खूबसूरत दुनिया की सुंदरता देखने के लिए आंखों की रोशनी बहुत ही अनमोल है, जिसे बुढ़ापे तक सुरक्षित रखना जरूरी है। हमारे शरीर के सभी अंग बहुत महत्वपूर्ण होते हैं। फिर भी अगर शरीर के सबसे नाजुक और महत्वपूर्ण अंग की बात करें, तो वह आंखें होती हैं। हम अक्सर कुछ ऐसी गलतियां कर देते हैं, जिसके कारण हमारी आंखों की रोशनी कम होने के साथ-साथ गंभीर बीमारी की चपेट में आ जाती है। इसमें मोतियाबिंद बहुत आस समस्या है।
रात को मोतियाबिंद का सबसे बड़ा लक्षण अक्सर धुंधला दृष्टि होता है। खासकर रात के समय या कम रोशनी में यह समस्या और बढ़ जाती है। यह समस्या तब और अधिक महसूस होती है जब कार चलाते समय हेडलाइट्स के कारण चमकदार रोशनी से रोशनी प्रभावित होती है, जिससे आंखों में धुंधलापन और हल्का-सा चकाचौंध दिखाई देता है। इसके अलावा भी मोतियाबिंद के कई अन्य लक्षण होते हैं। हालांकि, आंखों की रोशनी हमेशा अच्छी बनी रहे, इसके लिए आंखों की देखभाल करना बेहद जरूरी है।
अपोलो स्पेक्ट्रा दिल्ली करोल बाग के नेत्र विशेषज्ञ, डॉक्टर संजीव तनेजा के अनुसार, मोतियाबिंद आंखों की एक आम समस्या है। यह समस्या गंभीर हो सकती है अगर समय रहते इसका इलाज न किया जाए। मोतियाबिंद के कारण आंखों की रोशनी ज्यादा प्रभावित होती है।
मोतियाबिंद क्या है? (What is Cataract Disease)
मोतियाबिंद की बीमारी में आंखों में मौजूद लेन्स की पारदर्शिता खोने लगती है, जिसके चलते धुंधला नजर आने लगता है। यदि शुरुआती समय में इस बीमारी की पहचान हो जाती है, तो चश्मे में बदलाव करके और कुछ दवाइयों के सहारे इसे ठीक किया जा सकता है। लेकिन, समस्या बढ़ जाती है तो सर्जरी ही एकमात्र उपाय बचता है। हालांकि, तकनीकी विकास के इस दौर में मोतियाबिंद का ऑपरेशन बेहद सरल हो गया है।
मोतियाबिंद से बचाव के उपाय
मोतियाबिंद की समस्या से बचाव करने के लिए खानपान से लेकर लाइफस्टाइल का खास ध्यान रखना बहुत ही आवश्यक है। खाने में विटामिन C, E, और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर आहार जैसे हरी पत्तेदार सब्जियां, फल और मछली को अपनी डाइट में शामिल करना लाभकारी हो सकता है।
सूरज की किरणों से बचाव
मोतियाबिंद से बचाव के लिए सूरज की किरणों से बचाना चाहिए। सूर्य की हानिकारक UV किरणों से बचने के लिए हमेशा UV-प्रोटेक्टिव चश्मा पहनें।
ब्लू-लाइट से बचाव
अगर आप लंबे समय तक स्क्रीन पर काम करते हैं तो आंखों को आराम देने के लिए ब्रेक लें और ब्लू-लाइट प्रोटेक्टिव चश्मा पहनें। ऐसा करने से आंखों की रोशनी प्रभावित नहीं होगी।
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