वर्तमान समय में मधुमेह एक लाइलाज बीमारी बन चुकी है। इसके साथ ही यह बीमारी दिन पर दिन आम भी बनती जा रही है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, दुनिया भर में इस समय 53।7 करोड़ लोग मधुमेह से पीड़ित हैं। WHO के मुताबिक बीते 30 सालों में मधुमेह पीड़ितों की संख्या में चार गुना वृद्धि हुई है। हालांकि स्वस्थ खानपान के जरिए इसे आसानी से नियंत्रित किया जा सकता है। लेकिन किसी भी तरीके को आजमाने से पहले डायबिटीज के प्रकार को जान लेना काफी जरूरी है। डायबिटीज मुख्य रूप से 3 प्रकार की होती है जिसमें टाइप 1, टाइप 2 और जेस्टेशनल डायबिटीज शामिल है।
टाइप 2 डायबिटीज के मरीजों का शरीर इंसुलिन के प्रति रिस्पॉन्ड नहीं कर पाता है। इस कारण से ब्लड में ग्लूकोज ज्यादा मात्रा में पहुंचने लगता है और स्वास्थ्य परेशानियां बढ़ने लगती है। विशेषज्ञों के मुताबिक इस बीमारी के मुख्य कारण खराब जीवन शैली, मोटापा, ब्लड प्रेशर, स्ट्रेस और नींद की कमी है। आइये जानते हैं कि टाइप 1, टाइप 2 डायबिटीज क्या होती है? और ब्लड शुगर को कैसे कंट्रोल करें-
डायबिटीज के लक्षण क्या हैं? मधुमेह के मरीजों में आमतौर पर ज्यादा प्यास लगना, सामान्य से ज्यादा पेशाब होना, विशेषकर रात में थकान महसूस होना, बिना प्रयास किए वजन कम होना, मुंह में अक्सर छाले हो जाना, असमय आंखों की रोशनी कम होना, घाव भरने में समय लगना जैसे लक्षण देखे जाते हैं। ब्रिटिश नेशनल हेल्थ सर्विस के मुताबिक, टाइप 1 डायबिटीज के लक्षण कम उम्र में ही दिखना शुरू हो जाते हैं। जबकि वहीं, टाइप 2 डायबिटीज ज्यादातर अधेड़ उम्र के लोगों में देखी जाती है।
क्या होता है टाइप 1 और टाइप 2 डायबिटीज: टाइप 1 डायबिटीज के मरीजों के पेंक्रियाज में हार्मोन इंसुलिन बनना बंद हो जाता है। जिससे व्यक्ति के शरीर में ग्लूकोज की मात्रा बढ़ने लगती है। फिलहाल अब तक वैज्ञानिक ये पता लगाने में सफल नहीं हुए हैं कि ऐसा क्यों होता है। लेकिन टाइप 1 डायबिटीज को आनुवंशिकता और वायरल इन्फेक्शन से जोड़कर देखा जाता है। मधुमेह के इस प्रकर से लगभग दस फीसदी लोग पीड़ित होते हैं।
वहीं, टाइप 2 डायबिटीज में पेंक्रियाज में आवश्यकता के हिसाब से इंसुलिन नहीं बनता है या हार्मोन ठीक से काम नहीं करता है। जेस्टेशनल डायबिटीज से अधिकतर गर्भवती महिलाएं पीड़ित हो सकती हैं। दरअसल जेस्टेशनल डायबिटीज महिलाओं का शरीर उनके और बच्चे के लिए पर्याप्त मात्रा में इंसुलिन बनाना बंद कर देता है।
कैसे करें कंट्रोल: मधुमेह से पीड़ित व्यक्तियों को एक्सरसाइज जरूर करना चाहिए। एक्सरसाइज करने से ना सिर्फ वजन कंट्रोल रहेगा बल्कि शुगर भी कंट्रोल रहेगी। इसके अलावा स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक कार्बोहाइड्रेट वाली डाइट ब्लड शुगर को कम करने में बेहद मददगार है। मरीजों को अधिक से अधिक फाइबर वाले फूड का सेवन करना चाहिए। ब्लड शुगर के मरीजों को पानी का अधिक सेवन करना चाहिए ताकि बॉडी हाइड्रेट रहे। इसके साथ ही तनाव से दूर रहें। पर्याप्त नींद लें। क्योंकि तनाव शुगर के स्तर को तेजी से बढ़ाता है।