Dry Fasting for Weight Loss: आज के समय में वजन घटाने के लिए लोग अलग-अलग तरह के डाइट और घंटों-घंटों जिम में पसीना बहाते हैं, कई लोग इंटरमिटेंट फास्टिंग, तो कोई कीटो डाइट को भी फॉलो करते हैं, लेकिन अब इन सब के बीच एक नया ट्रेंड ड्राई फास्टिंग सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बना हुआ है। ड्राई फास्टिंग 36 घंटे का ड्राई फास्ट यानी डेढ़ दिन बिना खाना और बिना पानी के रहना। ड्राई फास्टिंग को लेकर दावा किया जा रहा है कि इससे तेजी से वजन घटाया जा सकता है। ये शरीर की सफाई करता है और मेटाबॉलिज्म बूस्ट करने में असरदार होता है, लेकिन क्या यह सच है? क्या यह शरीर के लिए सुरक्षित है? जयपुर की डाइटिशियन एवं नूट्रिशनिस्ट नेहा दुआ ने ड्राई फास्टिंग के फायदे और नुकसान बताए हैं।

डाइटिशियन नेहा दुआ के मुताबिक, ड्राई फास्टिंग से वजन तेजी से घटता है, इम्यूनिटी बूस्ट होती है और स्किन की हेल्थ भी अच्छी होती है। हालांकि, उन्होंने ड्राई फास्टिंग को लेकर चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि इस विषय पर वैज्ञानिक रिसर्च की भारी कमी है। अब तक जो भी स्टडीज हुई हैं, वे मुख्य रूप से धार्मिक उपवासों पर आधारित हैं और आम लोगों पर इसके प्रभावों का व्यापक अध्ययन नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि अन्य उपवास विधियों में आपको कई फायदे मिल सकते हैं, लेकिन ड्राई फास्टिंग से शरीर डिहाइड्रेट, किडनी और फेफड़ों से जुड़ी समस्याएं हो सकती है।

डायटीशियन के अनुसार, जब शरीर को भोजन और पानी दोनों से दूर रखा जाता है तो यह ‘कीटोसिस’ मोड में चला जाता है, जहां वह फैट को एनर्जी के रूप में उपयोग करता है। इस प्रक्रिया में शरीर कुछ किलो वजन घटा सकता है, लेकिन ध्यान देना होगा कि इसका एक हिस्सा पानी की कमी के कारण होता है, जो दोबारा हाइड्रेट होते ही वापस आ सकता है।

क्या है ड्राई फास्टिंग

ड्राई फास्टिंग को Absolute Fasting भी कहा जाता है। इसमें व्यक्ति ना तो खाना खाता है और ना ही पानी पीता है। इसमें किसी भी तरह का लिक्विड भी नहीं लिया जाता। ये फास्ट आमतौर पर 12, 24 या 36 घंटे तक किया जाता है। हालांकि, इंटरमिटेंट फास्टिंग में पानी, ग्रीन टी जैसी बिना कैलोरी वाली चीजें पी जा सकती हैं, वहीं ड्राई फास्टिंग में ये भी मना है। ड्राई फास्टिंग के दौरान शरीर अपने भीतर जमा टॉक्सिन्स और एक्स्ट्रा फैट को जलाकर एनर्जी बनाता है।

दो प्रकार होते हैं ड्राई फास्टिंग

  • सॉफ्ट ड्राई फास्ट- इसमें आप पानी के संपर्क में आ सकते हैं (जैसे नहाना या ब्रश करना)।
  • हार्ड ड्राई फास्ट- इसमें किसी भी प्रकार का पानी का संपर्क भी नहीं होता।

ड्राई फास्टिंग के नुकसान

  • पानी की कमी
  • किडनी और मूत्र संबंधी समस्याएं
  • फेफड़ों की जटिलताएं
  • पोषण की कमी (न्यूट्रिशनल डेफिसिएंसी)
  • खराब मूड, चिड़चिड़ापन और थकान
  • कब्ज, कम पेशाब और सिरदर्द

36 घंटे के ड्राई फास्टिंग से शरीर पर असर होता है

  • 4 घंटे बाद- पाचन तंत्र धीमा हो जाता है और शरीर जमा हुई एनर्जी को तोड़ना शुरू करता है।
  • 8 घंटे बाद- ब्लड शुगर गिरता है और शरीर ग्लाइकोजन स्टोर्स से एनर्जी लेना शुरू करता है।
  • 12 घंटे बाद- ग्लूकोज खत्म होने पर लिवर फैट को केटोन में बदलने लगता है। यह फैट लॉस की शुरुआत है।
  • 16 घंटे बाद- ऑटोफैजी शुरू होती है। यह एक प्रक्रिया है, जिसमें शरीर अपनी क्षतिग्रस्त कोशिकाओं की मरम्मत करता है।
  • 24 घंटे बाद- शरीर पूरी तरह से फैट बर्निंग मोड में प्रवेश होता है। सूजन घटती है और इंसुलिन की संवेदनशीलता बढ़ती है।
  • 30 घंटे बाद- ग्रोथ हॉर्मोन का स्तर बढ़ता है, जिससे मसल्स टूटने से बचते हैं और फैट लॉस में मदद मिलती है।
  • 36 घंटे बाद- ऑटोफैजी चरम पर पहुंचती है, जिससे शरीर में टिश्यू रीजेनेरेशन और मेटाबोलिक एक्टिविटी में तेजी आती है।

वहीं, NCBI में प्रकाशित एक शोध के मुताबिक, लिवर को हेल्दी रखने के लिए विटामिन ए और विटामिन डी की पर्याप्त मात्रा शरीर में जरूर होनी चाहिए।