बॉडी को हेल्दी रखना है तो बॉडी को एक्टिव रखना भी जरूरी है। बॉडी एक्टिव रखने से मकसद है कि आपकी बॉडी हरकत में रहें। आप दिन में कम से कम 40 मिनट तक बॉडी के सभी अंगों को हरकत में रखें। बॉडी को एक्टिव रखने के लिए आप वर्कआउट कर सकते हैं, वॉक कर सकते हैं, खाने के बाद टहल सकते हैं, साइकिल चला सकते हैं,स्विमिंग कर सकते हैं। एक्सरसाइज़ शारीरिक और मानसिक सेहत के लिए बहुत ज़रूरी है।
वॉकिंग सबसे आसान और असरदार एक्सरसाइज़ में से एक है, जिसे दुनियाभर में करोड़ों लोग करना पसंद करते हैं। इसमें किसी खास उपकरण की जरूरत नहीं होती, इसे कहीं भी कभी भी किया जा सकता है और इससे सेहत को कई तरह के फायदे भी ,मिलते हैं। वॉक को लेकर अक्सर लोगों के मन में यह सवाल रहता है कि कितनी देर चलना चाहिए, कितने स्टेप्स लेने चाहिए, कितनी देर चलना ठीक है, या कितनी तेज़ी से चलना चाहिए?
आजकल सबसे ज्यादा चर्चा में जो तरीका है वो है रोज़ 10,000 कदम चलना। लेकिन अब एक जापानी वॉकिंग टेक्नीक भी फिटनेस की दुनिया में काफी पॉपुलर हो रही है, लेकिन सवाल ये उठता है कि जापानी तकनीक वजन घटाने का बेस्ट तरीका है या फिर रोजाना 10,000 कदम चलना। हार्वर्ड और स्टैनफोर्ड से पढ़े हुए कैलिफोर्निया बेस्ड गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट डॉ. सौरभ सेठी ने वजन घटाने के लिए बेहतर तरीका बताया है। आइए एक्सपर्ट से जानते हैं कि दस हजार कदम चलकर या फिर जापानी तरीका अपनाकर तेजी से वजन को कंट्रोल किया जा सकता है।
रोज़ 10,000 कदम चलने के क्या फायदे हैं?
10,000 कदम चलना मतलब करीब 5 मील के बराबर चलना है। फिटनेस की दुनिया में इतना चलना एक पॉपुलर टारगेट बन गया है जिससे शारीरिक और मानसिक कई तरह के फायदे हैं। कई रिसर्च में ये बात साबित हो चुकी है कि रोजाना दस हजार कदम चल कर आप अपने दिल की सेहत को दुरुस्त कर सकते हैं। रोज वॉक करने से हाई बीपी कंट्रोल रहता है और हार्ट अटैक का रिस्क टलता है। रोजाना वॉक करने से डायबिटीज कंट्रोल रहती है और तनाव से भी बचाव होता है।
2022 के एक अध्ययन में यूके में रहने वाले 78,430 वयस्कों में डिमेंशिया के मरीजों की रोज की वॉक के स्टेप्स और तीव्रता को देखा गया। लेखकों ने पाया जिन लोगों ने रोज वॉक की उनमें डिमेंशिया का खतरा कम था। निष्कर्ष बताते हैं कि डिमेंशिया के जोखिम को कम करने के लिए रोजाना लगभग 9800 कदम चलना जरूरी है। हालांकि यह लक्ष्य हर किसी के लिए उपयुक्त नहीं हो सकता है, खासकर उन लोगों के लिए जिन्हें जोड़ों की समस्या है या जिनके पास सीमित समय है, क्योंकि इसे करने के लिए कम से कम एक घंटे का समय लगता है।
जापानी वॉकिंग तकनीक क्या है?
जापानी इंटरवल वॉकिंग (Japanese interval walking) जिसे इंटरवल वॉकिंग ट्रेनिंग (IWT) के नाम से भी जाना जाता है। यह जापान में विकसित एक खास तरीके की वॉकिंग है, जिसमें तेज़ और धीमी चाल को बारी-बारी से चलकर वॉक की जाती है। इस तकनीक में प्रतिदिन 30 मिनट के लिए तीन मिनट धीमी गति से चलने और तीन मिनट तेज चलने को बारी-बारी से शामिल किया जाता है। इसे ही Interval Walking कहा जाता है, क्योंकि इसमें चाल (speed) के बीच intervals यानी समय का अंतर होता हैं।
वजन घटाने के लिए कौन सा तरीका ज्यादा बेहतर है?
डॉ. सौरभ सेठी ट्रेंडिंग जापानी वॉकिंग तकनीक के पक्ष में हैं। एक्सपर्ट ने बताया जापानियों ने पारंपरिक 10,000 कदम चलने की तुलना में अधिक फायदा पहुंचाने वाली वॉकिंग की खोज की है। इसे इंटरवल वॉकिंग कहा जाता है। यानी 3 मिनट धीमी गति से चलने के बाद 3 मिनट तेज चलना है। इस वॉक को कोई भी कभी भी कर सकता है। इस से पैरों पर और हड्डियों पर दबाव नहीं पड़ता। इसे रोजाना 30 मिनट तक करें तो असर काफी प्रभावशाली होगा।
एक्सपर्ट ने बताया रोजाना 10,000 कदम चलने की तुलना में जापानी तकनीक से बॉडी को फायदा होता है। इस वॉक को करने से ब्लड प्रेशर नॉर्मल रहता है और स्ट्रोक का जोखिम भी कम होता है। ये तकनीक मूड में सुधार कर सकती है,इम्यूनिटी को बढ़ा सकती है और नींद को बेहतर कर सकती है। कई रिसर्च में ये बात साबित हो चुकी है कि यह विधि दिल की सेहत और फिटनेस में सुधार करने का बेहतर तरीका है। एक्सपर्ट ने बताया अगर आप इस तरीके को शुरु करना चाहते हैं तो शुरुआत में 3-5 मिनट तक आरामदायक गति से चलें, फिर धीमी और तेज गति से चलें। 3-5 मिनट के कूल डाउन के साथ समाप्त करें। यह वॉक जोड़ों के अनुकूल होती है और इससे समय की बचत होती है।
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