बॉडी को फिट और हेल्दी रखने के लिए बॉडी को एक्टिव रखना जरूरी है। बॉडी को एक्टिव रखने के लिए लोग जिम में वर्कआउट करते हैं, योग और मेडिटेशन करते हैं और ज्यादातर लोग वॉक करते हैं। आप जानते हैं कि वॉक एक बेहद असरदार टूल है जो बॉडी को एक्टिव रखता है। रोजाना वॉक करने से बॉडी हेल्दी रहती है, ब्लड सर्कुलेशन में सुधार होता है और दिल की सेहत दुरुस्त रहती है। रोजाना 40 मिनट की वॉक करना बेहद जरूरी है। आप जानते हैं कि वॉक का असर सिर्फ आपके शरीर पर ही नहीं दिखता बल्कि आपकी ब्रेन हेल्थ भी प्रभावित होती है।

2024 में किए गए एक हालिया अध्ययन में ये बात साबित हो चुकी है रोजाना वॉक करने से अवसाद जैसी बीमारी का इलाज होता है। रिसर्च के मुताबिक रोजाना केवल 5,000 कदम चलने से अवसाद का खतरा काफी हद तक कम हो सकता है। आइए जानते हैं कि डिप्रेशन और वॉक का क्या है कनेक्शन और 5,000 कदम चलना कैसे मैजिकल साबित होता है।

डिप्रेशन और वॉक का क्या है कनेक्शन?

अवसाद एक ऐसी बीमारी है जो दुनिया भर में चिंता का विषय है, जिससे लाखों लोग प्रभावित हैं। WHO के एक डेटा के मुताबिक पूरी दुनिया में इस वक्त करीब 28 करोड़ लोग डिप्रेशन से पीड़ित हैं। शोध के मुताबिक रोजाना चलने से डिप्रेशन के लक्षणों को कंट्रोल किया जा सकता है।  96,000 से अधिक वयस्कों से जुड़े 33 शोधों के एक मेटा-विश्लेषण से पता चला है कि जो लोग रोजाना कम से कम 5000 कदम चलते थे, उनमें अवसाद के लक्षण उन लोगों की तुलना में कम थे जो कम चलते थे। वॉक करने से एंडोर्फिन हॉर्मोन पैदा होता है जो बॉडी का नेचुरल मूड बूस्टर है। नियमित रूप से चलने से कोर्टिसोल जैसे तनाव रसायन भी कम होते हैं जिससे मानसिक स्थिति अधिक संतुलित होती है।

5000 कदम मैजिक संख्या क्यों है?

रोजाना पर्याप्त वॉक करने से मानसिक स्थिति में सुधार होता है। रोजाना 10,000 कदम चलना सेहत के लिए जरूरी है। रिसर्च के मुताबिक अगर आप मानसिक सेहत को दुरुस्त करना चाहते हैं डिप्रेशन का इलाज करना चाहते हैं तो रोजाना 5000 कदम भी पर्याप्त है। रिसर्च में भाग लेने वाले जो लोग रोजाना 5000 से 7499 कदम चले उनमें डिप्रेशन के लक्षणों में कमी देखी गई। रिसर्च के मुताबिक अगर आप रोजाना 30 से 40 मिनट की तेज रफ्तार की सैर करते हैं तो आपकी मानसिक स्थिति बेहतर रहती है।

वॉक करने से मस्तिष्क पर कैसे होता है असर

पैदल चलने से न केवल आपका मूड बेहतर होता है, बल्कि इसका असर आपके मस्तिष्क के काम करने के तरीके पर भी पड़ता है। नियमित रूप से वॉक करने से ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है जिससे ब्रेन की हेल्थ दुरुस्त रहती है। रोजाना वॉक करने से नई मस्तिष्क कोशिकाओं के निर्माण में मदद मिलती है। ये शारीरिक परिवर्तन अवसाद से लड़ने और सामान्य संज्ञानात्मक कार्य में सुधार करने में मदद करता हैं। आउटडोर एक्टिविटी करने से बॉडी को नेचुरल सूरज की रोशनी मिलती है जो आपकी नींद के चक्र को कंट्रोल करती है। वॉक सीजनल मूड चेंज से निपटने में मदद करती है।

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