़ों का संक्रमण होता है। योग गुरु बाबा रामदेव ने निमोनिया से बचने के लिए घरेलू नुस्खा बताया है।
निमोनिया के लक्षण
- तेज बुखार और ठंड लगना
- बलगम के साथ खांसी
- खांसते या सांस लेते समय सीने में दर्द
- थकावट और कमजोरी महसूस होना
- पसीना आना और कंपकंपी
- भूख कम लगना
क्या है निमोनिया ?
दरअसल, निमोनिया एक गंभीर फेफड़ों का इन्फेक्शन है, जो शरीर के दोनों लंग्स में प्रभावित कर सकता है। निमोनिया की संक्रमण होने से सांस लेने में दिक्कत होती है और फेफड़े भी प्रभावित होते हैं। मेयो क्लीनिक की रिपोर्ट के अनुसार, निमोनिया का समस्या होने से लंग्स में हवा का आदान-प्रदान करने वाली वायु थैलियों में सूजन हो जाती है, बलगम या पस भर जाता है, जिससे बुखार, सिरदर्द, खांसी और सांस लेने में समस्या पैदा होती है। इसका समय रहते इलाज नहीं करवाया गया तो यह गंभीर समस्या का कारण बन सकता है।
सर्दियों में निमोनिया का खतरा क्यों बढ़ता है?
ठंडी हवा
सर्दी के मौसम में ठंडी हवा और कम तापमान से शरीर की इम्यूनिटी कमजोर हो जाती है, जिससे फेफड़ों पर संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है।
वातावरण
सर्दियों में अधिकतर घर की खिड़कियां और दरवाजे बंद रखते हैं, जिससे घर में ताजा हवा का आना-जाना कम हो जाता है। इससे बैक्टीरिया और वायरस के पनपने की संभावना बढ़ जाती है।
वायरल संक्रमण
सर्दियों में फ्लू और सर्दी जैसे वायरल संक्रमण आम होते हैं, जो फेफड़ों को कमजोर कर सकते हैं और निमोनिया का कारण बन सकते हैं।
निमोनिया का घरेलू इलाज
योग गुरु एवं आयुर्वेद एक्सपर्ट बाबा रामदेव अक्सर हेल्थ से जुड़ी समस्या के उपचार और बचाव बताते रहते हैं। बीमारियों से बचाव को लेकर बाबा रामदेव अपने सोशल मीडिया पर वीडियो शेयर कर लोगों को जागरूक करते रहते हैं। बाबा रामदेव ने अपनी एक वीडियो में निमोनिया से राहत पाने का घरेलू उपचार बताया है। बाबा रामदेव के मुताबिक, तुलसी के पत्तों और अदरक का रस निकालकर, उसमें शहद मिलाकर चाटने से निमोनिया से राहत मिलेगी। इसके अलावा बच्चों की छाती में लौंग और यूकेलिप्टस का तेल मिलाकर हल्का गुनगुना करके लगाने से भी फायदा होगा। ऐसे गर्म पानी की भाप लेना भी फायदेमंद हो सकता है।
इसके अलावा लौंग और गुड़ में भी कई बीमारियों का इलाज छिपा हुआ है। गुड़ और लौंग के सेवन से शरीर में खून साफ होने से लेकर पाचन तंत्र भी मजबूत होता है।