खराब गुणवत्ता वाले तेल का सेवन न सिर्फ मोटापे की वजह बनता है, बल्कि यह दिल से जुड़ी कई गंभीर बीमारियों का खतरा भी बढ़ा सकता है। ऐसे तेलों में मौजूद ट्रांस फैट और अधिक मात्रा में सैचुरेटेड फैट हाई ब्लड प्रेशर, खराब कोलेस्ट्रॉल (LDL) बढ़ाने और धमनियों में फैट जमा होने का कारण बनता हैं। लंबे समय तक इन तेलों का सेवन करने से हार्ट अटैक और स्ट्रोक का जोखिम भी बढ़ सकता है। इसलिए सेहतमंद रहने के लिए सही क्वालिटी और सही मात्रा में तेल का चुनाव बेहद जरूरी है।

ऑलिव ऑयल एक ऐसा तेल है जो दिल, दिमाग और सूजन कम करने वाले फायदों के लिए जाना जाता है। रोज़ाना एक चम्मच ऑलिव ऑयल का सेवन ब्लड प्रेशर को कंट्रोल रखने में भी मदद कर सकता है। जैतून के तेल ब्लड प्रेशर पर सकारात्मक प्रभाव डालता है जिसे कई रिसर्च में प्रमाणित किया जा चुका है। ‘द प्रेडिमेड स्टडी’ (PREDIMED Study) के मुताबिक जो लोग ‘मेडिटेरेनियन डाइट’ (जिसमें एक्स्ट्रा वर्जिन ऑलिव ऑयल मुख्य था) का पालन करते हैं, उनमें सिस्टोलिक और डायस्टोलिक ब्लड प्रेशर में महत्वपूर्ण कमी देखी गई। इस तेल में मौजूद Oleic Acid और Polyphenols रक्त वाहिकाओं (Blood Vessels) को लचीला बनाता हैं।

रोज एक चम्मच जैतून के तेल का सेवन कैसे असरदार है,रिसर्च से समझें

यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया (UC Davis) की रिसर्च में शोधकर्ताओं ने पाया कि रोजाना दो बड़े चम्मच एक्स्ट्रा वर्जिन ऑलिव ऑयल का सेवन करने से केवल 3 हफ्तों के भीतर ब्लड प्रेशर में गिरावट आ सकती है। जैतून के तेल में मौजूद पॉलीफेनोल्स शरीर में ‘नाइट्रिक ऑक्साइड’ के उत्पादन को बढ़ाते हैं, जो नसों को चौड़ा करने और बीपी कम करने में मदद करता है। जर्नल ऑफ हाइपरटेंशन (Journal of Hypertension) की रिपोर्ट में पाया गया कि एक्स्ट्रा वर्जिन ऑलिव ऑयल का सेवन करने वाले ब्लड प्रेशर के मरीजों को अपनी बीपी की दवाओं की खुराक में 48% तक की कमी करने में मदद मिली।

ऑलिव ऑयल कई तरीकों से ब्लड प्रेशर कम करने में सहायक होता है। यह शरीर में ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को कम करता है, जो फ्री रेडिकल्स और एंटीऑक्सीडेंट्स के असंतुलन से पैदा होता है और कोशिकाओं को नुकसान पहुंचा सकता है। इसके अलावा, ऑलिव ऑयल रक्त वाहिकाओं की कार्यक्षमता यानी एंडोथेलियल फंक्शन को बेहतर बनाता है और ब्लड वेसल्स को रिलैक्स करता है, जिससे ब्लड प्रेशर पर सकारात्मक असर पड़ता है।

ऑलिव ऑयल कैसे बीपी को नॉर्मल रखने में करता है मदद

ऑलिव ऑयल की सबसे बड़ी खासियत इसमें मौजूद अनसैचुरेटेड यानी हेल्दी फैट्स हैं, खासतौर पर मोनोअनसैचुरेटेड फैट्स। ये फैट्स खराब कोलेस्ट्रॉल (LDL) को कम करने में मदद करते हैं, जिससे हाई ब्लड प्रेशर, हार्ट डिजीज और स्ट्रोक का खतरा घटता है।  ऑलिव ऑयल में पॉलीफेनॉल्स नामक एंटीऑक्सीडेंट्स पाए जाते हैं, जो सूजन को कम करने और ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस से शरीर की रक्षा करते हैं। ये तत्व रक्त वाहिकाओं को आराम देने और उनकी कार्यक्षमता सुधारने में मदद करते हैं, जो हाई ब्लड प्रेशर को कम करने के लिए जरूरी है।

वर्जिन ऑलिव ऑयल (EVOO) में ये लाभकारी तत्व सामान्य ऑलिव ऑयल की तुलना में अधिक मात्रा में होते हैं। अध्ययनों के अनुसार, अगर डाइट में सैचुरेटेड फैट्स की जगह सीमित मात्रा में वर्जिन ऑलिव ऑयल शामिल किया जाए, तो ब्लड प्रेशर में सुधार देखा जा सकता है। क्लिनिकल स्टडीज़ बताती हैं कि कुछ हफ्तों तक सीमित मात्रा में ऑलिव ऑयल का सेवन करने से हाई ब्लड प्रेशर में हल्की गिरावट आ सकती है। हालांकि इसका असर आपकी पूरी डाइट, फिजिकल एक्टिविटी और शुरुआती ब्लड प्रेशर लेवल पर भी निर्भर करता है।

क्या हाई ब्लड प्रेशर में ऑलिव ऑयल का इस्तेमाल सुरक्षित है?

अगर आपको हाई ब्लड प्रेशर है, तो सैचुरेटेड और ट्रांस फैट्स की जगह ऑलिव ऑयल जैसे अनसैचुरेटेड फैट्स का इस्तेमाल दिल की सेहत के लिए फायदेमंद हो सकता है। रेड मीट, नारियल तेल और पाम ऑयल जैसे सैचुरेटेड फैट्स लंबे समय तक लेने से धमनियों में प्लाक जमने का खतरा बढ़ता है, जिससे हाई ब्लड प्रेशर, हार्ट अटैक और स्ट्रोक का जोखिम बढ़ जाता है। इसके विपरीत अगर आप ऑलिव ऑयल का सेवन करते हैं तो दिल की सेहत दुरुस्त रहती है।

कितनी मात्रा में ऑलिव ऑयल लेना चाहिए?

रोज़ाना 1 से 2 टेबलस्पून ऑलिव ऑयल का सेवन दिल की सेहत के लिए पर्याप्त माना जाता है। इससे न सिर्फ ब्लड प्रेशर कंट्रोल में मदद मिलती है, बल्कि इसके और भी फायदे होते हैं।
रिसर्च के मुताबिक ऑलिव ऑयल कोलेस्ट्रॉल लेवल को बेहतर बनाने में मदद करता है। इसका सेवन करने से पेट भरा-भरा महसूस करता है, जिससे ओवरईटिंग कम होती है। इससे शरीर को नियमित रूप से एंटीऑक्सीडेंट्स मिलते हैं जो बीमारियों से बचाव में मदद करते हैं। ये तेल गट हेल्थ को भी सपोर्ट करता है।

निष्कर्ष

सही तेल का चुनाव और सीमित मात्रा में सेवन से दिल की सेहत बेहतर रहती है और हाई बीपी व कोलेस्ट्रॉल जैसी समस्याओं का खतरा कम होता है। वहीं, खराब गुणवत्ता वाले तेलों का लगातार सेवन मोटापा और गंभीर बीमारियों को बढ़ावा दे सकता है।

डिस्क्लेमर

यह स्टोरी सामान्य जानकारी के उद्देश्य से तैयार की गई है। किसी भी तरह के स्वास्थ्य संबंधी बदलाव या डाइट में परिवर्तन करने से पहले अपने डॉक्टर या योग्य हेल्थ एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें।

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