प्रोटीन हमारे शरीर के लिए एक जरूरी पोषक तत्व है, जिसे हम अपनी डाइट के माध्यम से प्राप्त करते हैं। हमारा शरीर खुद प्रोटीन नहीं बनाता, लेकिन यह प्रोटीन बनाने के लिए एमिनो एसिड (Amino Acids) का इस्तेमाल करता है। जब हम प्रोटीन युक्त भोजन जैसे दाल, अंडा, दूध आदि खाते हैं, तो शरीर उसे तोड़कर अमीनो एसिड में बदल देता है। फिर ये अमीनो एसिड शरीर में मांसपेशियां (मसल्स) बनाने, ऊतकों (टिशू) की मरम्मत करने, हार्मोन बनाने और इम्यून सिस्टम को मजबूत करने में उपयोग होता हैं। अगर बात करें प्रोटीन डाइट की, तो इसका मतलब होता है कि आप अपनी रोज़ की डाइट में प्रोटीन से भरपूर चीज़ों का सेवन अधिक मात्रा में करते हैं, जबकि कार्बोहाइड्रेट जैसे चावल, रोटी, चीनी और फैट का सेवन कम करते हैं।
प्रोटीन हमारी मांसपेशियों को मजबूत बनाता है, वजन घटाने में मदद करता है और शरीर को ऊर्जा देता है। प्रोटीन युक्त डाइट में शाकाहारी और मांसाहारी दोनों तरह के लोगों के लिए विकल्प मौजूद हैं। अंडा, चिकन, मछली, मटन, दूध, दही और पनीर जैसे खाद्य पदार्थों में प्रोटीन भरपूर मात्रा में पाया जाता है।
शाकाहारी लोगों के लिए दालें, राजमा, छोले, काले चने, सोया और टोफू, पनीर, दूध,दही और छाछ शामिल है। ड्राई फ्रूट्स जैसे बादाम, मूंगफली, काजू,ओट्स, ब्राउन राइस और क्विनोआ का सेवन करने से बॉडी को प्रोटीन हासिल होता है। अब सवाल ये उठता है कि अगर प्रोटीन डाइट का सेवन रोजाना दो हफ्तों तक किया जाए तो सेहत पर कैसा असर होता है।
रूबी हॉल क्लिनिक पूणे में कंसल्टेंट फिजिशियन डॉक्टर समरत शाह ने बताया अगर आप आज से केवल हाई-प्रोटीन डाइट शुरू करते हैं और इसे अगले दो हफ्तों तक जारी रखते हैं, तो शरीर में कुछ बदलाव जरूर देखने को मिलते हैं। बॉडी में होने वाले कुछ बदलाव बॉडी के लिए फायदेमंद और कुछ बदलाव थोड़ा परेशान कर सकते हैं। आइए जानते हैं कि प्रोटीन डाइट का सेवन करने से बॉडी में कौन-कौन से बदलाव आते हैं।
मेटाबॉलिज्म और भूख पर असर
प्रोटीन डाइट का दो हफ्तों तक सेवन करने से जल्दी भूख नहीं लगती और आपकी कैलोरी की खपत कम होती है जिससे आपका वजन घटने लगता है। डॉक्टर शाह के मुताबिक प्रोटीन को पचाने में शरीर को ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है, जिससे ज्यादा कैलोरी बर्न होती है। अगर आप दो हफ्ते तक प्रोटीन खाते हैं तो पहले हफ्ते में भूख कम लगती है, एनर्जी लेवल स्थिर रहता है और वजन में कमी आती है।
मांसपेशियों की होती है मरम्मत
प्रोटीन से मसल्स रिपेयर और ग्रोथ में मदद मिलती है।अगर आप वर्कआउट करते हैं और प्रोटीन डाइट लेते हैं तो मसल्स में दर्द कम हो सकता है। डाइट में पर्याप्त प्रोटीन का सेवन करने से मेटाबॉलिज्म बूस्ट होता है और मसल्स स्ट्रांग होते हैं।
एनर्जी के स्तर पर पड़ता है असर
अगर आप डाइट में प्रोटीन रिच फूड्स ज्यादा खाते हैं और कार्ब्स को कंट्रोल करते हैं तो शरीर को ग्लूकोज की कमी महसूस होती है। कुछ ही दिनों में शरीर फैट को एनर्जी के लिए बर्न करना शुरू कर देता है और कीटोन बनाता है। प्रोटीन ज्यादा और कार्ब्स कम करने से थकान,सिरदर्द, मिजाज़ में चिड़चिड़ापन और ध्यान केंद्रित करने में परेशानी
हो सकती है।
पाचन तंत्र पर असर
अगर आपकी डाइट में सिर्फ प्रोटीन का सेवन करते हैं और फाइबर को इग्नोर करते हैं तो आपका पाचन बिगड़ सकता है। डाइट में प्रोटीन के साथ ही फल, सब्जियां या होल ग्रेन्स नहीं हैं तो शरीर में फाइबर की कमी हो सकती है जिससे पाचन बिगड़ सकता है। बॉडी में प्रोटीन ज्यादा होने से और फाइबर कम होने से कब्ज और पेट दर्द की समस्या हो सकती है।
किडनी और हाइड्रेशन पर पड़ता है असर
ज्यादातर मामलों में सिर्फ दो हफ्ते तक हाई-प्रोटीन डाइट लेने से किडनी को नुकसान नहीं होता। लेकिन प्रोटीन मेटाबॉलिज्म के कारण यूरिन ज्यादा बनने लगता है और शरीर से पानी और इलेक्ट्रोलाइट्स की कमी हो सकती है। इसलिए आपको पानी ज्यादा पीना चाहिए और इलेक्ट्रोलाइट्स का ध्यान रखना चाहिए।
प्रोटीन डाइट लेने से दो हफ्तों में होने वाले प्रमुख बदलाव
दो हफ्तों की हाई-प्रोटीन डाइट से वज़न कम हो सकता है, मसल्स को फायदा मिल सकता है और एनर्जी लेवल भी सुधर सकता है, लेकिन साथ में कुछ साइड इफेक्ट्स जैसे कब्ज, थकान और मूड में चिड़चिड़ापन हो सकता हैं, खासकर अगर आप कार्बोहाइड्रेट का सेवन बहुत कम कर दें। हमेशा संतुलन बनाए रखना जरूरी है।
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