गर्मियों के मौसम में ज्यादातर लोग फूड प्वाइजनिंग का शिकार होते हैं। गली-नुक्कड़ पर मिलने वाले खाने की बात ही कुछ और है। हालांकि स्वाद के चक्कर में अक्सर लोग अपनी सेहत को नजरअंदाज कर देते हैं। दूषित खाने और जल के सेवन से फूड प्वाइजनिंग की बीमारी हो सकती है। कई बार लोग गर्मियों के मौसम में अधिक तैलीय चीजों का भी सेवन कर लेते हैं, जिसके कारण भी फूड प्वाइजनिंग की बीमारी हो सकती है।
फूड प्वाइजिंग के कारण पेट में दर्द, तेज बुखार, उल्टी, सिर में दर्द, दस्त और कमजोरी जैसे लक्षण महसूस होते हैं। फूड प्वाइजनिंग एक तरह का संक्रमण है, जो स्टैफिलोकोकस नाम के बैक्टीरिया, वायरस या फिर अन्य जीवाणु के कारण हो सकता है। यह बैक्टीरिया खाने को खराब कर देता है और दूषित खाने के सेवन से आप संक्रमण की चपेट में आ सकते हैं। हालांकि, यह ऐसी बीमारी है जिसका इलाज आप खुद भी कर सकते हैं। लेकिन गंभीर मामलों में आपको तुरंत डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए।
फूड प्वाइजिंग होने के कारण: दूषित और बासी भोजन का सेवन, खेती के दौरान सिंचाई के लिए ऐसे पशु या मानव मल वाले पानी का इस्तेमाल, खाने-पीने की चीजों में गंदे हाथ लगने के कारण, खाने की चीजों पर मक्खी बैठना, बिना हाथ धोए भोजन करना, अधपके मांस का सेवन, डेयरी उत्पादों को अधिक समय तक फ्रिज से बाहर रखना और घर में इस्तेमाल होने वाले पानी के टैंक की सफाई न होने के कारण भी फूड प्वाइजनिंग की बीमारी हो सकती है। ऐसे में खान-पान के दौरान व्यक्ति को बेहद ही सावधानी बरतने की जरूरत होती है।
फूड प्वाइजनिंग से निजात पाने के घरेलू उपाय:
सेब का सिरका: फूड प्वाइजनिंग की बीमारी से निजात दिलाने में सेब का सिरका काफी कारगर है। क्योंकि, यह बॉडी में मेटाबॉलिज्म रेट को बढ़ाता है। इसका आप पानी में मिलाकर सेवन कर सकते हैं।
तुलसी: औषधीय गुणों से भरपूर तुलसी के पत्तों को एक कटोरी दही में मिला लें। फिर इसमें काली-मिर्च और थोड़ा-सा नमक डालकर सेवन करें। ऐसा करने से आपको फूड प्वाइजनिंग की समस्या से राहत मिल सकती है।
लहसुन: फूड प्वाइजनिंग की समस्या से राहत दिलाने में लहसुन बेहद ही कारगर है। इसके लिए आप लहसुन की कलियों को पानी के साथ खा सकते हैं।