डायबिटीज एक ऐसी बीमारी है जिसमें ब्लड में शुगर का स्तर बहुत अधिक हो जाता है। जो भोजन हम खाते है उससे ब्लड में ग्लूकोज का स्तर बढ़ता है। शरीर की कोशिकाओं को ऊर्जा के लिए ग्लूकोज की आवश्यकता होती है जो भोजन से मिलता है। इंसुलिन हार्मोन ग्लूकोज को आपकी कोशिकाओं में जाने में मदद करता है। टाइप-1 डायबिटीज में पैंक्रियाज इंसुलिन का उत्पादन नहीं करता जबकि टाइप-2 डायबिटीज में पैंक्रियाज इंसुलिन का ठीक से उत्पादन नहीं करता या फिर कम उत्पादन करता है।
पर्याप्त इंसुलिन के बिना, ग्लूकोज हमेशा की तरह आपकी कोशिकाओं में नहीं जा सकता है। ग्लूकोज आपके रक्त में बनता है और ब्लड में शुगर का स्तर बढ़ने का कारण बनता है। डायबिटीज के मरीज अगर शुगर को कंट्रोल नहीं करें तो बॉडी के कई अंगों जैसे किडनी, लंग्स और दिल के रोगों का खतरा बढ़ सकता है। डायबिटीज के मरीजों की शुगर बढ़ने से मरीज की आंखों और पैरों को भी नुकसान पहुंच सकता है। डायबिटीज के मरीजों की शुगर बढ़ने पर पैरों में कई तरह की परेशानियां होने लगती है। शुगर बढ़ने पर पैरों में उसके तीन लक्षण देखने को मिलते हैं। आइए जानते हैं कि पैर के किस हिस्से में दर्द ज्यादा रहता है।
डायबिटीज पैरों की समस्याओं का कारण कैसे बनती है?
ब्लड में बढ़ी हुई शुगर पैरों में नसों और रक्त वाहिकाओं को नुकसान पहुंचाती है। पैरों की नसों के डैमेज होने को डायबिटिक न्यूरोपैथी कहा जाता है जिसमें पैरों में सुन्नता, झुनझुनी, दर्द या महसूस करने की क्षमता कम होने लगती है। मरीज को जब पैरों में दर्द महसूस नहीं होता तो उसे पैर में कट, छाला या अल्सर (खुला घाव) होने का पता नहीं लगता। पैरों में संक्रमण होने लगता है जो जल्दी ठीक नहीं होता। पैरों में सेन्सेशम कम होने की वजह से पैरों में दर्द या कट लगने से पैरों को नुकसान पहुंच सकता है।
ब्लड शुगर बढ़ने पर पैरों में दिखते हैं ये 3 लक्षण,
- ब्लड में शुगर का स्तर बढ़ने पर पैरों में सूजन होने लगती है। हेल्थ एक्सपर्ट के मुताबिक पैरों में लगातार सूजन शुगर बढ़ने के संकेत हैं।
- पैरों को घाव को ठीक होने में लम्बा समय लगना भी ब्लड में शुगर का स्तर बढ़ने के संकेत हैं।
- पैरों का सुन्न पड़ना भी ब्लड शुगर बढ़ने के संकेत हैं।
पैर के किस हिस्से में होता है शुगर बढ़ने का अधिक असर:
ब्लड में शुगर का स्तर बढ़ने से पैरों और पंजों में दर्द और सुन्न होने की शिकायत होती है।
इन बातों का रखें ध्यान
- हर दिन अपने पैरों की जांच करें। पैरों पर कोई घाव हैं तो तुरंत डॉक्टर को दिखाएं।
- पैरों की रोज सफाई करें। पैरों को वॉश करके उन्हें सुखाएं।
- अपने डॉक्टर से पूछें कि कॉर्न्स और कॉलस को सुरक्षित रूप से कैसे हटाया जाए।
- पैर के नाखूनों को समय-समय पर काटें।
- चलते समय अपने पैरों की सुरक्षा के लिए हमेशा अच्छी फिटिंग वाले जूते और मोजे या चप्पल पहनें।
- अपने पैरों की गर्मी और ठंड से बचाव करें।