लहसुन खाने से सेहत को एक साथ कई लाभ मिलते हैं। यही वजह है कि हेल्थ एक्सपर्ट्स इस खास हर्ब को डेली डाइट का हिस्सा बनाने की सलाह देते हैं। खासकर हाई ब्लड प्रेशर, दिल के मरीज, कमजोर इम्यूनिटी और पाचन से परेशान रहने वाले लोगों के लिए लहसुन का सेवन बेहद फायदेमंद माना जाता है। साथ ही कुछ शोध के नतीजें बताते हैं कि लहसुन में मौजूद गुण कुछ खास प्रकार के कैंसर और क्रोनिक बीमारियों के खतरे को कम करने में भी असर दिखा सकता है।

हालांकि, अगर लहसुन का सही तरीके से सेवन नहीं किया जाए, तो आप इससे मिलने वाले तमाम फायदों से वंचित रह सकते हैं। ऐसे में आइए जानते हैं कि आखिर लहसुन को किस तरह डाइट का हिस्सा बनाना चाहिए या इसे खाने का सबसे सही तरीका क्या है-

क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स?

मामले को लेकर पोषण विशेषज्ञ दीपशिखा जैन ने अपने इंस्टाग्राम हैंडल पर एक वीडियो शेयर किया है। इस वीडियो में न्यूट्रिशनिस्ट बताती हैं कि अधिकतर लोग लहसुन से छिकलों को अलग करते हैं, इन्हें काटते हैं और सीधा सब्जी बनाना शुरू कर देते हैं। इससे अलग कई बार खाली पेट लहसुन खाने की सलाह दी जाती है। ऐसे में भी लोग लहसुन की कली को छिलते हैं और इसे सीधा खा लेते हैं। अगर आप भी इन्हीं लोगों में से हैं, तो बता दें कि आप लहसुन को गलत तरीके से खा रहे हैं।

फिर क्या है सही तरीका?

पोषण विशेषज्ञ बताती हैं, लहसुन को छीलने और काटने के बाद इसे कम से कम 10 से 15 मिनट के लिए ऐसे ही छोड़ दें। इसके बाद ही इसे सब्जी बनने के लिए इस्तेमाल करें या इसका सेवन करें। न्यूट्रिशनिस्ट के मुताबिक, लहसुन में एलिसिन एंजाइम पाया जाता है, जो इससे मिलने वाले तमाम फायदों के लिए जिम्मेदार होता है। हालांकि, अगर आप लहसुन को काटने के तुरंत बाद इसे पका लेते हैं तो एलिसिन एंजाइम डीएक्टिवेट हो जाता है। ऐसे में एंजाइम के फायदे पाने के लिए लहसुन को काटने के तुंरत बाद न पकाएं, इससे अलग इसे 10 से 15 के लिए ऐसे ही छोड़ दें। ये तरीका अपनाने पर लहसुन में अधिकतम एलिसिन बनता है और खाना पकाने के दौरान बरकरार रहता है।

क्यों जरूरी है एलिसिन एंजाइम?

कई हेल्थ रिपोर्ट्स बताती हैं कि एलिसिन में एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटीऑक्सीडेंट, एंटीबैक्टीरियल और एंटीकैंसर गुण होते हैं, जो सेहत के लिहाज से अच्छे माने जाते हैं। अब, क्योंकि मानसून में संक्रमक बीमारियों का खतरा अधिक रहता है, ऐसे में लहसुन को सही तरीके से खाने पर इन बीमारियों से बचाव में मदद मिल सकती है। साथ ही ये ब्लड शुगर लेवल, ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल के लेवल को भी कंट्रोल करने में मदद करता है।

Disclaimer: आर्टिकल में लिखी गई सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य जानकारी है। किसी भी प्रकार की समस्या या सवाल के लिए डॉक्टर से जरूर परामर्श करें।