आप जानते हैं कि पाचन को दुरुस्त रखने के लिए सिर्फ डाइट का ध्यान रखना जरूरी नहीं है बल्कि जो डाइट आप ले रहे हैं वो किस तरह से ले रहे हैं इस बात का ध्यान रखना भी जरूरी है। अक्सर हम लोग भागते-दौड़ते जल्दी-जल्दी जो कुछ मिलता है वो खाना या नाश्ता कर लेते हैं। जल्दी बाजी में लोग खड़े होकर भी खाना खा लेते हैं। लेकिन आपने कभी सोचा है कि खड़े होकर खाने या बैठकर खाने से आपके पाचन पर कैसा असर पड़ता है।
आपकी खाने की आदतें पाचन को रेगुलेट करने और ओवर ऑल हेल्थ को दुरुस्त करने में अहम भूमिका निभाती हैं। हम सभी जानते हैं कि खाना आराम से खाया जाए और खाने में संतुलित आहार को भी प्राथमिकता दी जाए और बॉडी को हाइड्रेट रखा जाए तो आसानी से पाचन को दुरुस्त रखा जा सकता है और वजन को भी कंट्रोल किया जा सकता है। अब सवाल ये उठता है कि क्या खाना बैठकर खाने से या फिर खडे़ होकर खाने से पाचन दुरुस्त रहता है। हेनरी फ़ोर्ड हेल्थ के गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट , एमडी मुस्तफ़ा अल-शमरी कहते हैं जब आप खड़े होकर या फिर बैठकर खाना खाते हैं तो आपके भोजन को पचाने के तरीके में केवल मामूली अंतर होता है।
सद्गुरु जग्गी वासुदेव ने पाचन को दुरुस्त करने के लिए, खाने का जल्दी पाचन होने के लिए और ओवर ऑल हेल्थ में सुधार करने के लिए खाना खाने का सही तरीका अपनाने की सलाह दी है। खाने का सही तरही न सिर्फ पाचन को बेहतर करता है बल्कि बीमारियों का भी उपचार करता है। आइए सदगुरू से जानते हैं कि पाचन को दुरुस्त करने के लिए खाने का कौन सा तरीका बेहतर है।
खाना बैठ कर खाएं
सदगुरु ने बताया अगर आप पाचन को दुरुस्त करना चाहते हैं तो खाना बैठकर ही खाएं। बैठकर खाने से आप खाने पर ध्यान देते हैं और खाने का मजा लेकर धीरे-धीरे खाते हैं। धीरे-धीरे बैठकर खाने से खाना आपके पेट में लंबे समय तक रहता है, जिससे आपको खाना खाने के बाद पेट भरा हुआ महसूस होता है। जब आप भोजन के लिए बैठते हैं, तो आप अधिक आराम से खाते हैं, जिससे आपको फूड पॉर्शन कंट्रोल करने में और अतिरिक्त कैलोरी इनटेक से बचने में मदद मिलती है। बैठने पर आप अपने भोजन को अधिक अच्छी तरह से चबाते हैं जिससे पाचन में सहायता मिलती है।
पालथी मारकर बैठकर खाने से पाचन पर कैसा होता है असर?
यौगिक संस्कृति में आपको हमेशा अपने पैरों को क्रॉस करने के लिए कहा जाता है। पालथी मारकर (Cross-legged) बैठकर भोजन करना पाचन तंत्र के लिए बेहद फायदेमंद माना जाता है। यह न केवल भारतीय संस्कृति का हिस्सा है, बल्कि आयुर्वेद और आधुनिक विज्ञान भी इसके कई फायदे बताते हैं। पालथी मारकर खाने से भोजन करते समय पेट और आंतों पर हल्का दबाव पड़ता है, जिससे पाचन प्रक्रिया तेज होती है। यह तरीका पाचन रस (digestive enzymes) के उत्पादन को बढ़ाता है जिससे गैस और अपच की समस्या कम होती है। पालथी मारकर खाने से खून का संचार बेहतर होता है और मेटाबॉलिज्म सही रहता है, जिससे शरीर पोषक तत्वों को अच्छे से अवशोषित करता है। जिन लोगों को घुटनों या जोड़ों में दर्द हो, उन्हें ज़मीन पर पालथी मारकर बैठने में दिक्कत हो सकती है।
खाना चम्मच से नहीं हाथों से खाएं
हाथ से खाना खाने की परंपरा भारतीय संस्कृति, आयुर्वेद और विज्ञान तीनों में अपना एक खास महत्व रखती है। हाथ से खाना खाने से पाचन दुरुस्त रहता है और बॉडी हेल्दी रहती है। जब हम हाथ से खाना खाते हैं तो हमारी उंगलियां, हथेली और मस्तिष्क आपस में कॉर्डिनेट बनाते हैं जिससे पाचन रस और गैस्ट्रिक जूस का उत्पादन बढ़ता है, जिससे खाना जल्दी और अच्छे से पचता है।
खड़े होकर खाने से सेहत पर असर
खड़े होकर खाने से फायदा और नुकसान दोनों हो सकते हैं। कई रिसर्च में ये बात साबित हो चुकी है कि खड़े होकर खाने की तुलना में बैठकर खाने पर आपका पेट ज़्यादा तेज़ी से खाली होता है। गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल परेशानियों वाले लोगों को ये पॉजिशन राहत देती है। खड़े होकर खाने से पेट फूलना, ऐंठन और गैस जैसी परेशानी भी हो सकती है। ये लक्षण इसलिए होते हैं क्योंकि आपका पेट भोजन को पाचन तंत्र में तेज़ी से नीचे ले जाता है। खड़े होकर खाने से आप ज़्यादा तेज़ी से खाते हैं जिससे आप ज़्यादा हवा निगलते हैं। खड़े होकर खाने से पेट फूलना, ऐंठन और गैस जैसी परेशानी भी हो सकती है।
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