अनाज हमारी डाइट का अहम हिस्सा हैं जिसका सेवन हम दिन भर के खाने में तीन बार करते हैं। अनाज की बात करें तो इसमें दालें,चावल, गेहूं का आटा और कई तरह की फलियां आती है। इस अनाज का सेवन कई रूपों और कई तरह के खाने में करते हैं। गेहूं हमारा मुख्य अनाज है जिसका सेवन हम आमतौर पर रोटी बनाने में करते हैं। गेहूं को कई तरह के पकवानों में अलग-अलग तरीके से इस्तेमाल किया जाता है। गेहूं को पीसकर आटा बनता है जिसे रोटी बनाई जाती है। ब्रेड, कुकीज, केक, दलिया, पास्ता, रस, सिवईं और नूडल्स बनाने में भी गेहूं का इस्तेमाल होता है।
अब सवाल ये उठता है कि गेहूं का सेवन उसका आटा बनाकर करें या फिर सूजी बनाकर करें जिससे सेहत को ज्यादा फायदा हो। गेहूं का सेवन अगर उसका आटा बनाकर करें तो वेट लॉस हो सकता है और डायबिटीज कंट्रोल रह सकती है? आइए एक्सपर्ट से जानते हैं कि पेट की सेहत के लिए गेहूं ज्यादा फायदेमंद है या सूजी?
सूजी क्या है?
सूजी जिसे रवा भी कहते हैं, ये दानेदार गेहूं का आटा है जो मोटी बनावट का होता है। इसका दूसरा नाम सेमोलीना है जिसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जाना जाता है। भारत और पाकिस्तान में इसे सूजी और रवा के नाम से जानते हैं। सूजी ड्यूरम गेहूं से बनाई जाती है जो गेहूं की किस्म है। इसकी बनावट खुरदरी होती है और इसका उपयोग उपमा, पास्ता, रवा इडली और हलवा जैसे फूड बनाने में किया जाता है।
इंद्रप्रस्थ अपोलो अस्पताल में इंटरनल मेडिसिन में सीनियर कंसल्टेंट डॉ गुप्ता के इंडियन एक्सप्रेस में छपे एक लेख के मुताबिक 100 ग्राम सूजी में लगभग 350-360 कैलोरी होती है, 72 ग्राम कार्बोहाइड्रेट, 12 ग्राम प्रोटीन और 1 ग्राम वसा होती है। इसमें फाइबर लगभग 3 ग्राम होता है जो काफी कम है। इसमें कुछ आवश्यक खनिज जैसे आयरन और मैग्नीशियम, बी विटामिन जैसे थायमिन और नियासिन होते हैं।
कार्बोहाइड्रेट से भरपूर होने के कारण सूजी एनर्जी का एक बेहतरीन स्रोत है जिसका सेवन नाश्ते या प्री-वर्कआउट फूड के लिए बेस्ट है। सूजी का ग्लाइसेमिक इंडेक्स मध्यम होता है, यह प्रोसेस आटे की तुलना में शुगर के स्तर में धीमी वृद्धि करता है। इसमें मध्यम मात्रा में प्रोटीन होता है जो मांसपेशियों की मरम्मत और विकास के लिए फायदेमंद है। सूजी को आम तौर पर पेट के लिए हल्का माना जाता है। पाचन से जुड़ी परेशानियों को दूर करने में सूजी का सेवन बेस्ट है।
आटा के पोषक तत्व
गेहूं का बारीक पिसा हुआ रूप आटा है जो साबुत गेहूं के दानों से बनाया जाता है। इसका उपयोग आमतौर पर रोटी, चपाती और पराठे बनाने के लिए किया जाता है। 100 ग्राम गेहूं में लगभग 340-350 कैलोरी होती है जिसमें 71 ग्राम कार्बोहाइड्रेट, 12-13 ग्राम प्रोटीन और लगभग 2 ग्राम वसा होती है। आंटा और सूजी में मुख्य अंतर इसकी फाइबर सामग्री है। आटा में सूजी की तुलना में फाइबर काफी अधिक होता है। आटा विटामिन और खनिज जैसे आयरन, मैग्नीशियम और विटामिन बी (फोलेट, राइबोफ्लेविन और नियासिन) से भी समृद्ध है।
आटा और मैदा में कौन सा है ज्यादा बेहतर
आटा, संपूर्ण गेहूं का आटा है, इसमें सूजी की तुलना में बहुत अधिक फाइबर होता है। इसका सेवन करने से पाचन दुरुस्त रहता है। ये भूख को कंट्रोल करता है, वजन भी कम करने में मदद करता है और ब्लड शुगर के स्तर को कंट्रोल करता है। सूजी और आटा दोनों में मध्यम से निम्न ग्लाइसेमिक होता है, लेकिन उच्च फाइबर सामग्री के कारण आटे को सूजी से ज्यादा बेस्ट माना जाता है। आटे का सेवन सूजी के सेवन की तुलना में ब्लड शुगर को धीरे-धीरे बढ़ाता है। डायबिटीज मरीजों के लिए आटा ही ज्यादा बेहतर है।